गाजियाबादः राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के श्मशान घाट हादसे के मामले में पुलिस ने पांचवें आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी का नाम संजय गर्ग है और वह ठेकेदार अजय त्यागी का साथी बताया जा रहा है. अजय त्यागी ने पूछताछ में ये भी खुलासा किया है कि उसने ईओ निहारिका सिंह और जूनियर इंजीनियर को रिश्वत के रूप में 16 लाख रुपये दिए थे. इस का बंटवारा कई लोगों में होने की आशंका है.
बंटवारे के बारे में अजय त्यागी को कोई जानकारी नहीं है. अजय त्यागी ने पूछताछ में बताया है कि निर्माण कार्य जल्दी में पूरा किया गया था. इसके लिए उसने अपने पहचान वाले अन्य ठेकेदार संजय गर्ग की मदद ली थी. पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी प्रेस रिलीज जारी करके दी है.
आरोपी ने दिया यह बयान
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह अजय त्यागी कांट्रेक्टर फर्म का स्वामी है. उसने नगर पालिका परिषद मुरादनगर गाजियाबाद के रेलवे रोड के उखलारसी गांव में श्मशान घाट के सौंदर्यीकरण एवं निर्माण के लिए अप्रैल 2019 में टेंडर अप्लाई किया था. इसका आवंटन उसकी कंपनी के नाम पर हो गया. 14 वें वित्त कार्य के तहत इसका पैसा शासन को पहले ही आ जाता है. टेंडर करीब 55 लाख में छूटा था. इसका कार्य आदेश फरवरी महीने में निर्गत हुआ. 2 माह में कार्य पूरा किया जाना था. इसकी पहली किस्त मार्च में 26 लाख रुपये की मिली थी.
ये किया दावा
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि इसी में से 16 लाख रुपये की रिश्वत दी गई थी. यदि टाइम पर कार्य पूरा नहीं होता तो, सरकार से आया रुपया लैप्स हो जाता. इसलिए निर्माण जल्दी करने के लिए संजय गर्ग की कंपनी की मदद ली गई थी. बाकी का कार्य उसी कंपनी ने किया था. रिश्वत की रकम अधिशासी अधिकारी के कार्यालय में जा कर दी गई थी. इस के बंटवारे की जानकारी होने से आरोपी ने इंकार किया है. आरोपी ने अपने बयान ने माना है कि लालच की वजह से सब लोगों ने गिरोह बनाकर आर्थिक भौतिक लाभ के लिए नगर पालिका मुरादनगर के अधिकारियों एवं इंजीनियर के साथ मिलकर घटिया निर्माण कराया था. ये निर्माण ढहने से 25 लोगों की मौत हो गई.