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गाजियाबाद: कांग्रेस में जिलाध्यक्ष बनने की होड़, 'डैडी' बिगाड़ सकते हैं सबका खेल - कांग्रेस जिलाध्यक्ष

गाजियाबाद में होने वाले संगठन चुनाव को लेकर पार्टी के शीर्ष नेता सुरेंद्र प्रकाश कई उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ सकते हैं. सुरेंद्र प्रकाश गोयल अपने बेटे को अध्यक्ष बनाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे हैं.

सुरेंद्र प्रकाश गोयल.
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Published : Sep 1, 2019, 9:24 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में कांग्रेस की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. अगर इस समय जमीनी स्तर पर संगठन की बात की जाए तो वह न के बराबर है और इसका श्रेय भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जाता है.

कुछ दिनों के बाद जिले में संगठन के चुनाव होने हैं, लेकिन पार्टी में अंदरूनी कलह अभी से देखने को मिल रही है.

आपको बता दें कि कांग्रेस में डैडी के नाम से मशहूर सुरेंद्र प्रकाश कई उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ सकते हैं.

कांग्रेस में जिलाध्यक्ष बनने की होड़.

यह है पूरा मामला
सुरेंद्र प्रकाश पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. उनकी नाराजगी लोकसभा चुनाव के समय उभर कर सामने आई थी. जब टिकट न मिलने के कारण उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र तो खरीद लिया था, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं के समझाने के बाद उन्होंने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया.

अब जबकि जिले में संगठन के चुनाव होने हैं तो ऐसे में सुरेंद्र प्रकाश गोयल अपने बेटे को अध्यक्ष बनाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे हैं. इसके लिए दिल्ली से लेकर लखनऊ तक का चक्कर भी लगा रहे हैं. सुरेंद्र प्रकाश गोयल को कांग्रेस के आलाकमान का करीबी माना जाता है. जिस कारण जिले में महानगर एवं जिला अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में बेचैनी देखी जा रही है.

नेताओं ने किया था इकाइयों को भंग
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद दिल्ली में आयोजित हुई. समीक्षा बैठक के दौरान गाजियाबाद जिले के महानगर और जिला अध्यक्ष आपस में ही भिड़ गए थे. जिसके बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं ने जिले के सभी इकाइयों को भंग कर दिया था. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसी युवा चेहरे को जिले की कमान सौंपती है या फिर परिवारवाद को बढ़ावा देती है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में कांग्रेस की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. अगर इस समय जमीनी स्तर पर संगठन की बात की जाए तो वह न के बराबर है और इसका श्रेय भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जाता है.

कुछ दिनों के बाद जिले में संगठन के चुनाव होने हैं, लेकिन पार्टी में अंदरूनी कलह अभी से देखने को मिल रही है.

आपको बता दें कि कांग्रेस में डैडी के नाम से मशहूर सुरेंद्र प्रकाश कई उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ सकते हैं.

कांग्रेस में जिलाध्यक्ष बनने की होड़.

यह है पूरा मामला
सुरेंद्र प्रकाश पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. उनकी नाराजगी लोकसभा चुनाव के समय उभर कर सामने आई थी. जब टिकट न मिलने के कारण उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र तो खरीद लिया था, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं के समझाने के बाद उन्होंने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया.

अब जबकि जिले में संगठन के चुनाव होने हैं तो ऐसे में सुरेंद्र प्रकाश गोयल अपने बेटे को अध्यक्ष बनाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे हैं. इसके लिए दिल्ली से लेकर लखनऊ तक का चक्कर भी लगा रहे हैं. सुरेंद्र प्रकाश गोयल को कांग्रेस के आलाकमान का करीबी माना जाता है. जिस कारण जिले में महानगर एवं जिला अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में बेचैनी देखी जा रही है.

नेताओं ने किया था इकाइयों को भंग
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद दिल्ली में आयोजित हुई. समीक्षा बैठक के दौरान गाजियाबाद जिले के महानगर और जिला अध्यक्ष आपस में ही भिड़ गए थे. जिसके बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं ने जिले के सभी इकाइयों को भंग कर दिया था. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसी युवा चेहरे को जिले की कमान सौंपती है या फिर परिवारवाद को बढ़ावा देती है.

Intro:गाजियाबाद : दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले में कांग्रेस की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. अगर इस समय जमीनी स्तर पर संगठन की बात की जाए तो वह ना के बराबर है और इसका श्रेय भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जाता है. कुछ दिनों के बाद जिले में संगठन के चुनाव होने हैं. लेकिन पार्टी में अंदरूनी कलह अभी से देखने को मिल रही है. आपको बता दें कि कांग्रेस में डैडी के नाम से मशहूर सुरेंद्र प्रकाश कई उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ सकते हैं.









Body:यह है पूरा मामला :
आपको बता दे कि सुरेंद्र प्रकाश पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. उनकी नाराजगी लोकसभा चुनाव के समय उभर कर सामने आई थी. जब टिकट ना मिलने के कारण उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र तो खरीद लिया था. लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं के समझाने के बाद उन्होंने अपना नामांकन दाखिल नही किया. अब जबकि जिले में संगठन के चुनाव होने हैं तो ऐसे में सुरेंद्र प्रकाश गोयल अपने बेटे को अध्यक्ष बनाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे हैं. इसके लिए दिल्ली से लेकर लखनऊ तक का चक्कर भी लगा रहे हैं. सुरेंद्र प्रकाश गोयल को कांग्रेस के आलाकमान का करीबी माना जाता है. जिस कारण जिले में महानगर एवं जिला अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में बेचैनी देखी जा रही है.


Conclusion:आपको बता दे की लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद दिल्ली में आयोजित हुई समीक्षा बैठक के दौरान गाजियाबाद जिले के महानगर एवं जिला अध्यक्ष आपस में ही भिड़ गए थे. जिसके बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं ने जिले के सभी इकाइयों को भंग कर दिया था. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसी युवा चेहरे को जिले की कमान सौंपती है या फिर परिवारवाद को बढ़ावा देती है.
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