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गाजियाबाद: किसी बच्चे ने नशा किया, तो थाना इंचार्ज पर होगी कार्रवाई

यूपी के गाजियाबाद में सार्वजनिक जगहों पर नशा करने वाले बच्चों को चिह्नित किया गया था. वहीं अब जिस थाना क्षेत्र में बच्चों को नशा करते हुए पाया गया, उस इलाके के थाना इंचार्ज पर कार्रवाई होगी.

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Published : Feb 4, 2020, 8:34 PM IST

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नशा करने पर कार्रवाई.

गाजियाबाद: गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडे ने कुछ समय पहले 'नशा नाश' योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत जिले में सार्वजनिक जगहों पर नशा करने वाले बच्चों को चिह्नित किया गया था. डीएम ने कहा है कि अब जिस थाना क्षेत्र में बच्चों को नशा करते हुए पाया गया, उस इलाके के थाना इंचार्ज पर कार्रवाई होगी.

नशा करने पर कार्रवाई.

नशा सावधान समितियों का गठन
नशा करने वाले बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया था. वहीं स्कूली बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिए 237 स्कूलों में नशा सावधान समितियों का गठन किया गया है. डीएम का कहना है फिर भी कहीं से शिकायत मिलती है तो संबंधित थाना इंचार्ज की जिम्मेदारी मानी जाएगी और उन पर कार्रवाई होगी.

इसे भी पढ़ें- गाजियाबाद: आसान किश्त योजना के तहत पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

कई विभागों के साथ मिलकर बनाया गया 'नशा नाश'
डीएम की चलाई इस 'नशा नाश' मुहिम में कई विभागों का साथ लिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, विद्यालय की नशा सावधान समितियां, समेत अन्य कई सरकारी विभाग शामिल हैं.

सार्वजनिक जगह पर नशा
गाजियाबाद में देखा गया है कि रेलवे स्टेशन और अन्य कई सार्वजनिक जगहों पर कम उम्र के लड़के नशा करते थे. अब उनकी संख्या में कमी देखी गई है. डीएम अजय शंकर पांडे का कहना है कि वह नशे को जड़ से खत्म करना चाहते हैं.

गाजियाबाद: गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडे ने कुछ समय पहले 'नशा नाश' योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत जिले में सार्वजनिक जगहों पर नशा करने वाले बच्चों को चिह्नित किया गया था. डीएम ने कहा है कि अब जिस थाना क्षेत्र में बच्चों को नशा करते हुए पाया गया, उस इलाके के थाना इंचार्ज पर कार्रवाई होगी.

नशा करने पर कार्रवाई.

नशा सावधान समितियों का गठन
नशा करने वाले बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया था. वहीं स्कूली बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिए 237 स्कूलों में नशा सावधान समितियों का गठन किया गया है. डीएम का कहना है फिर भी कहीं से शिकायत मिलती है तो संबंधित थाना इंचार्ज की जिम्मेदारी मानी जाएगी और उन पर कार्रवाई होगी.

इसे भी पढ़ें- गाजियाबाद: आसान किश्त योजना के तहत पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

कई विभागों के साथ मिलकर बनाया गया 'नशा नाश'
डीएम की चलाई इस 'नशा नाश' मुहिम में कई विभागों का साथ लिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, विद्यालय की नशा सावधान समितियां, समेत अन्य कई सरकारी विभाग शामिल हैं.

सार्वजनिक जगह पर नशा
गाजियाबाद में देखा गया है कि रेलवे स्टेशन और अन्य कई सार्वजनिक जगहों पर कम उम्र के लड़के नशा करते थे. अब उनकी संख्या में कमी देखी गई है. डीएम अजय शंकर पांडे का कहना है कि वह नशे को जड़ से खत्म करना चाहते हैं.

Intro:गाजियाबाद के जिस थाना क्षेत्र में बच्चों को नशा करते हुए पाया गया, उस इलाके के थाना इंचार्ज पर कार्यवाही होगी। ये बात गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडेय ने कही है। आपको बता दें गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडे ने कुछ समय पहले "नशा नाश" योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत गाजियाबाद में सार्वजनिक जगहों पर नशा करने वाले बच्चों को चिन्हित किया गया था ।



बाइट अजय शंकर पांडे डीएमBody:संबंधित थाना इंचार्ज पर होगी कार्यवाही


ऐसे नशे के आदि बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया था। स्कूली बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिए, 237 स्कूलों में नशा सावधान समितियों का गठन किया गया है। डीएम का कहना है फिर भी कहीं से शिकायत मिलती है, तो संबंधित थाना इंचार्ज की जिम्मेदारी मानी जाएगी। और उन पर कार्यवाही होगी।


कई विभागों के साथ मिलकर "नशा नाश"

डीएम के "नशा नाश" मुहिम में कई विभागों का साथ लिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, विद्यालय की नशा सावधान समितियां, समेत अन्य कई सरकारी विभाग शामिल है।



Conclusion:सार्वजनिक जगह पर नशा


गाजियाबाद में देखा गया है कि रेलवे स्टेशन और अन्य कई सार्वजनिक जगहों पर कम उम्र के लड़के नशा करते हुए देखे जा सकते थे। उनकी संख्या में कमी देखी गई है। ऐसे लड़के जानलेवा ने शतक करते हैं। डीएम अजय शंकर पांडे का कहना है कि वह नशे को जड़ से खत्म करना चाहते हैं।
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