गाजियाबाद: गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडे ने कुछ समय पहले 'नशा नाश' योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत जिले में सार्वजनिक जगहों पर नशा करने वाले बच्चों को चिह्नित किया गया था. डीएम ने कहा है कि अब जिस थाना क्षेत्र में बच्चों को नशा करते हुए पाया गया, उस इलाके के थाना इंचार्ज पर कार्रवाई होगी.
नशा सावधान समितियों का गठन
नशा करने वाले बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया था. वहीं स्कूली बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिए 237 स्कूलों में नशा सावधान समितियों का गठन किया गया है. डीएम का कहना है फिर भी कहीं से शिकायत मिलती है तो संबंधित थाना इंचार्ज की जिम्मेदारी मानी जाएगी और उन पर कार्रवाई होगी.
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कई विभागों के साथ मिलकर बनाया गया 'नशा नाश'
डीएम की चलाई इस 'नशा नाश' मुहिम में कई विभागों का साथ लिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, विद्यालय की नशा सावधान समितियां, समेत अन्य कई सरकारी विभाग शामिल हैं.
सार्वजनिक जगह पर नशा
गाजियाबाद में देखा गया है कि रेलवे स्टेशन और अन्य कई सार्वजनिक जगहों पर कम उम्र के लड़के नशा करते थे. अब उनकी संख्या में कमी देखी गई है. डीएम अजय शंकर पांडे का कहना है कि वह नशे को जड़ से खत्म करना चाहते हैं.