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6 घंटे बाद भी नहीं हो पाया अंतिम संस्कार, श्मशान घाट पर लगी एंबुलेंस की लाइन - अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार

ईटीवी भारत की टीम ने गाजियाबाद के हिंडन श्मशान घाट का जायजा लिया. ऐसी जमीनी सच्चाई सामने आई है. जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना कितना खतरनाक रूप ले चुका है. एक तरफ सरकारी अमला दावे कर रहा है कि श्मशान घाट पर कोई अव्यवस्था नहीं है तो वहीं दूसरी तरफ परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

श्मशान घाट.
श्मशान घाट.
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Published : Apr 17, 2021, 8:15 PM IST

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: गाजियाबाद के हिंडन श्मशान घाट पर लोग अपनों को अंतिम यात्रा पर विदा करने आए हैं. जिन अपनों ने जिंदगी में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. रिश्तों की डोर कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गई. हिंडन नदी स्थित श्मशान घाट पर लोग बेहद परेशान दिखे. क्योंकि संक्रमण के चलते मृतकों का अंतिम संस्कार होने में काफी वक्त लग रहा था. व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं और शिकायत सुनने वाला कोई है ही नहीं.

जानकारी देते परिजन.

ये भी पढ़ें:-कोरोना के खिलाफ भारत की पहली क्लिनिकली टेस्टेड मेडिसिन की घोषणा

अंतिम संस्कार के लिए लगी लाइन
मृतक के परिजन सुशील का कहना था कि वह शव को एंबुलेंस में लेकर सुबह 8 बजे हिंडन घाट आए थे, लेकिन 2 बजे तक भी अंतिम संस्कार के लिए नंबर नहीं आ पाया है. वेद प्रकाश ने बताया हिंडन घाट के कर्मचारियों का कहना है कि शमशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जगह पूरी भर चुकी है.

एंबुलेंस चालकों का वर्क लोड अधिक बढ़ा
एक निजी अस्पताल के एंबुलेंस चालक ने बताया कि बीते एक हफ्ते में वर्क लोड बहुत अधिक बढ़ गया है, जिसके चलते वे लगातार शवों को विभिन्न श्मशान घाट पहुंचा रहे हैं. इस बीच में पूरी तरह से सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हैं.

श्मशान घाट पर कोई व्यवस्था नहीं
हिंडन घाट पर अंतिम संस्कार के लिए हो रही अव्यवस्था पर जब नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तवर से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि हिंडन शमशान घाट पर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. कोविड और नॉन कोविड शवों का अलग-अलग अंतिम संस्कार करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. अंतिम संस्कार के लिए टोकन वितरित किए जाते हैं, जिसमें क्रमवार शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: गाजियाबाद के हिंडन श्मशान घाट पर लोग अपनों को अंतिम यात्रा पर विदा करने आए हैं. जिन अपनों ने जिंदगी में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. रिश्तों की डोर कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गई. हिंडन नदी स्थित श्मशान घाट पर लोग बेहद परेशान दिखे. क्योंकि संक्रमण के चलते मृतकों का अंतिम संस्कार होने में काफी वक्त लग रहा था. व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं और शिकायत सुनने वाला कोई है ही नहीं.

जानकारी देते परिजन.

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अंतिम संस्कार के लिए लगी लाइन
मृतक के परिजन सुशील का कहना था कि वह शव को एंबुलेंस में लेकर सुबह 8 बजे हिंडन घाट आए थे, लेकिन 2 बजे तक भी अंतिम संस्कार के लिए नंबर नहीं आ पाया है. वेद प्रकाश ने बताया हिंडन घाट के कर्मचारियों का कहना है कि शमशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जगह पूरी भर चुकी है.

एंबुलेंस चालकों का वर्क लोड अधिक बढ़ा
एक निजी अस्पताल के एंबुलेंस चालक ने बताया कि बीते एक हफ्ते में वर्क लोड बहुत अधिक बढ़ गया है, जिसके चलते वे लगातार शवों को विभिन्न श्मशान घाट पहुंचा रहे हैं. इस बीच में पूरी तरह से सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हैं.

श्मशान घाट पर कोई व्यवस्था नहीं
हिंडन घाट पर अंतिम संस्कार के लिए हो रही अव्यवस्था पर जब नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तवर से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि हिंडन शमशान घाट पर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. कोविड और नॉन कोविड शवों का अलग-अलग अंतिम संस्कार करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. अंतिम संस्कार के लिए टोकन वितरित किए जाते हैं, जिसमें क्रमवार शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

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