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गाजियाबाद: ग्रामीण कोर्ट की मांग को लेकर वकील कर रहे प्रदर्शन, आत्मदाह की दी चेतावनी

यूपी के गाजियाबाद में वकील मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना को लेकर बीते 23 दिनों से धरने पर बैठे हैं. इसी क्रम में गुरुवार को अधिवक्ता संजीव ने कहा कि 28 तारीख तक मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना की घोषणा की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे. इसी मांग को लेकर सैकड़ों वकील लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं.

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वकीलों ने ठप किया काम.
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Published : Feb 27, 2020, 3:22 PM IST

गाजियाबाद: जनपद की मोदीनगर तहसील में वकीलों ने अपनी एक मांग को लेकर विरोध किया. इस दौरान यहां के एक वकील ने कहा कि वह 28 तारीख को आत्मदाह कर लेंगे. उन्होंने एक खास मांग पूरी नहीं होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. यहां वकील पिछले 23 दिनों से तहसील परिसर में ही धरने पर बैठे हैं.

वकीलों ने ठप किया काम.

सैकड़ों वकीलों ने की मांग

मोदीनगर तहसील के अधिवक्ता संजीव ने कहा कि 28 तारीख तक मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना की घोषणा की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे. इसी मांग को लेकर सैकड़ों वकील लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. वकील अपनी मांग को लेकर बीते 23 दिनों से मोदीनगर तहसील में धरने पर भी बैठे हुए हैं.

वकीलों ने ठप किया काम

वकीलों ने पिछले 23 दिनों से काम ठप किया हुआ है. यहां तक कि तहसील दिवस में भी वकीलों ने इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. वकील कह रहे हैं कि ग्रामीण कोर्ट बनवा कर रहेंगे.

'इंसाफ का रास्ता हो साफ'

वकीलों का कहना है कि मोदी नगर के लोगों को छोटे-छोटे मामलों में इंसाफ पाने के लिए गाजियाबाद जाना पड़ता है. अगर मोदी नगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट बन जाएगा तो यहीं पर ज्यादातर मुकदमें निबट जाएंगे और इंसाफ में देरी भी नहीं होगी. दूर होने वाली सुनवाई के चलते ज्यादातर लोगों को इंसाफ मिलने में देरी होती है.

गाजियाबाद: जनपद की मोदीनगर तहसील में वकीलों ने अपनी एक मांग को लेकर विरोध किया. इस दौरान यहां के एक वकील ने कहा कि वह 28 तारीख को आत्मदाह कर लेंगे. उन्होंने एक खास मांग पूरी नहीं होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. यहां वकील पिछले 23 दिनों से तहसील परिसर में ही धरने पर बैठे हैं.

वकीलों ने ठप किया काम.

सैकड़ों वकीलों ने की मांग

मोदीनगर तहसील के अधिवक्ता संजीव ने कहा कि 28 तारीख तक मोदीनगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट की स्थापना की घोषणा की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो आत्मदाह कर लेंगे. इसी मांग को लेकर सैकड़ों वकील लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. वकील अपनी मांग को लेकर बीते 23 दिनों से मोदीनगर तहसील में धरने पर भी बैठे हुए हैं.

वकीलों ने ठप किया काम

वकीलों ने पिछले 23 दिनों से काम ठप किया हुआ है. यहां तक कि तहसील दिवस में भी वकीलों ने इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. वकील कह रहे हैं कि ग्रामीण कोर्ट बनवा कर रहेंगे.

'इंसाफ का रास्ता हो साफ'

वकीलों का कहना है कि मोदी नगर के लोगों को छोटे-छोटे मामलों में इंसाफ पाने के लिए गाजियाबाद जाना पड़ता है. अगर मोदी नगर तहसील में ग्रामीण कोर्ट बन जाएगा तो यहीं पर ज्यादातर मुकदमें निबट जाएंगे और इंसाफ में देरी भी नहीं होगी. दूर होने वाली सुनवाई के चलते ज्यादातर लोगों को इंसाफ मिलने में देरी होती है.

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