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RTO की मिलीभगत से फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी ने लिया रेलवे का ठेका, चोरी के 32 ट्रक बरामद

गाजियाबाद पुलिस ने एक फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी का खुलासा किया है. जो RTO की मिलीभगत से चोरी के वाहनों के फर्जी दस्तावेज बनवाकर सरकारी ठेके भी लेती थी. हाल में ही इस कंपनी ने रेलवे से जुड़ा एक करोड़ 95 लाख रुपये का ट्रांसपोर्ट ठेका भी हासिल किया था.

गाजियाबाद में फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी का भंडाफोड़
गाजियाबाद में फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी का भंडाफोड़
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Published : Oct 3, 2021, 10:51 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले में कई राज्यों के RTO में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से 10 करोड़ रुपये के 32 ट्रक बरामद किए हैं. सभी ट्रक लूट और चोरी के हैं, जिन्हें सरकारी कॉन्ट्रेक्ट ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल किया जा रहा था.

हाल ही में लुटेरों की ट्रांसपोर्ट कंपनी ने रेलवे से जुड़ा एक करोड़ 95 लाख रुपये का ट्रांसपोर्ट ठेका भी हासिल किया था. इस मामले में पुलिस जल्द ही कई RTO विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सकती है. इसके अलावा रेलवे का ठेके की प्रक्रिया से जुड़े लोगों से भी पूछताछ हो सकती है.

गाजियाबाद में फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी का भंडाफोड़
गाजियाबाद में कवि नगर पुलिस ने दो दिन पहले एक ट्रक को पकड़ा था. जिसके दस्तावेज फर्जी पाए गए थे. ये दस्तावेज इस तरह से तैयार किए गए थे, जो बिल्कुल असली जैसे थे. ऑनलाइन जांच करने पर भी दस्तावेज के नकली होने की बात नहीं पता चलती थी. इसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो जांच नागालैंड और पंजाब तक पहुंची. इस तरह से पुलिस के हाथ तीन आरोपी आए. जिनके नाम प्रवेंद्र, लीलू और अमित नामदेव हैं और तीनों मेरठ के रहने वाले हैं.

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पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ करने के बाद 32 ट्रक बरामद किए, जो कि चोरी करके हासिल किए गए थे और ये सभी ट्रक नागालैंड और पंजाब के हैं, लेकिन इनके रजिस्ट्रेशन नंबर बदल दिए गए हैं. जो ट्रक रोड पर चलने लायक नहीं रहते थे, उनके रजिस्ट्रेशन नंबर से चोरी और लूट के ट्रकों के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर को बदल दिया जाता था.

इसमें नागालैंड और पंजाब के RTO विभाग के लोगों से सांठगांठ करके फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे. ऑनलाइन चेक करने पर भी फर्जीवाड़ा नहीं पकड़ा जाता था. पुलिस के मुताबिक पटियाला, लुधियाना, संगरूर, शामली, बिजनौर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि के RTO कार्यालय में भी सांठगांठ करके फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए हैं, जिस पर जांच की जा रही है.

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पुलिस के मुताबिक सभी ट्रकों के फर्जी दस्तावेज तैयार करके ज्यादातर रेलवे आदि के सरकारी ट्रांसपोर्ट ठेके लिए जाते थे. जिससे सरकारी माल को ट्रांसपोर्ट किया जाता था. इसी के चलते रास्ते में पुलिस चेकिंग नाम के बराबर होती थी. हाल ही में आरोपी अमित नामदेव की कंपनी नामदेव इंटरप्राइजेज के नाम पर नॉर्दन रेलवे डिवीजन मुरादाबाद से संबंधित, एक करोड़ 95 लाख रुपये का रेलवे का माल परिवहन करने का ठेका भी लिया गया था. जाहिर है इस मामले में अभी कई और नाम सामने आ सकते हैं. पुलिस उन आरटीओ विभाग के लोगों को पकड़ सकती है, जिनकी इसमें मिलीभगत रही है. इसके अलावा यह भी पता लगाया जा रहा है कि सरकारी ठेके लेने के दौरान भी इनके साथ कुछ लोग अन्य सरकारी शामिल तो नहीं थे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले में कई राज्यों के RTO में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से 10 करोड़ रुपये के 32 ट्रक बरामद किए हैं. सभी ट्रक लूट और चोरी के हैं, जिन्हें सरकारी कॉन्ट्रेक्ट ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल किया जा रहा था.

हाल ही में लुटेरों की ट्रांसपोर्ट कंपनी ने रेलवे से जुड़ा एक करोड़ 95 लाख रुपये का ट्रांसपोर्ट ठेका भी हासिल किया था. इस मामले में पुलिस जल्द ही कई RTO विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सकती है. इसके अलावा रेलवे का ठेके की प्रक्रिया से जुड़े लोगों से भी पूछताछ हो सकती है.

गाजियाबाद में फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी का भंडाफोड़
गाजियाबाद में कवि नगर पुलिस ने दो दिन पहले एक ट्रक को पकड़ा था. जिसके दस्तावेज फर्जी पाए गए थे. ये दस्तावेज इस तरह से तैयार किए गए थे, जो बिल्कुल असली जैसे थे. ऑनलाइन जांच करने पर भी दस्तावेज के नकली होने की बात नहीं पता चलती थी. इसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो जांच नागालैंड और पंजाब तक पहुंची. इस तरह से पुलिस के हाथ तीन आरोपी आए. जिनके नाम प्रवेंद्र, लीलू और अमित नामदेव हैं और तीनों मेरठ के रहने वाले हैं.

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पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ करने के बाद 32 ट्रक बरामद किए, जो कि चोरी करके हासिल किए गए थे और ये सभी ट्रक नागालैंड और पंजाब के हैं, लेकिन इनके रजिस्ट्रेशन नंबर बदल दिए गए हैं. जो ट्रक रोड पर चलने लायक नहीं रहते थे, उनके रजिस्ट्रेशन नंबर से चोरी और लूट के ट्रकों के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर को बदल दिया जाता था.

इसमें नागालैंड और पंजाब के RTO विभाग के लोगों से सांठगांठ करके फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे. ऑनलाइन चेक करने पर भी फर्जीवाड़ा नहीं पकड़ा जाता था. पुलिस के मुताबिक पटियाला, लुधियाना, संगरूर, शामली, बिजनौर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि के RTO कार्यालय में भी सांठगांठ करके फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए हैं, जिस पर जांच की जा रही है.

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पुलिस के मुताबिक सभी ट्रकों के फर्जी दस्तावेज तैयार करके ज्यादातर रेलवे आदि के सरकारी ट्रांसपोर्ट ठेके लिए जाते थे. जिससे सरकारी माल को ट्रांसपोर्ट किया जाता था. इसी के चलते रास्ते में पुलिस चेकिंग नाम के बराबर होती थी. हाल ही में आरोपी अमित नामदेव की कंपनी नामदेव इंटरप्राइजेज के नाम पर नॉर्दन रेलवे डिवीजन मुरादाबाद से संबंधित, एक करोड़ 95 लाख रुपये का रेलवे का माल परिवहन करने का ठेका भी लिया गया था. जाहिर है इस मामले में अभी कई और नाम सामने आ सकते हैं. पुलिस उन आरटीओ विभाग के लोगों को पकड़ सकती है, जिनकी इसमें मिलीभगत रही है. इसके अलावा यह भी पता लगाया जा रहा है कि सरकारी ठेके लेने के दौरान भी इनके साथ कुछ लोग अन्य सरकारी शामिल तो नहीं थे.

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