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नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनेंगे दो MRO हब

उत्तर प्रदेश सरकार ने वायुयानों का मेंटीनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग की नीति को मंजूरी दे दी है. इसका सबसे ज्यादा फायदा गौमतबुद्ध नगर जिले को मिलेगा.

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इंटरनेशनल एयरपो
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Published : Jun 30, 2022, 10:57 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : गौतमबुद्ध नगर वासियों के लिए बड़ी खबर है. अब जिले में एक नहीं बल्कि दो MRO हब बनाए जाएंगे. इस बात की जानकारी बुधवार को प्रेस वार्ता करते हुए यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने दी है. जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास देश का सबसे बड़ा एमआरओ हब बनाया जा रहा है. इसके अलावा दूसरे चरण में 1365 जमीन का अधिग्रहण होगा. उसमें भी एक एमआरओ हब बनाया जाएगा.

डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि अभी तक देश के बड़े विमान और काफी एयरक्राफ्ट मरम्मत के लिए सिंगापुर और कोलंबो जैसे देश में जाया करते थे, लेकिन गौतमबुद्ध नगर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास दो एमआरओ हब बनने के बाद देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. यहां पर केवल भारत के ही नहीं बल्कि विदेशी विमानों की भी मरम्मत की जाएगी.

ये भी पढ़ें : जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट: कितना होगा खर्च, कब भर सकेंगे उड़ान, भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट से जुड़े हर सवाल का जवाब पढ़िए

प्रदेश सरकार ने मंगलवार को वायुयानों का मेंटीनेंस, रिपयरिंग और ओवरहालिंग की नीति को मंजूरी दे दी. इसका सबसे अधिक फायदा गौमतबुद्ध नगर जिले को मिलेगा. विमानों के रखरखाव में अभी दूसरे देशों पर निर्भरता है. देश में हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों में विमानों का रखरखाव होता है, लेकिन यह काम बहुत छोटे स्तर पर होता है. अभी तक अधिकतर भारतीय विमानों का मेंटीनेंस सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में कराया जाता है. लेकिन जेवर में हवाई अड्डा शुरू होने के साथ ही एमआरओ के मामले में भी आत्मनिर्भरता आ जाएगी.

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नई दिल्ली/नोएडा : गौतमबुद्ध नगर वासियों के लिए बड़ी खबर है. अब जिले में एक नहीं बल्कि दो MRO हब बनाए जाएंगे. इस बात की जानकारी बुधवार को प्रेस वार्ता करते हुए यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने दी है. जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास देश का सबसे बड़ा एमआरओ हब बनाया जा रहा है. इसके अलावा दूसरे चरण में 1365 जमीन का अधिग्रहण होगा. उसमें भी एक एमआरओ हब बनाया जाएगा.

डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि अभी तक देश के बड़े विमान और काफी एयरक्राफ्ट मरम्मत के लिए सिंगापुर और कोलंबो जैसे देश में जाया करते थे, लेकिन गौतमबुद्ध नगर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास दो एमआरओ हब बनने के बाद देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. यहां पर केवल भारत के ही नहीं बल्कि विदेशी विमानों की भी मरम्मत की जाएगी.

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प्रदेश सरकार ने मंगलवार को वायुयानों का मेंटीनेंस, रिपयरिंग और ओवरहालिंग की नीति को मंजूरी दे दी. इसका सबसे अधिक फायदा गौमतबुद्ध नगर जिले को मिलेगा. विमानों के रखरखाव में अभी दूसरे देशों पर निर्भरता है. देश में हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों में विमानों का रखरखाव होता है, लेकिन यह काम बहुत छोटे स्तर पर होता है. अभी तक अधिकतर भारतीय विमानों का मेंटीनेंस सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में कराया जाता है. लेकिन जेवर में हवाई अड्डा शुरू होने के साथ ही एमआरओ के मामले में भी आत्मनिर्भरता आ जाएगी.

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