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विवादित प्रश्नपत्र हुआ था वायरल, प्रोफेसर को शारदा यूनिवर्सिटी ने किया सस्पेंड - professor prepared a communal question paper

शारदा यूनिवर्सिटी में B.A. पॉलिटिकल साइंस का विवादित पेपर बनाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर वकास फारुख को सस्पेंड किया गया है. यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी करके पूरे प्रकरण पर खेद व्यक्त किया गया है और माफी भी मांगी गई है. मामला B.A. राजनीति विज्ञान के पॉलीटिकल आइडियोलॉजी विषय के पेपर में हिंदुत्व और राइट विंग मूवमेंट पर विवादित सवाल पूछे गये थे, जिसे लेकर विवाद खड़ा हुआ.

विवादित प्रश्नपत्र हुआ था वायरल, प्रोफेसर को शारदा यूनिवर्सिटी ने किया सस्पेंड
विवादित प्रश्नपत्र हुआ था वायरल, प्रोफेसर को शारदा यूनिवर्सिटी ने किया सस्पेंड
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Published : May 8, 2022, 10:59 PM IST

ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा के शारदा यूनिवर्सिटी में उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब वहां के एक प्रोफेसर ने विवादित पेपर बनाया. जब पेपर वायरल हुआ तो यूनिवर्सिटी ने मामले का संज्ञान लिया. साथ ही कमेटी बनाकर मामले की जांच बैठा दी गई है. इसके साथ ही प्रोफेसर वकास फारूख को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है.


शारदा यूनिवर्सिटी में B.A. पॉलिटिकल साइंस का विवादित पेपर बनाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर वकास फारुख को सस्पेंड किया गया है. यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी करके पूरे प्रकरण पर खेद व्यक्त किया गया है और माफी भी मांगी गई है. मामला B.A. राजनीति विज्ञान के पॉलीटिकल आइडियोलॉजी विषय के पेपर में हिंदुत्व और राइट विंग मूवमेंट पर विवादित सवाल पूछे गये थे, जिसे लेकर विवाद खड़ा हुआ.

विवादित प्रश्नपत्र हुआ था वायरल
विवादित प्रश्नपत्र हुआ था वायरल

शारदा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को किया सस्पेंड

शारदा यूनिवर्सिटी में B.A. के विद्यार्थियों से पॉलीटिकल आइडियोलॉजी विषय के प्रश्न पत्र में सवाल पूछा गया कि क्या आप हिंदू राइट विंग फासीवाद और नाजीवाद में समानता पाते हैं? तर्क के साथ समझाएं. यह मामला सार्वजनिक हो गया और सोशल मीडिया पर हिंदूवादी संगठन और समर्थक विश्वविद्यालय का विरोध करने लगे. विवाद खड़ा होने पर यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में खेद व्यक्त करते हुए तत्काल प्रभाव से प्रश्न पत्र बनाने वाले प्रोफ़ेसर को सस्पेंड कर दिया.



शारदा यूनिवर्सिटी की तरफ से कहा गया है कि पूरे प्रकरण में जांच करने के लिए तीन सदस्यों की एक समिति बना दी गई है. यह उच्च स्तरीय समिति हैं, जिसमें विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति को भी शामिल किया गया है. जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी. उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी. यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने कहा कि मैं पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि विश्वविद्यालय में किसी भी तरह और किसी विचारधारा का विरोध नहीं किया जा रहा है. छात्र-छात्राओं को गलत पाठ नहीं पढ़ाया जा रहा है, जिससे सौहार्द बिगड़े.

ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा के शारदा यूनिवर्सिटी में उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब वहां के एक प्रोफेसर ने विवादित पेपर बनाया. जब पेपर वायरल हुआ तो यूनिवर्सिटी ने मामले का संज्ञान लिया. साथ ही कमेटी बनाकर मामले की जांच बैठा दी गई है. इसके साथ ही प्रोफेसर वकास फारूख को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है.


शारदा यूनिवर्सिटी में B.A. पॉलिटिकल साइंस का विवादित पेपर बनाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर वकास फारुख को सस्पेंड किया गया है. यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी करके पूरे प्रकरण पर खेद व्यक्त किया गया है और माफी भी मांगी गई है. मामला B.A. राजनीति विज्ञान के पॉलीटिकल आइडियोलॉजी विषय के पेपर में हिंदुत्व और राइट विंग मूवमेंट पर विवादित सवाल पूछे गये थे, जिसे लेकर विवाद खड़ा हुआ.

विवादित प्रश्नपत्र हुआ था वायरल
विवादित प्रश्नपत्र हुआ था वायरल

शारदा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को किया सस्पेंड

शारदा यूनिवर्सिटी में B.A. के विद्यार्थियों से पॉलीटिकल आइडियोलॉजी विषय के प्रश्न पत्र में सवाल पूछा गया कि क्या आप हिंदू राइट विंग फासीवाद और नाजीवाद में समानता पाते हैं? तर्क के साथ समझाएं. यह मामला सार्वजनिक हो गया और सोशल मीडिया पर हिंदूवादी संगठन और समर्थक विश्वविद्यालय का विरोध करने लगे. विवाद खड़ा होने पर यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में खेद व्यक्त करते हुए तत्काल प्रभाव से प्रश्न पत्र बनाने वाले प्रोफ़ेसर को सस्पेंड कर दिया.



शारदा यूनिवर्सिटी की तरफ से कहा गया है कि पूरे प्रकरण में जांच करने के लिए तीन सदस्यों की एक समिति बना दी गई है. यह उच्च स्तरीय समिति हैं, जिसमें विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति को भी शामिल किया गया है. जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी. उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी. यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने कहा कि मैं पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि विश्वविद्यालय में किसी भी तरह और किसी विचारधारा का विरोध नहीं किया जा रहा है. छात्र-छात्राओं को गलत पाठ नहीं पढ़ाया जा रहा है, जिससे सौहार्द बिगड़े.

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