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ग्रेटर नोएडा: टावर को सील करने से लोगों की नौकरी पर आई आफत

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Published : Jun 15, 2020, 2:19 PM IST

यूपी के ग्रेटर नोएडा के महागुन सोसायटी के लोगों जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. लोगों का कहना है कि टावर में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला था. इस प्रशासन के द्वारा 14 दिन के क्वारंटाइन का समय पूरा कर लिया गया है. फिर भी टावर को सीज ही रखा गया है.

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टावर को सील होने से नौकरी खतरे में.

ग्रेटर नोएडा: जिला प्रशासन कोविड-19 के नियमों का अनुपालन नहीं करने का मामला सामने आया है. ग्रेनो वेस्ट के महागुन सोसायटी के एक टावर के निवासियों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि 14 दिन क्वारंटाइन पीरियड पूरा हो गया है, फिर भी 21 दिन के लिए टावर को सीज कर दिया गया है. इससे लोगों को नौकरी करना मुश्किल हो रहा है.

जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
लगातार जिले में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा बढ़ रहा है. ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बने हॉटस्पॉट महागुन सोसाइटी के कुछ लोगों ने सोमवार को नोएडा प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. लोगों का कहना है कि एक टावर के फ्लैट में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था. टावर में रह रहे लोगों ने कहा कि एक फ्लैट में एक कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से आखिर पूरे टावर को सीज क्यों कर दिया है.

टावर सील.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि जो लोग बाहर कंपनियों में नौकरी करते थे, अब उनकी नौकरी खतरे में आ चुकी है. क्योंकि लोग अब घर बैठकर काम नहीं कर सकेंगे. कंपनी में काम करने वालों को कहना है कि नौकरी पर न जाने से कंपनी नौकरी से निकाल देने की बात कहती है. इसलिए लोगों की मांग है कि सोसायटी के एक टावर को 21 दिन के लिए सील किया जा रहा है. जबकि 14 दिन के लिए ही सीज किया जाना चाहिए.

टावर सील से नौकरी करने वालों को हो रही दिक्कत
सोसाइटी के अंदर 3 जून को 60 साल का एक बुजुर्ग व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था. उसके बाद से सोसाइटी का एक टावर पूरी तरह से सीज है. लेकिन वहां पर रह रहे लोगों का कहना है नोएडा प्रशासन की तरफ से अभी तक बुजुर्ग व्यक्ति के परिवार की भी कोविड-19 की जांच नहीं की गई और न ही उस टावर में रह रहे और लोगों की जांच की गई. फिर भी इन लोगों पर पाबंदियां पहले की तरह ही हैं. लोग नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं.

ग्रेटर नोएडा: जिला प्रशासन कोविड-19 के नियमों का अनुपालन नहीं करने का मामला सामने आया है. ग्रेनो वेस्ट के महागुन सोसायटी के एक टावर के निवासियों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि 14 दिन क्वारंटाइन पीरियड पूरा हो गया है, फिर भी 21 दिन के लिए टावर को सीज कर दिया गया है. इससे लोगों को नौकरी करना मुश्किल हो रहा है.

जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
लगातार जिले में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा बढ़ रहा है. ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बने हॉटस्पॉट महागुन सोसाइटी के कुछ लोगों ने सोमवार को नोएडा प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. लोगों का कहना है कि एक टावर के फ्लैट में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था. टावर में रह रहे लोगों ने कहा कि एक फ्लैट में एक कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से आखिर पूरे टावर को सीज क्यों कर दिया है.

टावर सील.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि जो लोग बाहर कंपनियों में नौकरी करते थे, अब उनकी नौकरी खतरे में आ चुकी है. क्योंकि लोग अब घर बैठकर काम नहीं कर सकेंगे. कंपनी में काम करने वालों को कहना है कि नौकरी पर न जाने से कंपनी नौकरी से निकाल देने की बात कहती है. इसलिए लोगों की मांग है कि सोसायटी के एक टावर को 21 दिन के लिए सील किया जा रहा है. जबकि 14 दिन के लिए ही सीज किया जाना चाहिए.

टावर सील से नौकरी करने वालों को हो रही दिक्कत
सोसाइटी के अंदर 3 जून को 60 साल का एक बुजुर्ग व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था. उसके बाद से सोसाइटी का एक टावर पूरी तरह से सीज है. लेकिन वहां पर रह रहे लोगों का कहना है नोएडा प्रशासन की तरफ से अभी तक बुजुर्ग व्यक्ति के परिवार की भी कोविड-19 की जांच नहीं की गई और न ही उस टावर में रह रहे और लोगों की जांच की गई. फिर भी इन लोगों पर पाबंदियां पहले की तरह ही हैं. लोग नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं.

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