नई दिल्ली/नोएडा: बीते चार महीने से नोएडा प्राधिकरण पर 81 गांव के किसान अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. साल के आखिरी दिन नोएडा प्राधिकरण द्वारा किसानों की मांगें शासन को भेजकर उन्हें पूरा करने का आश्वासन दिया गया है, जिसके किसानों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया है.
नोएडा प्राधिकरण पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगें को पूरा करने का आश्वासन मिला है, जिसके बाद किसानों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया है. किसानों का कहना है कि हमारी सभी मांगें प्राधिकरण द्वारा मान ली गई हैं, जिसके बाद हम अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं. प्राधिकरण, किसानों की मांगों को शासन को भेज रहा है. धरना प्रदर्शन खत्म किए जाने के दौरान नोएडा से सांसद डॉ. महेश शर्मा और विधायक पंकज सिंह भी मौजूद रहे.
धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पुश्तैनी जमीन में नामकरण, आवासीय भूखंड में रक्त संबंधों में ट्रांसफर, आबादी में 450 रुपये प्रति वर्ग मीटर से बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर किया जाए. इसके साथ ही किसानों की यह भी मांग है कि पहले की तरह पांच फीसदी आवंटित भूखंड में रियायती दर पर व्यवसायिक गतिविधियां चलाने की अनुमति दी जाए.
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किसानों के पांच प्रतिशत विकसित आबादी भूखंडों के व्यवसायिक उपयोग अनुरूप विषयक प्रकरण में प्राधिकरण द्वारा बोर्ड बैठक में निर्णय लिए जाने की बात कही गई है. वहीं किसानों द्वारा मांग की गई कि नोएडा स्टेडियम में खेल संबंधी जिन खेलों की गतिविधियां नहीं है उन्हें पूरा किया जाए और स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाकर मल्टी स्पोर्ट्स कंपलेक्स बनाया जाए. सबसे आखिरी मांग थी कि किसानों के गांव में एक पुस्तकालय भी बनाया जाए. कुल 15 सूत्रीय किसानों द्वारा मांगें रखी गईं, जिस पर नोएडा प्राधिकरण के एसीओ द्वारा शासन स्तर से पूरा कराने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद आज किसानों ने अपना धरना प्रदर्शन चार महीने बाद खत्म कर दिया.
आंदोलन कर रहे 81 गांव के किसानों का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा का कहना है कि चार महीने तक चले इस धरना प्रदर्शन में विशेष योगदान मातृशक्ति का रहा, जिन्होंने लगातार पूरी तरीके से धरने को सफल बनाया. आज किसानों की जीत जो हुई है, उसमें सभी 81 गांवों के किसानों का सहयोग प्राप्त है. किसानों के आगे नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि आए और किसानों द्वारा उठाई गई मांगों को पूरा करने का पूरी तरीके से आश्वासन दिया गया है. जिसके चलते यह धरना प्रदर्शन समाप्त किया गया है.