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आंदोलनकारी किसानों के लिए गाजियाबाद में शुरू हुआ सिनेमा हॉल - गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के लिए सिनेमा हॉल

गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में सिनेमा हॉल की व्यवस्था की गई है. इसमें प्रोजेक्टर के माध्यम से महान हस्तियों से संबंधित फिल्में दिखाई जा रही हैं.

cinema hall in ghazipur border
आंदोलनकारी किसानों के लिए सिनेमा हॉल.
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Published : Jan 12, 2021, 9:43 PM IST

गाजियाबाद: किसान आंदोलन में रोजाना नए-नए रंग देखने को मिल रहे हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर अब किसानों के लिए सिनेमा हॉल की व्यवस्था की गई है. यहां पर सांझी सत्थ बनाई गई है. इसमें प्रोजेक्टर के माध्यम से बड़ी स्क्रीन की व्यवस्था की गई है. दिन में महान हस्तियों से संबंधित फिल्में किसानों को दिखाई जाती हैं. यही नहीं, इसी प्रोजेक्टर की स्क्रीन पर किसान परिवारों के बच्चों की ऑनलाइन स्टडी की भी व्यवस्था की गई है. इस काम को अमलीजामा बेंगलुरू से लॉ की स्टडी छोड़कर आई रवनीत कौर पहना रही हैं.

आंदोलित किसानों के लिए सिनेमा हॉल.
पति ने भी दिया साथ रवनीत के पति मंजीत सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. मंजीत का कहना है कि उन्होंने नौकरी होल्ड कर यहां आने का फैसला लिया. किसानों के बीच सेवाएं दे रहे हैं, तब तक वापस नहीं जाएंगे, जब तक आंदोलन चलेगा. बता दें कि सांझी सत्थ का मतलब सबकी चौपाल होता है.


ये भी पढ़ें: गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की फ्री शेविंग कर रहा उत्तराखंड का शाहनवाज


सांझी सत्थ में ही बनाई गई लाइब्रेरी
इसी जगह पर प्रोजेक्टर और बड़ी स्क्रीन के अलावा वाईफाई और ऑनलाइन स्टडी के साथ लाइब्रेरी की व्यवस्था भी की गई है. यहां पर किताबें लगातार पहुंच रही हैं. किसानों की सेवा करने वाले दानदाता यहां पर किताबें पहुंचा रहे हैं. बच्चों को अगर कोर्स की कोई किताब उपलब्ध नहीं होती है, तो ऑनलाइन डाउनलोड कर सिलेबस दिया जाता है. आंदोलन के बीच में यह मिनी स्कूल काफी पॉपुलर हो रहा है. यह स्कूल के साथ सिनेमा हॉल और लाइब्रेरी भी है.

गाजियाबाद: किसान आंदोलन में रोजाना नए-नए रंग देखने को मिल रहे हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर अब किसानों के लिए सिनेमा हॉल की व्यवस्था की गई है. यहां पर सांझी सत्थ बनाई गई है. इसमें प्रोजेक्टर के माध्यम से बड़ी स्क्रीन की व्यवस्था की गई है. दिन में महान हस्तियों से संबंधित फिल्में किसानों को दिखाई जाती हैं. यही नहीं, इसी प्रोजेक्टर की स्क्रीन पर किसान परिवारों के बच्चों की ऑनलाइन स्टडी की भी व्यवस्था की गई है. इस काम को अमलीजामा बेंगलुरू से लॉ की स्टडी छोड़कर आई रवनीत कौर पहना रही हैं.

आंदोलित किसानों के लिए सिनेमा हॉल.
पति ने भी दिया साथ रवनीत के पति मंजीत सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. मंजीत का कहना है कि उन्होंने नौकरी होल्ड कर यहां आने का फैसला लिया. किसानों के बीच सेवाएं दे रहे हैं, तब तक वापस नहीं जाएंगे, जब तक आंदोलन चलेगा. बता दें कि सांझी सत्थ का मतलब सबकी चौपाल होता है.


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सांझी सत्थ में ही बनाई गई लाइब्रेरी
इसी जगह पर प्रोजेक्टर और बड़ी स्क्रीन के अलावा वाईफाई और ऑनलाइन स्टडी के साथ लाइब्रेरी की व्यवस्था भी की गई है. यहां पर किताबें लगातार पहुंच रही हैं. किसानों की सेवा करने वाले दानदाता यहां पर किताबें पहुंचा रहे हैं. बच्चों को अगर कोर्स की कोई किताब उपलब्ध नहीं होती है, तो ऑनलाइन डाउनलोड कर सिलेबस दिया जाता है. आंदोलन के बीच में यह मिनी स्कूल काफी पॉपुलर हो रहा है. यह स्कूल के साथ सिनेमा हॉल और लाइब्रेरी भी है.

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