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किसान प्रोटेस्ट: 'गूगल से रोटी नहीं मिलती, किसान मेहनत करता है तब अनाज मिलता है'

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Published : Dec 20, 2020, 1:31 PM IST

नोएडा में किसानों का प्रदर्शन लगातार 25 दिनों से जारी है, जिसकों लेकर किसानों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को माने और समझे की सिर्फ डिजिटल इंडिया ही सब कुछ नहीं है. क्योंकि गूगल से रोटी नहीं मिलती, किसान मेहनत करता है तब अनाज मिलता है'

गूगल से रोटी नहीं मिलती, किसान मेहनत करता है तब अनाज मिलता है'गूगल से रोटी नहीं मिलती, किसान मेहनत करता है तब अनाज मिलता है'
गूगल से रोटी नहीं मिलती, किसान मेहनत करता है तब अनाज मिलता है'

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 14 ए चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसान तीनों कृषि बिल की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं. नोएडा से दिल्ली जाने वाले चिल्ला बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है. 20 दिनों से आवाजाही पूरी तरीके से बाधित है. किसानों ने बताया कि आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के लिए शोक सभा रखी गई है और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन के माध्यम से काले कानून की वापसी की मांग की गई है.

'गूगल से रोटी नहीं मिलती
पीएम मोदी किसानों के मन की बात करें

किसान नेता देवेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी, उन्होंने कहा कि किसान देश का पेट भरता है और आज किसानों को मजबूरन भूखे पेट सोना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात करते हैं, अब वक्त आ गया है कि PM मोदी किसानों के मन की बात करें और किसानों के हितों का ध्यान रखें.


गूगल से रोटी नहीं निकलती

जिला बॉर्डर पर आक्रोशित किसान नेता आशीष निरंजन सिंह ने कहा कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि डिजिटल इंडिया ही सब कुछ नहीं है. देश जो रोटी खाता है वह गूगल नहीं बल्कि किसान उगाता है. उन्होंने सरकार को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक किसान बिल वापस नहीं होता और एमएसपी में संशोधन नहीं किया जाता है.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 14 ए चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसान तीनों कृषि बिल की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं. नोएडा से दिल्ली जाने वाले चिल्ला बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है. 20 दिनों से आवाजाही पूरी तरीके से बाधित है. किसानों ने बताया कि आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के लिए शोक सभा रखी गई है और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन के माध्यम से काले कानून की वापसी की मांग की गई है.

'गूगल से रोटी नहीं मिलती
पीएम मोदी किसानों के मन की बात करें

किसान नेता देवेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी, उन्होंने कहा कि किसान देश का पेट भरता है और आज किसानों को मजबूरन भूखे पेट सोना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात करते हैं, अब वक्त आ गया है कि PM मोदी किसानों के मन की बात करें और किसानों के हितों का ध्यान रखें.


गूगल से रोटी नहीं निकलती

जिला बॉर्डर पर आक्रोशित किसान नेता आशीष निरंजन सिंह ने कहा कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि डिजिटल इंडिया ही सब कुछ नहीं है. देश जो रोटी खाता है वह गूगल नहीं बल्कि किसान उगाता है. उन्होंने सरकार को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक किसान बिल वापस नहीं होता और एमएसपी में संशोधन नहीं किया जाता है.

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