नोएडा: वायु प्रदूषण सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. नोएडा की हवा सबसे ज्यादा जहरीली साबित हो रही है. स्थिति बिगड़ने पर जिलाधिकारी ने आपात बैठक बुलाकर स्कूलों में बाहरी आयोजनों जैसे कि खेलकूद और प्रार्थना आदि पर रोक लगा दी. सोमवार के हालातों पर मंथन करने के बाद स्कूलों को बंद करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा.
जिला प्रशासन ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण को पत्र लिखकर प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने को कहा है. पर्यावरण प्रदूषण निरोधक और नियंत्रण प्राधिकरण के दिशा निर्देशों का प्राधिकरणों को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए है.
ईपीसीए ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिए निर्देश
स्मॉग की वजह से हालात दमघोंटू हो चुके हैं. दिनों दिन स्थिति गंभीर होती जा रही है. ईपीसीए एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिशा निर्देश जारी कर चुका है. इसके तहत निर्माण कार्यो पर पांच नवंबर तक रोक लगा दी गई है. आग जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, हॉट मिक्स प्लांट एवं स्टोन क्रेशर बंद करने, सड़कों की सफाई केवल मैकेनिकल तरीके से कराने के निर्देश दिए है.
डीजल जनरेटर सेट के संचालन पर प्रतिबंध
इसके अलावा सिर्फ जिगजैग तकनीक का इस्तेमाल करने वाले ईंट भट्टियों के संचालन की अनुमति दी गई हैं. आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य के लिए डीजल जनरेटर सेट के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. कोयला आधारित उद्योगों को भी पांच नवंबर तक बंद कर दिया गया है.
सामने नहीं आ रहे अपेक्षित परिणाम
जिला प्रशासन ईपीसीए के निर्देशों को सख्ती से लागू करने में जुटा है. इसके बावजूद अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं. जिलाधिकारी बीएन सिंह ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण को पत्र भेजकर अपने-अपने क्षेत्र में ईपीसीए के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने का आग्रह किया है.
लगाए जा रहे हैं वायलेशन जुर्माने
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ का कहना है कि प्रदूषण के रोकथाम के लिए कई आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. सिटी की 50 मेन रोड पर लगातार प्राधिकरण के वाटर टैंकरों के जरिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है. कंस्ट्रक्शन साइट की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और वायलेशन जुर्माने भी लगाए जा रहे हैं. साथ ही वहां धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है. कूड़े को जलाने की शिकायतें पर भी कार्रवाई की जा रही है.