ETV Bharat / state

चिल्ला बॉर्डर: ठंड से बचने के लिए किसानों ने लगाए गए 'ईंधन गीजर टेंट'

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर पिछले 24 दिनों से लगातार कड़ाके की सर्दी में धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों को ठंड से बचाने के लिए रजाई-गद्दे के साथ ही टेंट की व्यवस्था पुलिस ने की है. साथ ही ठंड से बचने के लिए किसानों के लिए ईंधन गीजर टेंट भी लगाए गए हैं.

किसानों को ठंड से बचाने के लिए रजाई, गद्दे की साथ ही टेंट की हो रही व्यवस्था.
किसानों को ठंड से बचाने के लिए रजाई, गद्दे की साथ ही टेंट की हो रही व्यवस्था.
author img

By

Published : Dec 25, 2020, 3:00 PM IST

नोएडा: जिले के चिल्ला बॉर्डर पर पिछले 24 दिनों से लगातार कड़ाके की सर्दी में धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों को ठंड से बचाने के लिए रजाई-गद्दे के साथ ही टेंट की व्यवस्था पुलिस ने की है. वहीं, आज कुछ समाज सेवी संगठन भी छोटे टेंट की व्यवस्था कर रहे हैं, जिसमें करीब 2 से 3 किसान आराम से सो सकते हैं. इसमें शीतलहर के प्रकोप के साथ ही मच्छरों से भी आसानी से बचा जा सकता है. वहीं इस संस्था ने करीब 35 से 40 टेंट दिए हैं.

किसानों को ठंड से बचाने के लिए रजाई, गद्दे की साथ ही टेंट की हो रही व्यवस्था.

संस्था के पदाधिकारी का कहना है कि शुक्रवार को करीब सौ टेंट और किसान यूनियन भानू गुट को दिया जाएगा ताकि कोई भी किसान यहां ठंड से प्रभावित ना हो सके. साथ ही ठंड से बचने के लिए किसानों के लिए ईंधन गीजर टेंट भी लगाए गए हैं.

ठंड से बचने के लिए किसानों के लिए लगाए गए ईंधन गीजर टेंट

हड्डी गलाने और ठिठुरा देने वाली चिल्ला बॉर्डर पर पड़ रही ठंड से राहत देने और धरने पर किसान सकुशल अपना प्रदर्शन सरकार के खिलाफ कर सकें, इसके लिए एक समाज सेवी संगठन द्वारा ठंड से बचने के लिए किसानों के लिए करीब 40 ईंधन गीजर टेंट लगाए गए हैं.

इस टेन्ट की खास बात यह है कि इसमें सोने वाले व्यक्ति को ठंड से राहत मिलने के साथ ही मच्छरों से भी काफी बचाव होगा. यह चारों तरफ से पैक है और यह उन जगहों पर लगाए जाते हैं, जहां भारी बर्फबारी होती है. यह माना जा रहा है कि इस टेन्ट में सोने के बाद किसान आसानी से ठंड से अपने आप को बचा सकेंगे. ईंधन गीजर टेंट चिल्ला बॉर्डर पर लग जाने से ठंड, तेज हवाओं से किसानों को काफी राहत मिलेगी और जो किसान रात में इधर-उधर शरण ले रहे थे, वे धरनास्थल पर रुकेंगे.

ये भी पढ़ें:- चिल्ला बॉर्डर: भानु गुट से नाराज पदाधिकारी वापस लौटे, कई संगठनों ने भी दिया समर्थन

'ईंधन गीजर टेंट से मिलेगी किसानों को राहत'

भारतीय किसान यूनियन भानू गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि ईंधन गीजर टेंट मिल जाने से किसानों को काफी राहत महसूस होगी और किसान आसानी से चिल्ला बॉर्डर पर ठिठुरते ठंड में अपने धरना-प्रदर्शन को जारी रख सकेंगे.

करीब 40 ईंधन गीजर टेंट की व्यवस्था की गई

ईंधन गीजर टेंट देने वाली संस्था के पदाधिकारी संदीप खंडेलवाल का कहना है कि हम लोग काफी समय से किसान यूनियन भानू गुट से जुड़े हुए हैं. जब हमें पता लगा कि सरकार के द्वारा किसान विरोधी कानून बनाया गया है और उसका विरोध करते हुए भारतीय किसान यूनियन भानू गुट चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा है, तो हम इनके समर्थन में आए हैं.

आज करीब 40 ईंधन गीजर टेंट की व्यवस्था की गई है. वहीं शुक्रवार को करीब 100 टेंट और किसानों को चिल्ला बॉर्डर पर दिया जाएगा, ताकि वे ठंड से बचकर सरकार के बनाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर सकें.

नोएडा: जिले के चिल्ला बॉर्डर पर पिछले 24 दिनों से लगातार कड़ाके की सर्दी में धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों को ठंड से बचाने के लिए रजाई-गद्दे के साथ ही टेंट की व्यवस्था पुलिस ने की है. वहीं, आज कुछ समाज सेवी संगठन भी छोटे टेंट की व्यवस्था कर रहे हैं, जिसमें करीब 2 से 3 किसान आराम से सो सकते हैं. इसमें शीतलहर के प्रकोप के साथ ही मच्छरों से भी आसानी से बचा जा सकता है. वहीं इस संस्था ने करीब 35 से 40 टेंट दिए हैं.

किसानों को ठंड से बचाने के लिए रजाई, गद्दे की साथ ही टेंट की हो रही व्यवस्था.

संस्था के पदाधिकारी का कहना है कि शुक्रवार को करीब सौ टेंट और किसान यूनियन भानू गुट को दिया जाएगा ताकि कोई भी किसान यहां ठंड से प्रभावित ना हो सके. साथ ही ठंड से बचने के लिए किसानों के लिए ईंधन गीजर टेंट भी लगाए गए हैं.

ठंड से बचने के लिए किसानों के लिए लगाए गए ईंधन गीजर टेंट

हड्डी गलाने और ठिठुरा देने वाली चिल्ला बॉर्डर पर पड़ रही ठंड से राहत देने और धरने पर किसान सकुशल अपना प्रदर्शन सरकार के खिलाफ कर सकें, इसके लिए एक समाज सेवी संगठन द्वारा ठंड से बचने के लिए किसानों के लिए करीब 40 ईंधन गीजर टेंट लगाए गए हैं.

इस टेन्ट की खास बात यह है कि इसमें सोने वाले व्यक्ति को ठंड से राहत मिलने के साथ ही मच्छरों से भी काफी बचाव होगा. यह चारों तरफ से पैक है और यह उन जगहों पर लगाए जाते हैं, जहां भारी बर्फबारी होती है. यह माना जा रहा है कि इस टेन्ट में सोने के बाद किसान आसानी से ठंड से अपने आप को बचा सकेंगे. ईंधन गीजर टेंट चिल्ला बॉर्डर पर लग जाने से ठंड, तेज हवाओं से किसानों को काफी राहत मिलेगी और जो किसान रात में इधर-उधर शरण ले रहे थे, वे धरनास्थल पर रुकेंगे.

ये भी पढ़ें:- चिल्ला बॉर्डर: भानु गुट से नाराज पदाधिकारी वापस लौटे, कई संगठनों ने भी दिया समर्थन

'ईंधन गीजर टेंट से मिलेगी किसानों को राहत'

भारतीय किसान यूनियन भानू गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि ईंधन गीजर टेंट मिल जाने से किसानों को काफी राहत महसूस होगी और किसान आसानी से चिल्ला बॉर्डर पर ठिठुरते ठंड में अपने धरना-प्रदर्शन को जारी रख सकेंगे.

करीब 40 ईंधन गीजर टेंट की व्यवस्था की गई

ईंधन गीजर टेंट देने वाली संस्था के पदाधिकारी संदीप खंडेलवाल का कहना है कि हम लोग काफी समय से किसान यूनियन भानू गुट से जुड़े हुए हैं. जब हमें पता लगा कि सरकार के द्वारा किसान विरोधी कानून बनाया गया है और उसका विरोध करते हुए भारतीय किसान यूनियन भानू गुट चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा है, तो हम इनके समर्थन में आए हैं.

आज करीब 40 ईंधन गीजर टेंट की व्यवस्था की गई है. वहीं शुक्रवार को करीब 100 टेंट और किसानों को चिल्ला बॉर्डर पर दिया जाएगा, ताकि वे ठंड से बचकर सरकार के बनाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर सकें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.