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गाजियाबाद: बिजली चोरी पर होगी सीधे कार्रवाई, जिले में खुलेगा एंटी पावर थेफ्ट थाना

गाजियाबाद में एंटी पावर थेफ्ट थाना खुलेगा. सितंबर माह के अंत तक एंटी पावर थेफ्ट थाने के शुरू होने की संभावना है. थाने में तैनात स्टॉफ बिजली चोरी के मामलों का ही निस्तारण करेगा. थाने में बिजली चोरी से संबंधित मामलों को दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Sep 14, 2019, 2:47 PM IST

जिले में खुलेगा एंटी पावर थेफ्ट थाना.

गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लगातार बढ़ रही बिजली चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जल्द बिजली विभाग के लिए थाना खोला जाएगा. बिजली चोरी रोकने के लिए गाजियाबाद में पहली बार एंटी पावर थेफ्ट थाना खुलेगा.

जिले में खुलेगा एंटी पावर थेफ्ट थाना.

एंटी पावर थेफ्ट थाने में एक प्रभारी निरीक्षक, 3 दरोगा और 10 सिपाहियों की तैनाती की जाएगी. सितंबर माह के अंत तक एंटी पावर थेफ्ट थाने के शुरू होने की संभावना है.

कर्मचारियों की कार्य क्षमता में होगी बढ़ोतरी
ये थाना पांचों सर्किल में बिजली चोरी रोकने का काम करेगा, मुख्य अभियंता आरके राणा का कहना है कि थाना खुलने से विभाग के कर्मचारियों की कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होगी.
बिजली चोरी पर विराम लगाने के लिए पावर कॉरपोरेशन ने हर जिले में एंटी पावर थेफ्ट थाना खोलने की कवायद काफी पहले शुरू की थी. बिजली विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.

बिजली चोरी के मामले का जल्द होगा समाधान
फिलहाल एंटी थेफ़्ट थाने के लिए वसुंधरा सेक्टर-8 स्थित विद्युत सब स्टेशन में जमीन फाइनल की गई है. बिजली चोरी के मामले की विवेचनाओं का जल्द समाधान हो सके इसके लिए ये थाना खोला जाएगा.

होती है 10-12 फीसदी बिजली चोरी
वर्तमान में गाजियाबाद के पांच जोन में बिजली की मांग 1400-1500 मेगावाट के बीच है. इसमें करीब 20-22 फीसदी लाइन लॉस है. इसमें 10 फीसदी तकनीकी लाइन लॉस हटा दें तो 10-12 फीसदी बिजली चोरी की जाती है.
यानी लगभग 280-300 मेगावाट बिजली आपूर्ति ऐसी होती है. जिसका पैसा विभाग को नहीं मिलता है. सीधे शब्दों में कहें तो ये बिजली किसी ना किसी रूप में चोरी होती है. जिससे विभाग को राजस्व का नुकसान होता है.

थाना स्टाफ खुद करेगा कार्रवाई
बिजली थाना शुरू होने के बाद थाने में पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी. अभी तक बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए जाने वाले अभियान के दौरान विजिलेंस और सिविल पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की जाती है, लेकिन थाना खुलने के बाद बिजली थाना के स्टॉफ खुद कार्रवाई करेगा.

मामला दर्ज कर तत्काल होगी कार्रवाई
मुख्य अभियंता आर के राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि एंटी पावर थेफ्ट थाने की काफी समय से प्लानिंग चल रही है. मगर अड़चनों के चलते खोला नहीं जा सका. स्टाफ मुहैया हो जाने और थाने के लिए जमीन मिल जाने के बाद अब इसकी शुरुआत सितंबर अंत तक हो जाएगी.

वसुंधरा सेक्टर-8 में खोले जाने वाले थाने में स्टाफ की नियुक्ति कर दी गई है. थाने में तैनात स्टाफ बिजली चोरी के मामलों का ही समाधान करेगा. थाने में बिजली चोरी से संबंधित मामलों को दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लगातार बढ़ रही बिजली चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जल्द बिजली विभाग के लिए थाना खोला जाएगा. बिजली चोरी रोकने के लिए गाजियाबाद में पहली बार एंटी पावर थेफ्ट थाना खुलेगा.

जिले में खुलेगा एंटी पावर थेफ्ट थाना.

एंटी पावर थेफ्ट थाने में एक प्रभारी निरीक्षक, 3 दरोगा और 10 सिपाहियों की तैनाती की जाएगी. सितंबर माह के अंत तक एंटी पावर थेफ्ट थाने के शुरू होने की संभावना है.

कर्मचारियों की कार्य क्षमता में होगी बढ़ोतरी
ये थाना पांचों सर्किल में बिजली चोरी रोकने का काम करेगा, मुख्य अभियंता आरके राणा का कहना है कि थाना खुलने से विभाग के कर्मचारियों की कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होगी.
बिजली चोरी पर विराम लगाने के लिए पावर कॉरपोरेशन ने हर जिले में एंटी पावर थेफ्ट थाना खोलने की कवायद काफी पहले शुरू की थी. बिजली विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.

बिजली चोरी के मामले का जल्द होगा समाधान
फिलहाल एंटी थेफ़्ट थाने के लिए वसुंधरा सेक्टर-8 स्थित विद्युत सब स्टेशन में जमीन फाइनल की गई है. बिजली चोरी के मामले की विवेचनाओं का जल्द समाधान हो सके इसके लिए ये थाना खोला जाएगा.

होती है 10-12 फीसदी बिजली चोरी
वर्तमान में गाजियाबाद के पांच जोन में बिजली की मांग 1400-1500 मेगावाट के बीच है. इसमें करीब 20-22 फीसदी लाइन लॉस है. इसमें 10 फीसदी तकनीकी लाइन लॉस हटा दें तो 10-12 फीसदी बिजली चोरी की जाती है.
यानी लगभग 280-300 मेगावाट बिजली आपूर्ति ऐसी होती है. जिसका पैसा विभाग को नहीं मिलता है. सीधे शब्दों में कहें तो ये बिजली किसी ना किसी रूप में चोरी होती है. जिससे विभाग को राजस्व का नुकसान होता है.

थाना स्टाफ खुद करेगा कार्रवाई
बिजली थाना शुरू होने के बाद थाने में पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी. अभी तक बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए जाने वाले अभियान के दौरान विजिलेंस और सिविल पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की जाती है, लेकिन थाना खुलने के बाद बिजली थाना के स्टॉफ खुद कार्रवाई करेगा.

मामला दर्ज कर तत्काल होगी कार्रवाई
मुख्य अभियंता आर के राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि एंटी पावर थेफ्ट थाने की काफी समय से प्लानिंग चल रही है. मगर अड़चनों के चलते खोला नहीं जा सका. स्टाफ मुहैया हो जाने और थाने के लिए जमीन मिल जाने के बाद अब इसकी शुरुआत सितंबर अंत तक हो जाएगी.

वसुंधरा सेक्टर-8 में खोले जाने वाले थाने में स्टाफ की नियुक्ति कर दी गई है. थाने में तैनात स्टाफ बिजली चोरी के मामलों का ही समाधान करेगा. थाने में बिजली चोरी से संबंधित मामलों को दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

Intro:ग़ाज़ियाबाद में लगातार बढ़ रही बिजली चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जल्द बिजली विभाग के लिए थाना खोला जाएगा. बिजली चोरी रोकने के लिए गाजियाबाद में पहली बार एंटी पावर थेफ्ट थाना खुलेगा.


Body:एंटी पावर थेफ्ट थाने में एक प्रभारी निरीक्षक, 3 दरोगा और 10 सिपाहियों की तैनाती की जाएगी. सितंबर माह के अंत तक एंटी पावर थेफ्ट थाने के शुरू होने की संभावना है.

यह थाना पांचों सर्किल में बिजली चोरी रोकने का काम करेगा, मुख्य अभियंता आरके राणा का कहना है कि थाना खुलने से विभाग के कर्मचारियों की कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होगी.

बिजली चोरी पर विराम लगाने के लिए पावर कॉरपोरेशन ने हर जिले में एंटी पावर थेफ्ट थाना खोलने की कवायद काफी पहले शुरू की थी.

बिजली विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है फिलहाल एन्टी थेफ़्ट थाने के लिए वसुंधरा सेक्टर आठ स्थित विद्युत सब स्टेशन में जमीन फाइनल की गई है. बिजली चोरी के मामले की विवेचनाओं का जल्द निस्तारण हो सके इसके लिए यह थाना खोला जाएगा.

वर्तमान में गाजियाबाद के पांच ज़ोन में बिजली की मांग 1400 मेगावाट से 1500 मेगावाट के बीच है, इसमें करीब 20 से 22 फ़ीसदी लाइन लॉस है, इसमें 10% तकनीकी लाइन लॉस हटा दें तो 10 से 12 % बिजली बिजली चोरी की जाती है यानी लगभग 280 से 300 मेगावाट बिजली आपूर्ति ऐसी होती है जिसका पैसा विभाग को नहीं मिलता है. सीधे शब्दों में कहें तो यह बिजली किस ना किसी रूप में चोरी होती है जिससे विभाग को राजस्व का नुकसान होता है

बिजली थाना शुरू होने के बाद थाने में पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी, अभी तक बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए जाने वाले अभियान के दौरान विजिलेंस और सिविल पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की जाती है लेकिन थाना खुलने के बाद बिजली थाना का स्टाफ खुद कार्यवाही करेगा.




Conclusion:मुख्य अभियंता आर के राणा ने बताया कि एंटी पावर थेफ्ट थाने की काफी समय से प्लानिंग चल रही है मगर अड़चनों के चलते खोला नहीं जा सका, स्टाफ मुहैया हो जाने और थाने के लिए जमीन मिल जाने के बाद अब इसकी शुरुआत सितंबर अंत तक हो जाएगी, वसुंधरा सेक्टर-8 में खोले जाने वाले थाने में स्टाफ की नियुक्ति कर दी गई है, थाने में तैनात स्टाफ बिजली चोरी के मामलों का ही निस्तारण करेगा. थाने में बिजली चोरी से संबंधित मामलों को दर्ज कर तत्काल कार्यवाही की जाएगी.
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