फिरोजाबाद: जिला जेल में बंद महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने का काम चल रहा है. इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जेल में दो स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया था. 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मिशन' के तहत उन समूहों को पांच -पांच सिलाई मशीन दिलाई गई थी. यह महिलाएं परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए यूनिफॉर्म तैयार कर रहीं है. बड़ी संख्या में इन महिलाओं द्वारा यूनिफॉर्म बनाया जा चुका है.
महिला बंदी बना रही यूनिफॉर्म
जिला जेल अधीक्षक अकरम खान ने बताया कि महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत जिला जेल में बंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महिला कैदियों के दो सहायता समूह बनाये गए हैं. जिन्हें पांच-पांच सिलाई की मशीनें दी गई हैं. जेल अधीक्षक ने बताया कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मिशन' और NRLM योजना के तहत इन महिला कैदियों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए यूनिफॉर्म तैयार करने का काम मिला है. जिसे यह महिलाएं बखूबी निभा रही हैं. बड़ी संख्या में इन महिलाओं द्वारा यूनिफॉर्म बनाई जा चुकी है और अभी भी काम चल रहा है.
जेल प्रशासन कर रहा सराहनीय कार्य
कुल मिलाकर जिला जेल प्रशासन का जो काम है वह काफी सराहनीय है. इससे न केवल इन महिला बंदियों के अंदर कौशल विकसित होगा, बल्कि जेल से बाहर निकलने के बाद यह महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी. जेल में बंद महिला बन्दियों के लिए जिला जेल में जो मॉडल अपनाया गया है, उसे उत्तर प्रदेश की अन्य जेलों में लागू कर महिला बंदियों को इसी तरह आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है.