फिरोजाबादः जिले में कमज़ोर पटरियों की मरम्मत कराए बगैर नहर में पानी छोड़ना किसानों को महंगा पड़ रहा है. जनपद के कायथा बम्बा की पटरी कटने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई. जिन फसलों में पानी भर गया है उस पानी के निकासी के इंतजाम न कराये जाने से फसलों के खराब होने के खतरा पैदा हो गया है.
आपको बता दें कि जिले के कुछ बम्बा और रजवाहों में बीते कई सालों से पानी नहीं आया था. किसानों की मांग और भारतीय किसान यूनियन के आंदोलन के बाद इन बम्बा और रजवाहों में पानी तो छोड़ दिया गया, लेकिन विभाग ने इन पटरियों की मरम्मत नहीं करायी. जिसका परिणाम यह हुआ कि यह पटरियां अक्सर कट जातीं है. शनिवार को कायथा बम्बा के कटने से भी कुछ ऐसा ही हुआ और किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गयी.
खेतों में इन दिनों आलू के साथ-साथ गेंहू और सरसों की फसल खड़ी है. किसानों का कहना है कि इन फसलों में काफी नुकसान हुआ है. समय रहते अगर इस पानी को नहीं निकाला गया तो फसलों में बड़ा नुकसान हो सकता है. इधर सिंचाई विभाग हमेशा तर्क देता है कि किसान सिंचाई के लिए पटरी को काट लेते है, जिसकी वजह से ऐसे हालात पैदा होते है. जानकारी मिलने के बाद नहर के कटान को बंद करा दिया गया है.