फिरोजाबाद: जिले में डेंगू और वायरल फीवर के प्रकोप के बीच नगर निगम की भी लापरवाही सामने आई है. जिन इलाकों में यह डेंगू फैल रहा है, वह इलाके गंदगी से बजबजा रहे हैं. इन इलाकों में खाली प्लाट मुसीबत का कारण बने हुए हैं. इन प्लाटों में गंदगी के साथ-साथ जलभराव भी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम अगर इन खाली प्लाटों का कोई इंतजाम करें तो महामारी पर अंकुश लग सकता है. इधर, महापौर ने कहा है कि खाली प्लाट मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं. शहर के अंदर जो डेयरी संचालित होती हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.
जिले में डेगू महामारी का रूप ले चुका है. साथ ही इन दिनों वायरल फीवर भी चल रहा है. इस फीवर की चपेट में आकर करीब 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग भी 60 मौतों की पुष्टि कर चुका है. इनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं. पूरे जिले में हाहाकार मचा हुआ है. अकेले फिरोजाबाद शहर में 70 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जबकि 30 से ज्यादा मौतें जिले के ग्रामीण इलाकों में हुई हैं. डेंगू का पहला मामला 18 अगस्त को सामने आया था. उसके बाद यह मामले लगातार बढ़ते गए. जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने भी शुरू से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. परिणाम यह हुआ कि धीरे-धीरे महामारी पूरे शहर में फैल गई. हालांकि इसकी शुरुआत तो ग्रामीण इलाकों से हुई थी, लेकिन इसने शहर के कई इलाकों को अपनी जद में ले लिया और देखते ही देखते मरीज काल के गाल में समाने लगे.
मामले की गूंज जब लखनऊ तक पहुंची तो 30 अगस्त को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिरोजाबाद आए थे. उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों का हालचाल जाना था. सुदामा नगर नामक एक मोहल्ले में जाकर उन्होंने देखा था कि यहां साफ-सफाई का क्या इंतजाम है और डेंगू आखिर क्यों फैल रहा है. इसके बाद कई टीमें भी फिरोजाबाद आईं, लेकिन डेंगू महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है.
ईटीवी भारत की टीम ने जब डेंगू प्रभावित इलाकों का जायजा लिया तो जो हालत थे वह काफी चौंकाने वाले थे. दरअसल, जिन इन इलाकों में डेंगू फैला हुआ है, वह शहर से लगे इलाके हैं. नई आबादी में अभी विकास नहीं हुआ है और तमाम खाली प्लाट पड़े हुए हैं. इनमें गंदा पानी और गंदगी पड़ी हुई है. निश्चित तौर पर यही गंदगी मच्छर पनपने का कारण बनी हुई है और उससे ही डेंगू फैला है.
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स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसे प्लॉट काफी हैं जो लंबे समय से खाली पड़े हैं. इनमें गंदा पानी भरा है. बावजूद इसके नगर निगम का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. अगर इनका कोई इंतजाम हो जाए तो जलभराव की समस्या पर काबू पाया जा सकता है. वहीं, महापौर नूतन राठौर ने कहा कि यह प्रकरण उनकी भी जानकारी में है. उन्होंने शहर में संचालित होने वाली डेयरी और खाली प्लाट मालिकों को नोटिस जारी किए हैं.