फिरोजाबाद: समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले फिरोजाबाद जिले की सिरसागंज सीट से विधायक और मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव ने सपा पर जमकर निशाना साधा है. बुधवार देर रात अपने आवास पर लौटे विधायक हरिओम यादव ने कहा कि सपा में उनकी कोई सुनने वाला नहीं था. खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उनकी नहीं सुन रहे थे, इसलिए उन्हें पार्टी छोड़ने का फैसला लिया.
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन्हें सम्मान दिया है, इसलिए वह बीजेपी में गए हैं. वह बीजेपी को जिताने का काम करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि फ़िरोज़ाबाद में पांचों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ही जीतेगी.
बता दें, विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही नेताओं द्वारा पार्टियां बदलने का भी सिलसिला शुरू हो गया है. यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित और अन्य कई विधायकों ने पार्टियां बदली हैं. इसी क्रम में फ़िरोज़ाबाद जिले में भी समाजवादी पार्टी को बुधवार को तगड़ा झटका देते हुए सिरसागंज के विधायक और मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव ने सपा को बाय-बाय कहते हुए बीजेपी का झंडा थाम लिया.
दिल्ली में बीजेपी कार्यालय पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, दोनों उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य ने विधायक हरिओम यादव को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करायी. हरिओम यादव की अपने इलाके में खासकर यादव बेल्ट में मजबूत पकड़ मानी जाती है. वह तीन बार विधायक भी रह चुके हैं.
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साल 2002 में जहां वह सपा की टिकट पर शिकोहाबाद सीट पर चुनाव जीते थे तो वहीं साल 2012 और 2017 में सिरसागंज सीट से चुनाव जीते थे. साल 2017 में तो मोदी लहर को इन्होंने सिरसागंज में निष्प्रभावी किया था औऱ जिले की पांच में से एक मात्र यही सीट सपा की झोली में आई थी. हरिओम यादव का सैफई परिवार से सीधा रिश्ता है. इनके भाई राम प्रकाश यादव उर्फ नेहरू की बेटी सैफई परिवार की बहू है, इसलिए हरिओम यादव रिश्ते में नेताजी मुलायम सिंह यादव के समधी लगते है. पिछले कुछ समय से उनका प्रोफेसर राम गोपाल यादव से मनमुटाव चल रहा है औऱ वह सपा में हाशिये पर थे.
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