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लापरवाही का 'अंधेरा': मेडिकल कॉलेज में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में घायल को लगाए टांके - मेडिकल कॉलेज की बदइंतजामी

यूपी के फिरोजाबाद में मेडिकल कॉलेज में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में इलाज करने का एक वीडियो वायरल हुआ है. ये वीडियो मेडिकल कॉलेज की बदइंतजामी की पोल खोल रहा है. वहीं इस बारे में मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ हंसराज का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है.

मोबाइल टार्च की रोशनी में इलाज
मोबाइल टार्च की रोशनी में इलाज
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Published : Jul 3, 2021, 2:47 PM IST

फिरोजाबाद: सरकार द्वारा राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है. ताजा मामला फिरोजाबाद जिले के मेडीकल कॉलेज का है. इस मेडिकल कॉलेज की बदइंतजामी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दुर्घटना में घायल एक व्यक्ति को मोबाइल टार्च की रोशनी में टांका लगाते देखा जा सकता है. जो मेडिकल कॉलेज की हालत बयां कर रहा है.

मोबाइल टार्च की रोशनी में घायल को लगाए टांके

फिरोजाबाद के जिला अस्पताल को जब मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिला तो यहां के लोगों को उम्मीद थी उन्हें बेहतर इलाज मिलेगा. यहां व्यवस्थाओं में सुधार होगा, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. सभी संसाधन मौजूद होने के बाद भी उनका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी का एक वायरल वीडियो सरकार के इलाज संबंधी दावों की पोल खोल रहा है. इस वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इमरजेंसी में एक घायल का इलाज मोबाइल टार्च की रोशनी में किया जा रहा है. इस बारे में जिम्मेदारों का कहना है कि मामला उनकी जानकारी में नहीं है.

मोबाइल टार्च की रोशनी में इलाज.

क्या था मामला

दरअसल, थाना खैरगढ क्षेत्र के सांखिनी निवासी 20 वर्षीय अवधेश पुत्र श्रीकृष्ण शुक्रवार रात को सड़क हादसे में घायल हो गए थे. जिसके बाद उसके परिवार के लोग उसे मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लेकर आये थे. मरीज की हालत गंभीर थी, उसे टांके लगाने की सख्त जरूरत थी, लेकिन इतना बड़ा मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद उसकी इमरजेंसी में पर्याप्त लाइट का इंतजाम नहीं था. हालांकि मेडिकल कॉलेज में जनरेटर की व्यवस्था की गई है लेकिन, उसे स्टार्ट ही नहीं किया गया. मजबूरी में मोबाइल की रोशनी में मरीज को टांके लगाए गए. मेडिकल कॉलेज में बदइंतजामी का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसी अस्पताल में ऐसे मामले पहले भी प्रकाश में आ चुके है.

इस संबंध में जब मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ हंसराज से बात की गई तो उनका कहना था यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है. अगर ऐसा हुआ है तो वह मामले की जांच कराएंगे.

फिरोजाबाद: सरकार द्वारा राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है. ताजा मामला फिरोजाबाद जिले के मेडीकल कॉलेज का है. इस मेडिकल कॉलेज की बदइंतजामी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दुर्घटना में घायल एक व्यक्ति को मोबाइल टार्च की रोशनी में टांका लगाते देखा जा सकता है. जो मेडिकल कॉलेज की हालत बयां कर रहा है.

मोबाइल टार्च की रोशनी में घायल को लगाए टांके

फिरोजाबाद के जिला अस्पताल को जब मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिला तो यहां के लोगों को उम्मीद थी उन्हें बेहतर इलाज मिलेगा. यहां व्यवस्थाओं में सुधार होगा, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. सभी संसाधन मौजूद होने के बाद भी उनका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी का एक वायरल वीडियो सरकार के इलाज संबंधी दावों की पोल खोल रहा है. इस वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इमरजेंसी में एक घायल का इलाज मोबाइल टार्च की रोशनी में किया जा रहा है. इस बारे में जिम्मेदारों का कहना है कि मामला उनकी जानकारी में नहीं है.

मोबाइल टार्च की रोशनी में इलाज.

क्या था मामला

दरअसल, थाना खैरगढ क्षेत्र के सांखिनी निवासी 20 वर्षीय अवधेश पुत्र श्रीकृष्ण शुक्रवार रात को सड़क हादसे में घायल हो गए थे. जिसके बाद उसके परिवार के लोग उसे मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लेकर आये थे. मरीज की हालत गंभीर थी, उसे टांके लगाने की सख्त जरूरत थी, लेकिन इतना बड़ा मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद उसकी इमरजेंसी में पर्याप्त लाइट का इंतजाम नहीं था. हालांकि मेडिकल कॉलेज में जनरेटर की व्यवस्था की गई है लेकिन, उसे स्टार्ट ही नहीं किया गया. मजबूरी में मोबाइल की रोशनी में मरीज को टांके लगाए गए. मेडिकल कॉलेज में बदइंतजामी का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसी अस्पताल में ऐसे मामले पहले भी प्रकाश में आ चुके है.

इस संबंध में जब मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ हंसराज से बात की गई तो उनका कहना था यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है. अगर ऐसा हुआ है तो वह मामले की जांच कराएंगे.

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