फिरोजाबाद : जनपद के उद्योग विभाग और जेल प्रशासन ने कैदियों को रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ने की मुहिम शुरू की है, जिससे जेल से छूटने के बाद यह कैदी अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकें या फिर कहीं जॉब कर सकें. इसी कड़ी में जेल में बंद 51 कैदियों को कौशल विकास मिशन के तहत कांच के आइटम्स पर चित्रकारी की ट्रेनिंग दी जायेगी. जो दो महीने की होगी.
सामान्य तौर पर जेल में बंद तमाम कैदी ऐसे होते हैं जो रोजगार के अभाव में चोरी, छिनैती जैसी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं और उन्हें जेल जाना पड़ता है. जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद उन्हें केस लड़ने के लिए फिर से रुपयों की जरूरत होती है, लेकिन रोजगार का साधन न होने के कारण उन्हें फिर से अपराध करना पड़ता है. इसी तरह के अपराधों में जेल जाना और फिर जमानत कराकर बाहर आना, रुपयों के लिए फिर से अपराध करना तमाम कैदियों की मजबूरी बन चुकी है, लेकिन अब एक राहत की बात भी है. यह खबर ऐसे कैदियों को राहत पहुंचाने वाली है जो रोजगार के अभाव में अपराध करते हैं और बार-बार जेल जाते हैं. ऐसे कैदियों को जेल प्रशासन उद्योग विभाग की मदद से रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ने की कवायद में जुटा है. पहले चरण में 51 कैदियों का चयन किया गया है.
समन्वयक कौशल विकास मिशन पंकज निर्वाण ने बताया कि 'इन 51 कैदियों को दो माह के एक विशेष प्रशिक्षण के जरिये दक्ष बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत इन कैदियों को कांच के सामानों पर चित्रकारी की ट्रेनिंग दी जायेगी. पंकज निर्वाण ने बताया कि ट्रेनिंग के बाद यह कैदी जेल से रिहा होने के बाद अपना स्वरोजगार खुद खोल सकेंगे, इसके लिए इनकी फाइनेंशियल मदद भी की जाएगी या फिर जो कैदी नौकरी करना चाहते हैं, उन्हें ग्लास के आइटम बनाने वाली और उनका डेकोरेशन करने वाली इकाइयों में जॉब दिलाया जायेगा.'