फिरोजाबाद: पशुओं की सही ढंग से गणना हो सके और उन्हें एक पहचान मिल सके, इसके लिए पशुधन विभाग पशुओं की टैगिंग करवा रहा है लेकिन फिरोजाबाद में यह अभियान लेटलतीफी का शिकार हो गया है. हालत यह है कि जो काम तीन महीने में पूरा हो जाना चाहिए. वह काम छह माह बीत जाने के बाद भी आधा ही हुआ है. हालांकि दावा किया जा रहा है कि अतिरिक्त कर्मचारी लगाकर इस अभियान को गति प्रदान की जाएगी.
पशुओं के कान पर लग रहा टैग
उत्तर प्रदेश में पशुओं की संख्या कितनी है. इसमें कितने पशु भैंस वंश हैं और कितने गोवंश हैं. यह आंकड़ा तो यूपी के पशुपालन विभाग के पास है लेकिन इस डाटा को और अधिक दुरुस्त किया जा सके इसके लिए पशुधन विभाग यूपी के हर जिले में पशुओं की टैगिंग करवा रहा है. इसके लिए पशुओं के कान पर एक टैग लगाया जा रहा है, जिस पर एक यूनिक नंबर लिखा होगा.
पोर्टल पर डाला जाएगा यूनिक नंबर
यूनिक नंबर एनाफ पोर्टल पर डाला जाएगा. जिसमें उस पशु का पूरा विवरण होगा कि आखिर उसका मालिक कौन है. इसके अलावा उन पशुओं की क्या-क्या खासियत है, जिससे कोई भी उस पशु को खरीदना भी चाहता है तो उसे एनाफ पोर्टल से पूरी जानकारी मिल सकेगी. इसके बाद वह व्यक्ति पशु मालिक से संपर्क भी कर सकता है.
जनपद में 56 फीसदी काम हुआ पूरा
इसका एक फायदा और भी था कि जो लोग आवारा गोवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं, उन पर लगाम लगाई जा सकती है. टैगिंग से पता चल सकेगा सड़क पर घूमने वाला गोवंश किसका है? फिरोजाबाद में सरकार की इस महत्वाकांक्षी पहल को पलीता लग गया है. दरअसल जनपद में गोवंश और भैंस वंश के जानवरों की संख्या करीब 8 लाख के आसपास है. इन सभी पशुओं की टैगिंग होनी थी. 18 अगस्त 2020 से यह काम शुरू हुआ था और 18 नवंबर 2020 तक पूरा होना था. इसके लिए भारी भरकम स्टाफ भी लगाया गया. छह माह का समय बीत चुका है, बावजूद इसके 56 फीसदी ही काम पूरा हो सका है. मतलब साढ़े चार लाख के आसपास है टैगिंग हो सकी है. हालांकि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी का दावा है, इस रफ्तार को बढ़ाया जाएगा और काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.