फिरोजाबाद : बीते कई सालों से लगातार जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज होने वाली समाजावदी पार्टी एक बार फिर अध्यक्ष की कुर्सी के लिए पूरा जोर लगा रही है. सपा ने इस पद के लिए प्रत्याशी की भी घोषणा कर दी है. सपा नेता बृजेंद्र ठेकेदार की पुत्रवधू रुचि यादव को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है. 33 सदस्यों वाली जिला पंचायत में अध्यक्ष का चुनाव जीतने के लिए 18 सदस्यों की जरूरत होगी. सपा का दावा है कि यह आंकड़ा उनके पास है.
ज्यादातर सपा नेता ही अध्यक्ष चुने गए
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के इतिहास की बात करें तो अभी तक ज्यादातर इस सीट पर सपा का ही कब्जा रहा है. सपा नेता खुद या फिर उनके परिवार की महिलाएं ही जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतती रहीं हैं. साल 1995 की बात करें तो इस सीट पर सिरसागंज के सपा विधायक हरिओम यादव की पत्नी राम सखी यादव चुनाव जीतीं. साल 2000 में सीट इस सीट पर तत्कालीन सपा नेता हरिओम यादव चुनाव जीते. साल 2002 में फिर से हुए उप चुनाव में सपा नेता अरविंद यादव की पत्नी गुड्डी देवी जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं. बाद में जिला पंचायत के संचालन के लिए तीन सदस्यीय एक कमेटी भी गठित हुई. 2005 में यह सीट महिला के लिए आरक्षित हो गयी.
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2018 में इस सीट पर बीजेपी नेता अमोल यादव अध्यक्ष चुने गए
इस बार सपा विधायक रामवीर यादव की बहन राम सिया अध्यक्ष बनीं. 2010 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई और बीएसपी विधायक राकेश बाबू के बेटे प्रमोद कुमार जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए. साल 2013 में सपा के पूर्व विधायक रमेश चंद्र चंचल जिला पंचायत अध्यक्ष बने. साल 2015 में यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई और सपा विधायक हरिओम यादव के पुत्र विजय प्रताप अध्यक्ष चुने गए. 2018 में इस सीट पर बीजेपी नेता अमोल यादव अध्यक्ष चुने गए.
इस बार फिर समाजवादी पार्टी पूरी कोशिश में है कि इस सीट पर वह एक बार फिर अपना परचम लहराए. सपा नेताओं का दावा है कि जिला पंचायत सदस्यों की जरूरी संख्या उनके पास है. वैसे इस बार जो सदस्य जीतकर आये हैं, उनमें 13 सपा, पांच बीजेपी, पांच बीएसपी और 10 सदस्य निर्दलीय हैं. निर्दलियों में सिरसागंज से सपा के निष्कासित विधायक हरिओम यादव की पत्नी राम सखी यादव और बेटा विजय प्रताप सिंह भी शामिल है
इनकी भी है अध्यक्ष की कुर्सी पर नजर
समाजावदी पार्टी के साथ साथ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री जयवीर सिंह और सिरसागंज के विधायक हरिओम यादव की भी नजर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर है. जयवीर सिंह जहां अपनी पुत्रबधू हर्षिता सिंह को पार्टी की तफर से मैदान में उतार सकते है तो वहीं हरिओम यादव की पत्नी या फिर बेटा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में कूद सकते है. इस बार गेंद निर्दलीय सदस्यों के पाले में रहेगी.