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विधायक हरिओम यादव को सपा ने छह साल के लिए किया निष्कासित

यूपी के फिरोजाबाद में सिरसागंज विधानसभा सीट से सपा विधायक हरिओम यादव को पार्टी ने 6 साल के लिए निकाल दिया गया है. इस बात की जानकारी सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पत्र जारी कर दी.

विधायक हरिओम यादव
विधायक हरिओम यादव
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Published : Feb 15, 2021, 7:17 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 10:00 PM IST

फिरोजाबाद: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सिरसागंज विधानसभा सीट से सपा विधायक हरिओम यादव को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पत्र जारी कर उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. पत्र में उन पर भाजपा से सांठ-गांठ का आरोप लगाया गया है.

विधायक हरिओम यादव.

मुलायम सिंह यादव के समधी भी हैं विधायक
फिरोजाबाद जिले में कुल 5 सीटें विधानसभा सीटें हैं. जिनमें से चार सीटों पर भारतीय जनता पार्टी काबिज है जबकि सिरसागंज सीट पर सपा के हरिओम यादव जीते थे. हरिओम यादव सैफई परिवार के नजदीकी रिश्तेदार भी हैं और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी भी लगते हैं. पिछले काफी समय से वह पार्टी में हाशिए पर चल रहे थे. वहीं कुछ समय से प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से भी उनकी नजदीकियां भी बढीं थी. इसके बाद प्रसपा ने उन्हें सिरसागंज से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. कई बार खुले मंच से वह सपा के बड़े नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव को अपना निशाना बना चुके हैं.

नरेश उत्तम पटेल ने जारी किया पत्र.
नरेश उत्तम पटेल ने जारी किया पत्र.

नरेश उत्तम पटेल ने दी जानकारी

सोमवार को सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी कि हरिओम यादव को पार्टी ने 6 साल के लिए निकाल दिया गया है. उन पर आरोप लगाया कि वह भाजपा से मिले हैं.

firozabad news
अखिलेश यादव के साथ विधायक हरिओम यादव.

क्या कहना है विधायक हरिओम यादव का

वहीं इस मामले में विधायक हरिओम यादव का कहना है कि भाजपा से कौन मिला सभी जानते हैं. सबसे ज्यादा उन्होंने बीजेपी के खिलाफ संघर्ष किया है. वह केवल पार्टी के एक बड़े पदाधिकारी के रिश्तेदार जो कि शराब माफिया हैं, उसके क्रियाकलापों का विरोध कर रहे थे इसलिए उन्हें पार्टी से निकाला गया है. उन्होंने बताया उनका पक्ष तक नहीं पूछा गया. पूरे प्रदेश में सपा 2022 के विधानसभा चुनाव में 20 सीटें भी नहीं ला पाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें लेट निकाला गया है यह काम तो पहली हो जाना चाहिए था. प्रोफेसर रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव जब सांसद बने थे तब से जिले में कुछ अवैध काम शुरू हुए. साल 2016 से उनका उन्होंने ही उनका विरोध किया था. जिसकी वजह से वह रामगोपाल की आंखों में खटक रहे थे. उन्होंने कहा अगर वह बीजेपी से मिले होते तो उनका बेटा या फिर वह खुद सांसद होते. हरिओम यादव ने कहा हकीकत तो यह है कि प्रोफेसर राम गोपाल यादव खुद भाजपा से मिले हुए हैं. इसीलिए उनकी किसी तरह की जांच नहीं हो रही है. उनके अगले कदम के बारे में जब उनसे पूछा गया उन्होंने कहा कि फिलहाल तो वह जहां हैं वहीं रहेंगे और उनका पूरा फोकस पंचायत चुनाव पर है. आगे जनता की सलाह से अगले कदम के बारे में तय किया जाएगा.

फिरोजाबाद: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सिरसागंज विधानसभा सीट से सपा विधायक हरिओम यादव को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पत्र जारी कर उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. पत्र में उन पर भाजपा से सांठ-गांठ का आरोप लगाया गया है.

विधायक हरिओम यादव.

मुलायम सिंह यादव के समधी भी हैं विधायक
फिरोजाबाद जिले में कुल 5 सीटें विधानसभा सीटें हैं. जिनमें से चार सीटों पर भारतीय जनता पार्टी काबिज है जबकि सिरसागंज सीट पर सपा के हरिओम यादव जीते थे. हरिओम यादव सैफई परिवार के नजदीकी रिश्तेदार भी हैं और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी भी लगते हैं. पिछले काफी समय से वह पार्टी में हाशिए पर चल रहे थे. वहीं कुछ समय से प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से भी उनकी नजदीकियां भी बढीं थी. इसके बाद प्रसपा ने उन्हें सिरसागंज से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. कई बार खुले मंच से वह सपा के बड़े नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव को अपना निशाना बना चुके हैं.

नरेश उत्तम पटेल ने जारी किया पत्र.
नरेश उत्तम पटेल ने जारी किया पत्र.

नरेश उत्तम पटेल ने दी जानकारी

सोमवार को सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी कि हरिओम यादव को पार्टी ने 6 साल के लिए निकाल दिया गया है. उन पर आरोप लगाया कि वह भाजपा से मिले हैं.

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अखिलेश यादव के साथ विधायक हरिओम यादव.

क्या कहना है विधायक हरिओम यादव का

वहीं इस मामले में विधायक हरिओम यादव का कहना है कि भाजपा से कौन मिला सभी जानते हैं. सबसे ज्यादा उन्होंने बीजेपी के खिलाफ संघर्ष किया है. वह केवल पार्टी के एक बड़े पदाधिकारी के रिश्तेदार जो कि शराब माफिया हैं, उसके क्रियाकलापों का विरोध कर रहे थे इसलिए उन्हें पार्टी से निकाला गया है. उन्होंने बताया उनका पक्ष तक नहीं पूछा गया. पूरे प्रदेश में सपा 2022 के विधानसभा चुनाव में 20 सीटें भी नहीं ला पाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें लेट निकाला गया है यह काम तो पहली हो जाना चाहिए था. प्रोफेसर रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव जब सांसद बने थे तब से जिले में कुछ अवैध काम शुरू हुए. साल 2016 से उनका उन्होंने ही उनका विरोध किया था. जिसकी वजह से वह रामगोपाल की आंखों में खटक रहे थे. उन्होंने कहा अगर वह बीजेपी से मिले होते तो उनका बेटा या फिर वह खुद सांसद होते. हरिओम यादव ने कहा हकीकत तो यह है कि प्रोफेसर राम गोपाल यादव खुद भाजपा से मिले हुए हैं. इसीलिए उनकी किसी तरह की जांच नहीं हो रही है. उनके अगले कदम के बारे में जब उनसे पूछा गया उन्होंने कहा कि फिलहाल तो वह जहां हैं वहीं रहेंगे और उनका पूरा फोकस पंचायत चुनाव पर है. आगे जनता की सलाह से अगले कदम के बारे में तय किया जाएगा.

Last Updated : Feb 16, 2021, 10:00 PM IST
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