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साहब मैं बहुत गरीब हूं, मेरे बेटे को बचा लो... - child was not admitted in Firozabad Medical College

यूपी के फिरोजाबाद में स्थित मेडिकल कॉलेज में बीमार बच्चे को भर्ती करने से स्टॉफ ने मना कर दिया. परिजन अपने बच्चे को गोदी में लेकर मेडिकल प्रशासन से गुहार लगाता रहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

मेडिकल कॉलेज फिरोजाबाद.
मेडिकल कॉलेज फिरोजाबाद.
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Published : Sep 13, 2021, 12:45 AM IST

फिरोजाबादः जिले में वायरल फीवर और डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं. ऐसे में मरीज मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं लेकिन अधिकतर को को मेडिकल कॉलेज प्रशासन आगरा रेफर कर रहा है, कुछ ऐसी शिकायतें मरीजों ने की है. मेडिकल कॉलेज में रविवार देर रात एक परिवार अपने बीमार बच्चे को गोदी में लेकर भटकते रहे लेकिन उन्हें कॉलेज प्रशासन एंट्री नहीं दी. परिवार गुहार लगाता रहा है कि वह बहुत गरीब है, बच्चे को आगरा ले जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं है. इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई. जबकि मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य का कहना है सभी प्रकार के मरीजों को भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है.

मेडिकल कॉलेज फिरोजाबाद.

बता दें कि जिले में डेंगू महामारी का कहर जारी है. सरकारी अफसरों की दौरे और बीमारी को रोकथाम के लिए किए जा रहे सारे प्रयास अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं. डेंगू मरीजों से मेडिकल कॉलेज फुल हो गया है. 100 शैय्या के अस्पताल में 408 मरीज भर्ती है. मेडिकल कालेज से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे में 118 नए मरीज भर्ती किए गए. जनपद में डेंगू और वायरल फीवर मरने वालों का आंकड़ा 75 को भी पार कर गया है. मरीजों की बढ़ती तादायद के कारण मेडिकल कॉलेज में डेंगू प्रभावित मरीजों के लिए 100 अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया गया है लेकिन वह भी फुल हो गए हैं.

मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कालेज प्रशासन भी अब इन्हें भर्ती करने से कन्नी काटने लगा है. यही वजह है कि पिछले दिनों कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. जिनमें यह साफ देखा जा सकता था इलाज न मिलने से परेशान होकर तीमारदारों द्वारा मेडिकल कॉलेज के बाहर ही एक पार्क में सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखकर अपने बालक का तापमान कम कर रहे थे. हालांकि मेडिकल कॉलेज लगातार यह दावा कर रहा है कि उसके पास पर्याप्त इंतजाम है. 30 अगस्त को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दौरे पर आए थे तो उन्होंने भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को हिदायत दी थी कि यहां पर मेन पावर बढ़ाई जाए. इसके बाद मेडिकल कालेज में 25 नए डाक्टरों की तैनाती हुई है. इसके बाद भी हालात सुधरे नहीं है.

कालेज में भर्ती मरीजों की तदायत बढ़ने से कॉलेज प्रशासन भी परेशान है और आरोप है कि बीमार मरीजों की जबरन छुट्टी की जा रही है. इधर. वायरल फीवर और डेंगू से हो रही मौतों को रोक पाने में नाकाम मेडिकल कालेज प्रशासन ने अस्पताल में भीड़ भाड़ कम करने का एक नया हथकंडा अपनाया है. आरोप है कि जो मरीज डेंगू से प्रभावित नहीं है, उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें-सनसनी ! प्रेमिका के प्यार में हैवान बना पति, गर्भवती पत्नी को इंजेक्शन लगाकर करवाया HIV संक्रमित

जलेसर रोड ककरऊ कोठी निवासी कन्हैया रविवार को अपने दो माह के बेटे को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज लाया था. कन्हैया का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उनसे यह कह दिया कि वह इसे इलाज के लिए आगरा ले जाएं. कन्हैया का कहना है कि वह गरीब है और आगरा में इलाज नहीं करा सकता. इधर मेडिकल कालेज की प्रिंसिपल डॉ संगीता अनेजा का कहना है कि यदि किसी को डेंगू नहीं है, उसे भी इलाज दिया जा रहा है. इस तरह के आरोप गलत है.

फिरोजाबादः जिले में वायरल फीवर और डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं. ऐसे में मरीज मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं लेकिन अधिकतर को को मेडिकल कॉलेज प्रशासन आगरा रेफर कर रहा है, कुछ ऐसी शिकायतें मरीजों ने की है. मेडिकल कॉलेज में रविवार देर रात एक परिवार अपने बीमार बच्चे को गोदी में लेकर भटकते रहे लेकिन उन्हें कॉलेज प्रशासन एंट्री नहीं दी. परिवार गुहार लगाता रहा है कि वह बहुत गरीब है, बच्चे को आगरा ले जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं है. इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई. जबकि मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य का कहना है सभी प्रकार के मरीजों को भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है.

मेडिकल कॉलेज फिरोजाबाद.

बता दें कि जिले में डेंगू महामारी का कहर जारी है. सरकारी अफसरों की दौरे और बीमारी को रोकथाम के लिए किए जा रहे सारे प्रयास अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं. डेंगू मरीजों से मेडिकल कॉलेज फुल हो गया है. 100 शैय्या के अस्पताल में 408 मरीज भर्ती है. मेडिकल कालेज से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे में 118 नए मरीज भर्ती किए गए. जनपद में डेंगू और वायरल फीवर मरने वालों का आंकड़ा 75 को भी पार कर गया है. मरीजों की बढ़ती तादायद के कारण मेडिकल कॉलेज में डेंगू प्रभावित मरीजों के लिए 100 अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया गया है लेकिन वह भी फुल हो गए हैं.

मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कालेज प्रशासन भी अब इन्हें भर्ती करने से कन्नी काटने लगा है. यही वजह है कि पिछले दिनों कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. जिनमें यह साफ देखा जा सकता था इलाज न मिलने से परेशान होकर तीमारदारों द्वारा मेडिकल कॉलेज के बाहर ही एक पार्क में सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखकर अपने बालक का तापमान कम कर रहे थे. हालांकि मेडिकल कॉलेज लगातार यह दावा कर रहा है कि उसके पास पर्याप्त इंतजाम है. 30 अगस्त को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दौरे पर आए थे तो उन्होंने भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को हिदायत दी थी कि यहां पर मेन पावर बढ़ाई जाए. इसके बाद मेडिकल कालेज में 25 नए डाक्टरों की तैनाती हुई है. इसके बाद भी हालात सुधरे नहीं है.

कालेज में भर्ती मरीजों की तदायत बढ़ने से कॉलेज प्रशासन भी परेशान है और आरोप है कि बीमार मरीजों की जबरन छुट्टी की जा रही है. इधर. वायरल फीवर और डेंगू से हो रही मौतों को रोक पाने में नाकाम मेडिकल कालेज प्रशासन ने अस्पताल में भीड़ भाड़ कम करने का एक नया हथकंडा अपनाया है. आरोप है कि जो मरीज डेंगू से प्रभावित नहीं है, उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है.

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जलेसर रोड ककरऊ कोठी निवासी कन्हैया रविवार को अपने दो माह के बेटे को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज लाया था. कन्हैया का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उनसे यह कह दिया कि वह इसे इलाज के लिए आगरा ले जाएं. कन्हैया का कहना है कि वह गरीब है और आगरा में इलाज नहीं करा सकता. इधर मेडिकल कालेज की प्रिंसिपल डॉ संगीता अनेजा का कहना है कि यदि किसी को डेंगू नहीं है, उसे भी इलाज दिया जा रहा है. इस तरह के आरोप गलत है.

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