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डेंगू का कहर: बच्चे के इलाज की उम्मीद टूटी तो फफक कर रो पड़ी मां, मेडिकल कॉलेज पर गंभीर आरोप

यूपी के फिरोजाबाद में डेंगू का कहर लगातार जारी है. फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज (Firozabad Medical College) में अपने बच्चे का इलाज कराने पहुंची मां इलाज न मिलता देख फफक कर रो पड़ी. मरीजों का आरोप है कि गंभीर मरीजों को भी मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं किया जा रहा है. वहीं मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या ने इन आरोपों को झूठ बताया है.

फफक कर रो पड़ी मां.
फफक कर रो पड़ी मां.
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Published : Sep 12, 2021, 1:27 PM IST

फिरोजाबाद: जिले में डेंगू (Dengue) महामारी ने स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल कर रख दी है. लगातार बढ़ती जा रही मरीजों की संख्या के कारण अब फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मरीजों को भर्ती करना भी बंद कर दिया है. आरोप है कि जो गंभीर पेशेंट हैं, उनको भी यह कहकर चलता किया जा रहा है कि ओपीडी में जाकर अपना इलाज कराएं, जबकि परिजनों के मुताबिक मरीज काफी सीरियस होता है, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया जा रहा. रोगियों के परिजनों का अस्पताल के बाहर रो-रोकर बुरा हाल है, बावजूद इसके मेडिकल कॉलेज प्रशासन का दिल नहीं पसीज रहा है. मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य ने सफाई दी है कि उन्हीं मरीजों को ओपीडी भेजा जा रहा है, जो भर्ती लायक नहीं है.

परिजनों ने फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज पर लगाए गंभीर आरोप.

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद जिला इन दिनों महामारी की चपेट में है. इस महामारी का नाम डेंगू है. इस बीमारी से इस जिले में अभी तक 75 मौतें हो चुकी हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग 56 मौतों की पुष्टि भी कर चुका है. लखनऊ और दिल्ली से कई टीमें आकर भी इस बीमारी पर शोध कर रही हैं कि आखिर यह बीमारी क्यों फैल रही है और इस पर काबू क्यों नहीं हो पा रहा है. लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या और उनकी मौतों से सरकार भी चिंतित है. 30 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद फिरोजाबाद आए थे, जहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती डेंगू से पीड़ित मरीजों से मुलाकात की थी. साथ ही डेंगू प्रभावित इलाकों में जाकर यह भी देखा था कि आखिर डेंगू फैलने की वजह क्या है.

उन्होंने इस तरह के निर्देश दिए थे कि बीमारी की रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं. मेडिकल कॉलेज में दवा और डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाए. इसके बाद मेडीकल कॉलेज को 25 नए डॉक्टर भी मिले हैं. यही नहीं, बीमारी केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है. ज्यादातर गांव भी इस बीमारी की जद में हैं. शायद ही कोई ऐसा गांव हो, जहां 50-60 लोग बीमार न हों. मरीजों को राहत देने के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर फिरोजाबाद का स्वास्थ्य महकमा गांव-गांव में शिविर लगा रहा है. यहां जो बुखार से पीड़ित मरीज हैं, उन्हें दवा का भी वितरण किया जा रहा है. जो मरीज बुखार से तड़पते हैं और उनकी हालत गंभीर होती है, ऐसे मरीजों को फिरोजाबाद जिले के मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने के लिए मरीज के तीमारदार लाते हैं, लेकिन अस्पताल में भी मरीजों को भर्ती के लिए जगह नहीं होती है. यही वजह है तरह-तरह के बहाने बनाकर मरीजों को वापस किया जा रहा है.

आरोप है कि जो मरीज सीरियस होते हैं, उनके तीमारदारों से भी यह कह दिया जाता है कि वह ओपीडी जाएं और वहां ही अपना इलाज कराएं. मेडिकल कॉलेज प्रशासन का ऐसा व्यवहार देखकर मरीजों के तीमारदारों के सामने आंसू बहाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता और वह अपने मरीज को लौटाकर ले जाते हैं.

इधर इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या से बात की गई, तो उन्होंने कहा किसी भी मरीज को लौटाने और इलाज न देने की बात गलत है. केवल उन्हीं मरीजों को लौटाया रहा है, जो भर्ती लायक नहीं है. हमारे यहां इमरजेंसी अलग है और ओपीडी अलग. जो गंभीर मरीज हैं, उन्हें इमरजेंसी में भर्ती किया जाता है, जो साधारण बुखार के रोगी हैं, उन्हें ओपीडी में दिखाया जाता है.

पढ़ें- डेंगू का कहर: मरीजों की हो रही जबरन छुट्टी, तीमारदारों ने मेडीकल कॉलेज पर लगाए गंभीर आरोप

फिरोजाबाद: जिले में डेंगू (Dengue) महामारी ने स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल कर रख दी है. लगातार बढ़ती जा रही मरीजों की संख्या के कारण अब फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मरीजों को भर्ती करना भी बंद कर दिया है. आरोप है कि जो गंभीर पेशेंट हैं, उनको भी यह कहकर चलता किया जा रहा है कि ओपीडी में जाकर अपना इलाज कराएं, जबकि परिजनों के मुताबिक मरीज काफी सीरियस होता है, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया जा रहा. रोगियों के परिजनों का अस्पताल के बाहर रो-रोकर बुरा हाल है, बावजूद इसके मेडिकल कॉलेज प्रशासन का दिल नहीं पसीज रहा है. मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य ने सफाई दी है कि उन्हीं मरीजों को ओपीडी भेजा जा रहा है, जो भर्ती लायक नहीं है.

परिजनों ने फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज पर लगाए गंभीर आरोप.

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद जिला इन दिनों महामारी की चपेट में है. इस महामारी का नाम डेंगू है. इस बीमारी से इस जिले में अभी तक 75 मौतें हो चुकी हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग 56 मौतों की पुष्टि भी कर चुका है. लखनऊ और दिल्ली से कई टीमें आकर भी इस बीमारी पर शोध कर रही हैं कि आखिर यह बीमारी क्यों फैल रही है और इस पर काबू क्यों नहीं हो पा रहा है. लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या और उनकी मौतों से सरकार भी चिंतित है. 30 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद फिरोजाबाद आए थे, जहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती डेंगू से पीड़ित मरीजों से मुलाकात की थी. साथ ही डेंगू प्रभावित इलाकों में जाकर यह भी देखा था कि आखिर डेंगू फैलने की वजह क्या है.

उन्होंने इस तरह के निर्देश दिए थे कि बीमारी की रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं. मेडिकल कॉलेज में दवा और डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाए. इसके बाद मेडीकल कॉलेज को 25 नए डॉक्टर भी मिले हैं. यही नहीं, बीमारी केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है. ज्यादातर गांव भी इस बीमारी की जद में हैं. शायद ही कोई ऐसा गांव हो, जहां 50-60 लोग बीमार न हों. मरीजों को राहत देने के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर फिरोजाबाद का स्वास्थ्य महकमा गांव-गांव में शिविर लगा रहा है. यहां जो बुखार से पीड़ित मरीज हैं, उन्हें दवा का भी वितरण किया जा रहा है. जो मरीज बुखार से तड़पते हैं और उनकी हालत गंभीर होती है, ऐसे मरीजों को फिरोजाबाद जिले के मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने के लिए मरीज के तीमारदार लाते हैं, लेकिन अस्पताल में भी मरीजों को भर्ती के लिए जगह नहीं होती है. यही वजह है तरह-तरह के बहाने बनाकर मरीजों को वापस किया जा रहा है.

आरोप है कि जो मरीज सीरियस होते हैं, उनके तीमारदारों से भी यह कह दिया जाता है कि वह ओपीडी जाएं और वहां ही अपना इलाज कराएं. मेडिकल कॉलेज प्रशासन का ऐसा व्यवहार देखकर मरीजों के तीमारदारों के सामने आंसू बहाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता और वह अपने मरीज को लौटाकर ले जाते हैं.

इधर इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या से बात की गई, तो उन्होंने कहा किसी भी मरीज को लौटाने और इलाज न देने की बात गलत है. केवल उन्हीं मरीजों को लौटाया रहा है, जो भर्ती लायक नहीं है. हमारे यहां इमरजेंसी अलग है और ओपीडी अलग. जो गंभीर मरीज हैं, उन्हें इमरजेंसी में भर्ती किया जाता है, जो साधारण बुखार के रोगी हैं, उन्हें ओपीडी में दिखाया जाता है.

पढ़ें- डेंगू का कहर: मरीजों की हो रही जबरन छुट्टी, तीमारदारों ने मेडीकल कॉलेज पर लगाए गंभीर आरोप

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