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फिरोजाबाद में तबाही के बीच प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने डाला डेरा - viral feaver in firozabad

यूपी के फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल फीवर से हाहाकार मचा है. जिले मे 65 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. तबाही के बीच शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने फिरोजाबाद में डेरा डाल दिया है. उन्होंने शनिवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार
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Published : Sep 4, 2021, 10:56 PM IST

फिरोजाबाद: जिले में डेंगू से मची तबाही के बीच शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने फिरोजाबाद में डेरा डाल दिया है. उन्होंने शनिवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और कहा कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम दोनों सम्मिलित रूप से डेंगू बीमारी पर काबू करने की कोशिश कर रहे है. उन्होंने यह भी दावा किया मेडिकल कॉलेज में जो मरीज भर्ती है वह यहां की चिकित्सा से काफी संतुष्ट हैं. कई मरीजों ने यह भी कहा कि इस मेडिकल कॉलेज में आने के बाद उन्हें नई जिंदगी मिली है.

फिरोजाबाद में इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर से हाहाकार मचा है. जिले मे 65 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. 50 मौतें अकेले शहरी इलाके में हुई हैं, जबकि कई मौतें ग्रामीण इलाकों में भी हुई है. मौतों का कोई अधिकृत आंकड़ा भी किसी के पास नहीं है. जिले के ज्यादातर गांव में घर-घर चारपाई बिछी हैं. डेंगू फैलने की शुरुआत शहर से लगे गांव नगला पान सहाय, टापा खुर्द से शुरू हुई थी. इसके बाद बीमारी ने मरघटी जलालपुर, नगला अमान, शेखूपुर, कपावली, दरिगपुर, समेत कई गांव को अपनी चपेट में ले लिया. शहरी इलाकों में भी डेंगू का जबरदस्त प्रकोप देखा जा सकता है. यहां पर एलान नगर, सुदामा नगर, हुमायूंपुर, झलकारी नगर, आनंद नगर ककरऊ आदि स्थानों पर 40 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे शामिल है, जबकि बड़ों की संख्या काफी कम है.

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार

इसे भी पढ़ें- मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पैरों में गिर कर बच्चों की जिंदगी की भीख मांग रहे ग्रामीण

मामला गंभीर होने पर इसकी गूंज लखनऊ तक पहुंची तो 30 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद फिरोजाबाद आए, जहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज के साथ सुदामा नगर में पहुंचकर हालातों का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि मेडिकल कॉलेज में मैन पावर बढ़ाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के प्रति भी नाराजगी जताई थी. मुख्यमंत्री की नाराजगी का असर भी हुआ और सीएमओ को यहां से हटा दिया गया. बावजूद इसके न तो बीमारी खत्म हुई और न ही मृतकों की संख्या में कोई कमी आई. मामले की गंभीरता को देखते हुए एक बार फिर राज्य सरकार ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार को शनिवार को भेजा. उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों से बात की, साथ ही उस बिल्डिंग को भी देखा जिसमें 100 नए बेड की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि मैं अभी फिरोजाबाद में ही रहूंगा और अन्य क्षेत्रों में भी जाऊंगा. उसके बाद ही पूरी बात बताई जा सकती है. फिलहाल जो बात सामने आई है उसके मुताबिक मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज की इलाज से संतुष्ट हैं. नगर निगम ने भी मैनपावर बढ़ाकर इलाकों में साफ सफाई कराई है. सीएमओ ने बताया कि अब ग्रामीण इलाके के मरीजों को पीएससी और सीएससी में भर्ती किया जाएगा.

फिरोजाबाद: जिले में डेंगू से मची तबाही के बीच शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने फिरोजाबाद में डेरा डाल दिया है. उन्होंने शनिवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और कहा कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम दोनों सम्मिलित रूप से डेंगू बीमारी पर काबू करने की कोशिश कर रहे है. उन्होंने यह भी दावा किया मेडिकल कॉलेज में जो मरीज भर्ती है वह यहां की चिकित्सा से काफी संतुष्ट हैं. कई मरीजों ने यह भी कहा कि इस मेडिकल कॉलेज में आने के बाद उन्हें नई जिंदगी मिली है.

फिरोजाबाद में इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर से हाहाकार मचा है. जिले मे 65 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. 50 मौतें अकेले शहरी इलाके में हुई हैं, जबकि कई मौतें ग्रामीण इलाकों में भी हुई है. मौतों का कोई अधिकृत आंकड़ा भी किसी के पास नहीं है. जिले के ज्यादातर गांव में घर-घर चारपाई बिछी हैं. डेंगू फैलने की शुरुआत शहर से लगे गांव नगला पान सहाय, टापा खुर्द से शुरू हुई थी. इसके बाद बीमारी ने मरघटी जलालपुर, नगला अमान, शेखूपुर, कपावली, दरिगपुर, समेत कई गांव को अपनी चपेट में ले लिया. शहरी इलाकों में भी डेंगू का जबरदस्त प्रकोप देखा जा सकता है. यहां पर एलान नगर, सुदामा नगर, हुमायूंपुर, झलकारी नगर, आनंद नगर ककरऊ आदि स्थानों पर 40 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे शामिल है, जबकि बड़ों की संख्या काफी कम है.

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार

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मामला गंभीर होने पर इसकी गूंज लखनऊ तक पहुंची तो 30 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद फिरोजाबाद आए, जहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज के साथ सुदामा नगर में पहुंचकर हालातों का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि मेडिकल कॉलेज में मैन पावर बढ़ाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के प्रति भी नाराजगी जताई थी. मुख्यमंत्री की नाराजगी का असर भी हुआ और सीएमओ को यहां से हटा दिया गया. बावजूद इसके न तो बीमारी खत्म हुई और न ही मृतकों की संख्या में कोई कमी आई. मामले की गंभीरता को देखते हुए एक बार फिर राज्य सरकार ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार को शनिवार को भेजा. उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों से बात की, साथ ही उस बिल्डिंग को भी देखा जिसमें 100 नए बेड की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि मैं अभी फिरोजाबाद में ही रहूंगा और अन्य क्षेत्रों में भी जाऊंगा. उसके बाद ही पूरी बात बताई जा सकती है. फिलहाल जो बात सामने आई है उसके मुताबिक मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज की इलाज से संतुष्ट हैं. नगर निगम ने भी मैनपावर बढ़ाकर इलाकों में साफ सफाई कराई है. सीएमओ ने बताया कि अब ग्रामीण इलाके के मरीजों को पीएससी और सीएससी में भर्ती किया जाएगा.

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