फिरोजाबाद: कोरोना काल में आर्थिक मंदी से जूझ रहे फिरोजाबाद का कांच कारोबार अभी पूरी तरह से पटरी पर भी नहीं आया था कि यहां के कारोबार को गेल गैस इंडिया ने एक और झटका दिया है. फिरोजाबाद की ग्लास इंडस्ट्रीज को जो गैस मिलती थी उसमें साढ़े तीन रुपये प्रति घन मीटर के हिसाब से बढ़ोतरी की गई है. अचानक हुई इस बढ़ोतरी के बाद से कारोबारी परेशान हैं. उन्होंने जनप्रतिनिधियों और गेल के अधिकारियों से भी आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. उद्योगपतियों कहना है कि अगर गेल इंडिया या सरकार इसका कोई हल नहीं निकालती है तो कारोबार बंद होने की कगार पर पहुंच जाएगा.
3.55 रुपये प्रति घन मीटर का हुआ इजाफा
फिरोजाबाद जनपद को कांच की नगरी और सुहाग नगरी जैसे नामों से भी जाना जाता है. इसकी वजह यह है कि यहां पर सुहाग की प्रतीक चूड़ियां बनती हैं, साथ ही कांच के तमाम तरीके के आकर्षक आइटम भी बनते हैं. उनमें बोतलें और ग्लास के अलावा एक्सपोर्ट आइटम्स भी शामिल हैं. फिरोजाबाद में करीब 200 कारखाने कांच के चलते हैं. ताज संरक्षित जोन में आने के बाद इन कारखानों को गैस मिली है. करीब 16 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस की खपत इन कारखानों में होती है.
क्या कहते हैं कारोबारी
इन कारखानों को अभी तक 17.95 रुपया प्रति घन मीटर से गैस मिलती थी, लेकिन इस बार 15 दिन का बिल गेल गैस इंडिया ने भेजा है, वह 21.50 रुपये प्रति घन मीटर की दर से है. यानि कि गैस की कीमतों में 3.55 रुपये की अचानक बढ़ोतरी की गई है. इस संबंध में फिरोजाबाद के कारोबारियों का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी 15 दिन बाद मिली है कि गैस के रेटों में इजाफा हुआ है, जबकि वह अपना माल पुरानी दर पर बेच रहे हैं. गेल गैस इंडिया को इसकी जानकारी समय पर देनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया. इसके अलावा फिरोजाबाद का कांच कारोबार अभी इस बढ़ोतरी को झेलने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि यह उद्योग कोरोना काल की मार झेल रहा है और आर्थिक मंदी का शिकार है.