फिरोजाबाद: नगर की सीमा में गैर कानूनी तरीके से चल रहे ईंट भट्टों को बंद कराने के लिए शुरू हुई कवायद एक बार फिर असफल साबित हुई है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पत्र लिखकर जहां नगर निगम से इन भट्टों को बंद कराने को कहा था. वहीं नगर निगम ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला बताकर हाथ खड़े कर दिए हैं.
फिरोजाबाद शहर ताज संरक्षित इलाके में आता है. यहां पर ऐसी कोई भी इकाई संचालित नहीं हो सकती, जिससे प्रदूषण फैलता हो. यहां जो चूड़ियों के कारखाने संचालित होते हैं, उनमें भी कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगाने के साथ ही उन्हें गैस उपलब्ध कराई गई है. वैसे भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमानुसार घनी आबादी में प्रदूषण फैलाने का कोई कार्य नहीं हो सकता. क्योंकि इससे जन स्वास्थ पर विपरीत असर पड़ता है. इन सभी नियम कायदों को ठेंगा दिखाकर फिरोजाबाद में नगर निगम की सीमा में चार ईंट भट्टे कोयले से संचालित हो रहे हैं.
फिरोजाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता रामदास मानव ने इसकी शिकायत भी की. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. रामदास मानव जब कोर्ट गए तो अदालत ने जनहित याचिका को स्वीकार कर संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी किया. मामला सुर्खियों में आया तो पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की नींद टूटी. पीसीबी की तरफ से नगर निगम को पत्र लिखकर कहा गया कि वह नगर निगम की सीमा में चलने वाले ईंट भट्टों पर कार्रवाई करें. पीसीबी ने बेशक नगर निगम को पत्र लिख दिया हो, लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि घनी आबादी में प्रदूषण फैलाने वाले इन भट्ठों पर शिकंजा कसा जा सकेगा.
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इस संबंध में नगर आयुक्त विजय कुमार ने बताया कि जो भट्टे संचालित हो रहे हैं वह पीसीबी की अस्थायी अनुमति के आधार पर हो रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि पीसीबी ने उन्हें एक पत्र लिखा है, लेकिन नगर निगम के पास इन्हें बंद कराने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी पीसीबी को दी जा रही है.