फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश में कोरोना के बाद अब डेंगू और वायरल फीवर (Dengue and viral fever) ने कहर बरपा रखा है. मरीजों की बढ़ोतरी के चलते अस्पतालों में बुरा हाल है, जिससे मरीजों को अपना इलाज कराने में काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है. कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है. वहीं, हालत यह हैं कि फिरोजाबाद में झोलाछाप डॉक्टर पेड़ पर बोतलें लटकाकर मरीजों को स्लाइन चढ़ा रहे हैं. इससे संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो टूंडला इलाके के उसायनी गांव का बताया जा रहा है.
फिरोजाबाद में फैली डेंगू महामारी में बालकों की मौत का कारण बने झोलाछाप डॉक्टरों पर जिले का स्वास्थ्य महकमा अंकुश लगाने में विफल साबित हो रहा है. यहां सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो को देखकर यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि झोलाछाप डॉक्टर किस कदर बेखौफ होकर इलाज कर रहे हैं. वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक क्लीनिक के बाहर स्थित पेड़ के नीचे मरीजों को लिटा कर उन्हें बोतल चढ़ाई जा रही है. सवाल यह है आखिर स्वास्थ्य विभाग आंखें क्यों बंद किए हुए है. और जो कार्रवाई हो भी रही है तो वह किन डॉक्टरों पर हो रही है.
जिले में अब तक बीमारी से 80 से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों की संख्या में अभी भी मरीज अपना अपना इलाज करा रहे हैं. कोई सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहा है तो कोई बड़े नामचीन अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं. ऐसे भी तमाम मरीज हैं जो झोलाछाप डॉक्टरों पर अपना इलाज करा रहे हैं. पिछले दिनों आगरा के अपर निदेशक स्वास्थ्य ने जब प्रभावित इलाकों का दौरा किया था तो कई मरीजों के घर पर स्टेरॉयड के इंजेक्शन और दर्द की दवाई मिली थी. इसके बाद अपर निदेशक ने यह दावा किया था कि फिरोजाबाद में जो मौतें हुई हैं उनका कारण झोलाछाप डॉक्टर हैं जो अप्रशिक्षित हैं और मरीज को जल्दी सही करने के प्रयास में उन्हें स्टेरॉयड के इंजेक्शन लगा रहे हैं जो जानलेवा होते हैं. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इसके बाद कुछ सख्त कदम भी उठाए और जिले भर में 20 से 25 झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिकों को को सील भी किया गया है. बावजूद इसके यह डॉक्टर अभी भी मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
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हम इस रिपोर्ट में आपको एक वीडियो दिखा रहे हैं यह वीडियो टूंडला इलाके के उसायनी गांव का है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक के सामने एक पेड़ के नीचे मरीजों को लिटा कर उन्हें बोतल चढ़ा रहा है. यह तो केवल एक डॉक्टर का उदाहरण है. पूरे जिले में ऐसे न जाने कितने डॉक्टर होंगे जो इस तरह मरीजों के लिए जानलेवा बने हुए हैं. हालांकि, स्वास्थ्य महकमा बार-बार यही तर्क देता है कि हम झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई कर रहे हैं. कई डॉक्टरों को नोटिस जारी किए और कुछ डॉक्टरों की क्लीनिक सील भी किए गए, लेकिन सवाल ये है कि जो वीडियो में दिख रहा है वह आखिर वह किसके दम पर चल रहा है.
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