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चमत्कार या कुछ और...श्मशान ले जाते समय जिंदा हुई वृद्ध महिला, डॉक्टरों ने कर दिया था मृत घोषित

यूपी के फिरोजाबाद में एक वृद्ध महिला की पहले मौत हो गई, जब परिजन श्मशान ले जाने लगे तो वह जिंदा हो गई. आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है.

फिरोजाबाद में जिंदा हुई मृतक महिला
फिरोजाबाद में जिंदा हुई मृतक महिला
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Published : Jan 5, 2023, 8:45 PM IST

फिरोजाबादः जिले में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां एक वृद्ध महिला मौत के मुंह से लौट आई. दरअसल 81 वर्षीय महिला के ब्रेन को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे तभी बुजुर्ग महिला ने आंखें खोल दी. इसी बीच यह खबर इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई. हालांकि अगले दिन महिला की मौत हो गयी और परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया.

जसराना इलाके के गांव बिलासपुर निवासी सुग्रीव ने बताया कि उनकी मां हरभेजी (81) की तबियत खराब होने पर 23 दिसम्बर को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सुग्रीव के ने बताया कि मंगलवार को डॉक्टरों ने उसकी मां हरभेजी को ब्रेन डेड बताकर घर ले जाने को कहा. सुग्रीव ने बताया कि उसने यह जानकारी परिजनों को दे दी. परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली साथ ही नातेदार, रिश्तेदार भी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए आ गए. अंतिम संस्कार का सामान भी मांगा लिया गया.

सुग्रीव ने बताया कि मंगलवार को ही मां का अंतिम संस्कार करने अर्थी पर ले जा रहे थे. तभी रास्ते में मां हरभेजी ने आंखें में खोल दी. इसके बाद वह मां को घर ले आए. घर पर उसने मां को चाय भी पिलाई. मां को जिंदा देखकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

सुग्रीव ने बताया कि हालांकि यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी. अगले दिन बुधवार को मां की मौत हो गयी. मृतका के बेटे सुग्रीव का आरोप है कि डाक्टर द्वारा गलत जानकारी देकर उसे गुमराह किया गया था. हालांकि परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया. मृत महिला के जिंदा होने की कहानी चर्चा का विषय बनी है.

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फिरोजाबादः जिले में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां एक वृद्ध महिला मौत के मुंह से लौट आई. दरअसल 81 वर्षीय महिला के ब्रेन को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे तभी बुजुर्ग महिला ने आंखें खोल दी. इसी बीच यह खबर इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई. हालांकि अगले दिन महिला की मौत हो गयी और परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया.

जसराना इलाके के गांव बिलासपुर निवासी सुग्रीव ने बताया कि उनकी मां हरभेजी (81) की तबियत खराब होने पर 23 दिसम्बर को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सुग्रीव के ने बताया कि मंगलवार को डॉक्टरों ने उसकी मां हरभेजी को ब्रेन डेड बताकर घर ले जाने को कहा. सुग्रीव ने बताया कि उसने यह जानकारी परिजनों को दे दी. परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली साथ ही नातेदार, रिश्तेदार भी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए आ गए. अंतिम संस्कार का सामान भी मांगा लिया गया.

सुग्रीव ने बताया कि मंगलवार को ही मां का अंतिम संस्कार करने अर्थी पर ले जा रहे थे. तभी रास्ते में मां हरभेजी ने आंखें में खोल दी. इसके बाद वह मां को घर ले आए. घर पर उसने मां को चाय भी पिलाई. मां को जिंदा देखकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

सुग्रीव ने बताया कि हालांकि यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी. अगले दिन बुधवार को मां की मौत हो गयी. मृतका के बेटे सुग्रीव का आरोप है कि डाक्टर द्वारा गलत जानकारी देकर उसे गुमराह किया गया था. हालांकि परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया. मृत महिला के जिंदा होने की कहानी चर्चा का विषय बनी है.

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