फिरोजाबाद: यूपी की योगी सरकार द्वारा बकरीद पर खुले में कुर्बानी या विवादित स्थानों पर कुर्बानी को रोकने के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देशों का असर फिरोजाबाद में भी दिखने लगा है. यहां गुरुवार को मुस्लिम धर्मगुरु ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक एडवाइजरी जारी करते हुए मुस्लिम समाज के लोगों से कहा कि वह कोई ऐसा काम न करें, जिससे उनके समाज को शर्मिंदगी का सामना करना पड़े. खुले में कुर्बानी न करें और कुर्बानी की फोटो सोशल मीडिया पर भी वायरल न करें.
यह भी पढ़ें- फिरोजाबाद में तीन सालों से बैडमिंटन का कोच नहीं, ऐसे में कैसे निखरेगी खिलाड़ियों की प्रतिभा
इस्लामिक सेंटर के सचिव मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी ने कहा कि इस्लामिक सेंटर अक्सर नमाज, रोजा, जकात हज, कुर्बानी से संबंधित मुस्लिम समाज की आसानी के लिए एडवाइजरी जारी करता आ रहा है. इसी के चलते आगामी बकरीद को लेकर भी एडवाइजरी जारी की गई है. उन्होंने कहा कि कुर्बानी कोई रस्म (परंपरा) नहीं है. कुर्बानी के दिनों मे अल्लाह को कुर्बानी से बढ़कर कोई और अमल पसंद नहीं, इसलिए मुस्लिम समाज को ईद उल अजहा पर जहां तक मुमकिन हो कुर्बानी करने की कोशिश करनी चाहिए. लेकिन बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी की फोटो और वीडियो हरगिज सोशल मीडिया पर न डालें, जिन लोगों पर कुर्बानी वाजिब हो वो अपनी जगह पर कुर्बानी न कर सकें तो वो दूसरी जगह पर कुर्बानी कराएं. अगर यह मुमकिन नहीं तो कुर्बानी के दिन गुजरने के बाद कुर्बानी के बराबर रकम गरीबों में बांट दें.
मौलाना ने कहा कि कोई भी कुर्बानी सड़कों या खुले में या फिर प्रतिबंधित जगहों के साथ प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी न करें, जिस से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे. साथ ही पुरे मुस्लिम समाज को शर्मिंदगी उठानी पड़े. उन्होंने कहा कि इस दौरान सफाई सफाई का खास ख्याल रखें.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप