फिरोजाबाद: यूपी के मंडी परिषद के डायरेक्टर जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि मंडियों में काफी कुछ सही है, लेकिन सुधार की अभी गुंजाइश है. यही हाल धान और मक्का क्रय केंद्रों का भी है. मंडी शुल्क खत्म करने की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंडियों के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है, जहां मंडी शुल्क नहीं लगता वहां की मंडियों की हालत काफी खस्ता है.
मंडी परिषद निदेशक जितेंद्र प्रसाद बुधबार को फिरोजाबाद में थे, जहां उन्होंने शिकोहाबाद की मंडी समिति का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि मंडियों में सुधार की जरूरत है. उन्होंने मक्का और धान खरीद क्रय केंद्रों का भी निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि ज्यादातर केंद्रों पर व्यवस्था ठीक मिली, लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश है. यूपी में मंडी शुल्क की समाप्ति की मांग पर उन्होंने कहा कि यह बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे विकास का काम होता है. उन्होंने बताया कि बिहार को छोड़कर सभी राज्य मंडी शुल्क वसूल रहे हैं. बिहार में मंडियों की हालत खस्ता है.
आलू की बढ़ती दरों के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिये काफी फायदे की बात है, लेकिन अब बाजारों में नए आलू की आवक शुरू हो चुकी है. ऐसे में उपभोक्ताओं को भी नए आलू से रेट का लाभ मिल सकता है. उन्होंने बताया कि मंडी परिषद किसानों के हित में लगातार काम कर रही है. जैविक सब्जी की मंडी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है. 17 मंडल मुख्यालयों पर बाजार स्थापित भी किये गए हैं और जहां आवश्यता होगी वहां स्थापना की जाएगी.