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भाईदूज के त्योहार पर कोरोना का ग्रहण, कैदी भाइयों को बहनें नहीं लगा सकेंगी तिलक - फिरोजाबाद खबर

फिरोजाबाद की जेल में बंद लोगों को उनकी बहनें इस बार दूज का तिलक नहीं कर सकेंगी. कोविड के चलते इस बार जेल प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है.

जिला कारागार, फिरोजाबाद
जिला कारागार, फिरोजाबाद
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Published : Nov 13, 2020, 1:18 PM IST

फिरोजाबादः जिले की जेल में बंद बंदियों को बहनें इस बार दूज का तिलक नहीं कर सकेंगी. कोविड-19 के चलते इस बार जेल प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है. बहनों को भावनात्मक रूप से राहत देते हुए जेल प्रशासन ने ये फैसला लिया है कि बहनें तिलक की रोरी और चावल कारागार के गेट पर स्थापित काउंटर पर जमा करा सकती हैं.

जेल में बंद हैं 1700 कैदी

फिरोजाबाद की जेल में करीब 1700 कैदी बंद हैं. जेल में भी भाई-बहन के प्रतीक का त्योहार भाई दूज और रक्षाबंधन मनाया जाता है. हर साल इसके लिए जो इंतज़ाम किये जाते थे, उसके मुताबिक जेल प्रशासन पहले नंबर पर आता था. इसके तहत बहनों को ग्रुप में भीतर बुलाया जाता था. जेल के भीतर भाई-बहन का प्यार देखने को मिलता था. बहने रक्षाबंधन के त्योहार पर भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई-दूज पर उनके सूने माथे पर तिलक लगाती हैं.

रक्षाबंधन पर भी लगी थी रोक
इस बार कोरोना महामारी भाई-बहन के अटूट प्यार पर भारी पड़ रही है. कारागार में जहां कोरोना ने इस बार बहन-भाइयों के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन पर ग्रहण लगाया था, वही हॉल भाईदूज का भी है. हालांकि इस संबंध में जेल के अधीक्षक अकरम खान ने बताया है कि जो बहनें तिलक के लिए रोली, चावल भाइयों तक पहुंचाना चाहती हैं, वे कारागार परिसर में स्थापित काउंटर पर जमा करा सकती हैं. काउन्टर 14 नवंबर की शाम तक बना रहेगा.

फिरोजाबादः जिले की जेल में बंद बंदियों को बहनें इस बार दूज का तिलक नहीं कर सकेंगी. कोविड-19 के चलते इस बार जेल प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है. बहनों को भावनात्मक रूप से राहत देते हुए जेल प्रशासन ने ये फैसला लिया है कि बहनें तिलक की रोरी और चावल कारागार के गेट पर स्थापित काउंटर पर जमा करा सकती हैं.

जेल में बंद हैं 1700 कैदी

फिरोजाबाद की जेल में करीब 1700 कैदी बंद हैं. जेल में भी भाई-बहन के प्रतीक का त्योहार भाई दूज और रक्षाबंधन मनाया जाता है. हर साल इसके लिए जो इंतज़ाम किये जाते थे, उसके मुताबिक जेल प्रशासन पहले नंबर पर आता था. इसके तहत बहनों को ग्रुप में भीतर बुलाया जाता था. जेल के भीतर भाई-बहन का प्यार देखने को मिलता था. बहने रक्षाबंधन के त्योहार पर भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई-दूज पर उनके सूने माथे पर तिलक लगाती हैं.

रक्षाबंधन पर भी लगी थी रोक
इस बार कोरोना महामारी भाई-बहन के अटूट प्यार पर भारी पड़ रही है. कारागार में जहां कोरोना ने इस बार बहन-भाइयों के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन पर ग्रहण लगाया था, वही हॉल भाईदूज का भी है. हालांकि इस संबंध में जेल के अधीक्षक अकरम खान ने बताया है कि जो बहनें तिलक के लिए रोली, चावल भाइयों तक पहुंचाना चाहती हैं, वे कारागार परिसर में स्थापित काउंटर पर जमा करा सकती हैं. काउन्टर 14 नवंबर की शाम तक बना रहेगा.

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