फिरोजाबाद: जिले में एक दशक से पीने के पानी का संकट है. इसी समस्या को देखते हुए करीब 400 करोड़ रुपये खर्च कर जेड़ाझाल परियोजना के तहत शहर में गंगा जल लाने का काम हुआ था, लेकिन इतनी बड़ी धनराशि खर्च होने के बाद भी शहर के कई इलाकों में पानी का संकट है और लोग परेशान हैं.
फिरोजाबाद की आबादी करीब 30 लाख के आसपास है. इतनी बड़ी आबादी बीते एक दशक से पीने के पानी का संकट झेल रही थी. कई बार इस मुद्दे ने राजनीति रंग भी लिया और यह चुनावी मुद्दा भी बना. राजनीतिक दलों के प्रयासों के बाद शहर के लिए जेड़ाझाल परियोजना शुरू हुई. इस परियोजना में एका थाना क्षेत्र के गांव जेड़ा से हजारा नहर से शहर में गंगाजल की सप्लाई होनी थी. साल 2013 में इसका शिलान्यास तत्कालीन अखिलेश यादव की सरकार ने किया और लोगों से वादा किया गया कि शहर में भरपूर पानी मिलेगा. लोगों के सामने पानी का कोई संकट नहीं रहेगा.
योजना पर खर्च हुए 400 करोड़
इस योजना के तहत गांव जेड़ा की हजारा नहर से हाथवंत ब्लॉक के गांव नंदपुर तक नहर बनाई गई, जहां से पानी की अशुद्धि दूर कर पानी को पाइपलाइन के जरिए सैलई गांव तक भेजा गया. यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये यह पानी फिरोजाबाद शहर में सप्लाई किया जाता है. नंदपुर गांव के पास एक झील भी बनाई गई है. इसमें इमरजेंसी के लिए पानी स्टोर किया जाता है. इस योजना पर 400 करोड़ खर्च भी किया गया है.
कई इलाकों में है पानी की समस्या
योजना का काम दो साल पहले ही पूरा हो चुका है और शहर में पानी की सप्लाई हो भी रही है, लेकिन तमाम इलाके ऐसे भी हैं, जहां पानी नहीं आ रहा है. कुछ इलाकों में तो इस योजना के तहत पानी की पाइपलाइन तक नहीं डाली जा सकी है. पिछले दिनों नगर निगम के दो पार्षद पानी की समस्या को लेकर धरने पर भी बैठे थे. नालबंद और हुंडावाला बाग में पानी की पाइपलाइन न पड़ने की वजह से समस्या है, तो कर्बला में पानी की पाइपलाइन में पानी नहीं आता है.
नगर आयुक्त बोले, हो रहा समाधान
कर्बला के पार्षद हेत सिंह शंखबार का कहना है कि इस मामले की शिकायत कई बार की जा चुकी है, लेकिन जल निगम और नगर निगम के अफसर इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है. वहीं नगर आयुक्त विजय कुमार का कहना कि कुछ इलाकों में पाइपलाइन नहीं पड़ी है, वहां पाइपलाइन बिछाई जा रही है. जहां-जहां पानी का संकट है, वहां समस्या हल कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि यह योजना जलनिगम संचालित कर रहा है. लिहाजा जलनिगम के सहयोग से ही समस्याओं का समाधान किया जा रहा है.