फिरोजाबाद: ग्रामीण इलाकों को स्वच्छ और सुंदर बनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है. स्वच्छता अभियान चलाकर साफ-सफाई पर जोर दिया जा रहा है. ग्रामीण इलाकों में सामुदाययिक शौचालय भी बनाये गये है, जिससे लोग खुले में शौच न करें. बाबजूद इसके फिरोजाबाद के ग्रामीण इलाकों में कूड़ा निस्तारण के कोई इंतजाम नहीं हैं. गांव के बाहर सड़कों पर कूड़े और गोबर के ढेर लगे हुए हैं.
स्मार्ट सिटी की तर्ज पर ग्राम पंचायतें भी स्मार्ट बन सकें इसके लिए सरकार ग्रामीण स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रही है. अच्छी ग्राम पंचायतों को पुरुस्कार भी दिए जाते है. ग्राम पंचायतों में सफाईकर्मी भी तैनात किए गए है. फिरोजाबाद जिले की बात करें तो यहां 34 ग्राम पंचायतों को मॉडल के रूप में भी विकसित किये जाने का दावा किया जा रहा है. गांवों में स्वच्छता को बढ़ाबा देने के लिए विभिन्न अभियान चलाकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
स्वच्छता के मामले में कुछ ऐसा है हाल
ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता कैसी है. इसके लिए ईटीवी भारत की टीम जिला मुख्यालय से सटे अकलपुर दामोदरपुर गांव पहुंची. गांव में घुसते ही सड़क पर कूड़े और गोवर के ढेर दिखाई दिए. स्वच्छता अभियान और ग्रामीण इलाकों की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि बीते कई सालों से यहां ऐसे ही ढेर सड़क पर पड़े हैं. गंदगी रहती है. ग्राम पंचायत ने इसके निराकरण का कोई भी इंतजाम नहीं किया है. गांव में घुसते ही एक तालाब है उसकी भी लंबे समय से सफाई नहीं होने के कारण गंदगी बजबजा रही है.
इन तमाम वजहों से गांव में बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है. मटसेना इलाके के गांव इटौरा का हाल भी कुछ ऐसा ही था. यहां भी गांव के बाहर गंदगी के ढेर लगे हुए थे.
साफ-सफाई के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है जो आगे भी चलता रहेगा. कुछ ग्राम पंचायतें मॉडल बनायी जा रही है. उनसे अन्य ग्राम पंचायतें प्रेरणा लेंगी और धीरे-धीरे परिवर्तन आएगा.
--नीरज सिन्हा, जिला पंचायत राज अधिकारी