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फिरोजाबाद के नगरसेन देवता को भक्त अर्पित करते हैं मुर्गी का अंडा, कारण बड़ा ही दिलचस्प है

उत्तर भारत के मंदिरों में वैसे तो निरामिष यानी शुद्ध शाकाहारी प्रसाद चढ़ाने की मान्यता है. मगर फिरोजाबाद के एक मंदिर में नगरसेन देवता को अंडा चढ़ाया जाता है. खुद देवता तो शाकाहारी है मगर अंडे के पीछे भी एक राज छिपा है. जानिए आखिर क्या है मंदिर में अंडे का प्रसाद चढ़ाने का फंडा...

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Published : Apr 15, 2023, 5:50 PM IST

Updated : Apr 15, 2023, 6:15 PM IST

फिरोजाबाद : आपने कई मंदिरों में पूजा अर्चना की होगी और प्रसाद में नारियल, हलवा या फिर बूंदी और पेड़ा चढ़ाए होंगे, लेकिन फिरोजाबाद में नगरसेन देवता का मंदिर है, जहां उन्हें अंडा चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि अंडा चढ़ाने से बच्चे रोग मुक्त हो जाते हैं. अगर किसी को संतान प्राप्ति में दिक्कत होती है तो वह भी बच्चा होने पर अंडा चढ़ाने का संकल्प होता है. माना जाता है कि इससे मन्नत मांगने वाले की मनोकामना पूरी हो जाती है. शुक्रवार को इस मंदिर पर भव्य मेला लगा और लोगों ने अंडा चढ़ाकर अपनी मनौती मांगी. इसके साथ ही बच्चों के मुंडन भी कराए. इस मेले का समापन रविवार को होगा.

भक्तों ने दी यह जानकारी.

बाबा नगरसेन देवता का मंदिर फिरोजाबाद जनपद के बिलहना गांव में है. यह इलाका बसई मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र में आता है. बाबा नगरसेन के मंदिर में वैशाख अष्टमी के दिन हर साल भव्य मेला लगता है. उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि दूसरे प्रांतों से भी श्रद्धालु यहां बाबा के दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर में मन्नत मांगने वालों और बच्चों का मुंडन कराने वाले भक्तों की भीड़ जुटती है. मान्यता है कि मंदिर में जो भी मनौती मांगी जाती है, वह जरूर पूरी हो जाती है.

नगरसेन देवता के मंदिर में भव्य मेला
नगरसेन देवता के मंदिर में भव्य मेला लगा है, यहां लोग बच्चे का मुंडन भी कराते हैं.

इस मंदिर की खासियत है कि उत्तर भारत में प्रचलित वैदिक प्रथा के अलग यहां प्रसाद में अंडा जरूर चढ़ाया जाता है. हालांकि प्रसाद में लड्डू, पूड़ी, बताशे भी चढ़ाए जाते हैं लेकिन श्रद्धालु अंडा चढ़ाए बिना नहीं मानते. अंडे के बिना बाबा नगरसेन देवता की पूजा अधूरी मानी जाती है. शुक्रवार को नगरसेन देवता के मंदिर में भव्य मेला लगा, जिसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंचकर बाबा नगरसेन की पूजा अर्चना की. भक्तों ने प्रसाद के साथ-साथ अंडा भी अर्पित किया.

इस मंदिर के बारे में एक मान्यता भी है. मंदिर कमेटी से जुड़े गांव के पूर्व प्रधान जगन्नाथ दिवाकर बताते हैं कि उनके गांव में एक बच्चे के शरीर में फफोले पड़ गए थे. काफी उपचार के बाद भी बालक जब सही नहीं हुआ तो बच्चे के घर वालों ने मुरैना मध्य प्रदेश के दिमनी स्थित नगरसेन बाबा के मंदिर पर बच्चे के ठीक होने की मन्नत मांगी. मन्नत पूरी होने पर गांव के परिवार ने बिल्हना गांव में लगभग 150 साल पहले इस मंदिर का निर्माण कराया था. उन्होंने यह भी बताया कि बाबा नगर सेन तो शाकाहारी है जो लड्डू, पूड़ी, बताशे आदि का भोग लेते हैं. मगर बाबा नगर सेन के दोस्त भूरा सैय्यद मसान मांसाहारी है, जो अंडे से प्रसन्न होते हैं, इसीलिए यहां पर भक्त लड्डू,पूड़ी बतासे नारियल के साथ-साथ अंडे का भी भोग लगाते हैं.

(नोट : यह स्टोरी लोक मान्यताओं पर आधारित है, इसका मकसद किसी की भावना को आहत करना नहीं है. )

पढ़ें : काशी की तर्ज पर अब कानपुर में करिए आनंदेश्वर मंदिर के दर्शन

फिरोजाबाद : आपने कई मंदिरों में पूजा अर्चना की होगी और प्रसाद में नारियल, हलवा या फिर बूंदी और पेड़ा चढ़ाए होंगे, लेकिन फिरोजाबाद में नगरसेन देवता का मंदिर है, जहां उन्हें अंडा चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि अंडा चढ़ाने से बच्चे रोग मुक्त हो जाते हैं. अगर किसी को संतान प्राप्ति में दिक्कत होती है तो वह भी बच्चा होने पर अंडा चढ़ाने का संकल्प होता है. माना जाता है कि इससे मन्नत मांगने वाले की मनोकामना पूरी हो जाती है. शुक्रवार को इस मंदिर पर भव्य मेला लगा और लोगों ने अंडा चढ़ाकर अपनी मनौती मांगी. इसके साथ ही बच्चों के मुंडन भी कराए. इस मेले का समापन रविवार को होगा.

भक्तों ने दी यह जानकारी.

बाबा नगरसेन देवता का मंदिर फिरोजाबाद जनपद के बिलहना गांव में है. यह इलाका बसई मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र में आता है. बाबा नगरसेन के मंदिर में वैशाख अष्टमी के दिन हर साल भव्य मेला लगता है. उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि दूसरे प्रांतों से भी श्रद्धालु यहां बाबा के दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर में मन्नत मांगने वालों और बच्चों का मुंडन कराने वाले भक्तों की भीड़ जुटती है. मान्यता है कि मंदिर में जो भी मनौती मांगी जाती है, वह जरूर पूरी हो जाती है.

नगरसेन देवता के मंदिर में भव्य मेला
नगरसेन देवता के मंदिर में भव्य मेला लगा है, यहां लोग बच्चे का मुंडन भी कराते हैं.

इस मंदिर की खासियत है कि उत्तर भारत में प्रचलित वैदिक प्रथा के अलग यहां प्रसाद में अंडा जरूर चढ़ाया जाता है. हालांकि प्रसाद में लड्डू, पूड़ी, बताशे भी चढ़ाए जाते हैं लेकिन श्रद्धालु अंडा चढ़ाए बिना नहीं मानते. अंडे के बिना बाबा नगरसेन देवता की पूजा अधूरी मानी जाती है. शुक्रवार को नगरसेन देवता के मंदिर में भव्य मेला लगा, जिसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंचकर बाबा नगरसेन की पूजा अर्चना की. भक्तों ने प्रसाद के साथ-साथ अंडा भी अर्पित किया.

इस मंदिर के बारे में एक मान्यता भी है. मंदिर कमेटी से जुड़े गांव के पूर्व प्रधान जगन्नाथ दिवाकर बताते हैं कि उनके गांव में एक बच्चे के शरीर में फफोले पड़ गए थे. काफी उपचार के बाद भी बालक जब सही नहीं हुआ तो बच्चे के घर वालों ने मुरैना मध्य प्रदेश के दिमनी स्थित नगरसेन बाबा के मंदिर पर बच्चे के ठीक होने की मन्नत मांगी. मन्नत पूरी होने पर गांव के परिवार ने बिल्हना गांव में लगभग 150 साल पहले इस मंदिर का निर्माण कराया था. उन्होंने यह भी बताया कि बाबा नगर सेन तो शाकाहारी है जो लड्डू, पूड़ी, बताशे आदि का भोग लेते हैं. मगर बाबा नगर सेन के दोस्त भूरा सैय्यद मसान मांसाहारी है, जो अंडे से प्रसन्न होते हैं, इसीलिए यहां पर भक्त लड्डू,पूड़ी बतासे नारियल के साथ-साथ अंडे का भी भोग लगाते हैं.

(नोट : यह स्टोरी लोक मान्यताओं पर आधारित है, इसका मकसद किसी की भावना को आहत करना नहीं है. )

पढ़ें : काशी की तर्ज पर अब कानपुर में करिए आनंदेश्वर मंदिर के दर्शन

Last Updated : Apr 15, 2023, 6:15 PM IST
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