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मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स के रिसर्च के काम आएगा बुजुर्ग का शव, जानिए कैसे

फिरोजाबाद में बुजुर्ग के शव को परिजनों ने मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया है. परिजनों ने मुताबिक आज से 8 साल पहले बुजुर्ग ने अपना शरीर मेडिकल कॉलेज को दान किया था, ताकि मेडिकल स्टूडेंट के लिए रिसर्च में काम आए.

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Published : Jan 28, 2023, 10:26 PM IST

जानकारी देते हुए परिजन

फिरोजाबाद: अभी तक आपने यह तो सुना होगा कि अमुक व्यक्ति ने पैसा दान किया हो या फिर कोई अन्य वस्तु दान की हो. लेकिन अपना शरीर किसी ने दान किया हो. एक या दो मामलों को छोड़कर यह बात शायद ही आपने सुनी हो. लेकिन फिरोजाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग ने आज से 8 साल पहले अपने शरीर को मेडिकल कॉलेज के लिए दान कर दिया था. बुजुर्ग का मानना था कि मरने के बाद उसका शरीर मेडिकल स्टूडेंट के लिए रिसर्च में काम आएगा. शुक्रवार को जब इन बुजुर्ग की मौत हो गई तो परिजन बुजुर्ग का शव लेकर अस्पताल पहुंचे और शव को अस्पताल प्रशासन/मेडीकल कॉलेज के सिपुर्द किया.

थाना मटसेना के गांव कोलामई निवासी 72 वर्षीय आशाराम गुप्ता पुत्र भोजराज गुप्ता पूर्व प्रधान थे. वह वर्तमान में थाना उत्तर क्षेत्र के मोहल्ला जैन नगर खेड़ा में मय परिवार के रहने लगे. उन्होंने 25 फरवरी 2015 को अपने परिवार के सदस्यों से कहां कि उनकी मौत होने के बाद दाह संस्कार न कर आगरा मेडिकल कॉलेज को दान कर दे. उन्होंने उसी समय शव दान का फार्म भी भरा था. उसकी बसीयत भी की थी, जिससे वहां मेडिकल की शिक्षा पा रहे.

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मेडिकल कॉलेज से जारी पत्र

इस दौरान आशाराम के भाई श्याम नरेश गुप्ता ने बताया कि आशाराम गुप्ता ने शुक्रवार को अपने निवास स्थान पर अचानक दम तोड़ दिया, जिससे परिवार में कोहराम मच गया. उनके पुत्र पंकज गुप्ता ने अपने पिता की घोषणा के तहत लोगों से चर्चा की साथ ही अपने चाचा आदि परिजनों को साथ लेकर वह शव लेकर सरकारी ट्रामा सेंटर पहुंचे, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉक्टर मोहम्मद शाहिद ने सभी औपचारिकताएं पूर्ण की और शव को मेडिकल कॉलेज की टीम को सुपुर्द कर दिया. मृतक बुजुर्ग के भाई श्याम नरेश गुप्ता और बेटा पंकज ने बताया कि उनके पिता ने आठ साल पहले देह दान की इच्छा जाहिर की थी, इसलिए आज हम लोग उनका शव लेकर मेडिकल कॉलेज आए है.

यह भी पढ़ें- Gonda CDO: लापरवाही बरतने पर गौरव कुमार हटाए गए, अरुण मौली बनी नई सीडीओ

जानकारी देते हुए परिजन

फिरोजाबाद: अभी तक आपने यह तो सुना होगा कि अमुक व्यक्ति ने पैसा दान किया हो या फिर कोई अन्य वस्तु दान की हो. लेकिन अपना शरीर किसी ने दान किया हो. एक या दो मामलों को छोड़कर यह बात शायद ही आपने सुनी हो. लेकिन फिरोजाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग ने आज से 8 साल पहले अपने शरीर को मेडिकल कॉलेज के लिए दान कर दिया था. बुजुर्ग का मानना था कि मरने के बाद उसका शरीर मेडिकल स्टूडेंट के लिए रिसर्च में काम आएगा. शुक्रवार को जब इन बुजुर्ग की मौत हो गई तो परिजन बुजुर्ग का शव लेकर अस्पताल पहुंचे और शव को अस्पताल प्रशासन/मेडीकल कॉलेज के सिपुर्द किया.

थाना मटसेना के गांव कोलामई निवासी 72 वर्षीय आशाराम गुप्ता पुत्र भोजराज गुप्ता पूर्व प्रधान थे. वह वर्तमान में थाना उत्तर क्षेत्र के मोहल्ला जैन नगर खेड़ा में मय परिवार के रहने लगे. उन्होंने 25 फरवरी 2015 को अपने परिवार के सदस्यों से कहां कि उनकी मौत होने के बाद दाह संस्कार न कर आगरा मेडिकल कॉलेज को दान कर दे. उन्होंने उसी समय शव दान का फार्म भी भरा था. उसकी बसीयत भी की थी, जिससे वहां मेडिकल की शिक्षा पा रहे.

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मेडिकल कॉलेज से जारी पत्र

इस दौरान आशाराम के भाई श्याम नरेश गुप्ता ने बताया कि आशाराम गुप्ता ने शुक्रवार को अपने निवास स्थान पर अचानक दम तोड़ दिया, जिससे परिवार में कोहराम मच गया. उनके पुत्र पंकज गुप्ता ने अपने पिता की घोषणा के तहत लोगों से चर्चा की साथ ही अपने चाचा आदि परिजनों को साथ लेकर वह शव लेकर सरकारी ट्रामा सेंटर पहुंचे, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉक्टर मोहम्मद शाहिद ने सभी औपचारिकताएं पूर्ण की और शव को मेडिकल कॉलेज की टीम को सुपुर्द कर दिया. मृतक बुजुर्ग के भाई श्याम नरेश गुप्ता और बेटा पंकज ने बताया कि उनके पिता ने आठ साल पहले देह दान की इच्छा जाहिर की थी, इसलिए आज हम लोग उनका शव लेकर मेडिकल कॉलेज आए है.

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