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सड़क पर उतरीं मेडिकल कॉलेज की नर्सें, प्रिंसिपल के खिलाफ मोर्चा खोला, नौकरी से हटाने पर गुस्सा फूटा - फिजोराबाद मेडिकल कॉलेज नर्सों का हंगामा

फिजोराबाद में आज मेडिकल कॉलेज (Firozabad Medical College) की नर्सों ने जमकर हंगामा (Medical College Nurses Created Ruckus in Firozabad) किया. साथ ही प्रिंसिपल के खिलाफ नारेबाजी की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 5:50 PM IST

फिजोराबाद में मेडिकल कॉलेज की नर्सों का प्रदर्शन

फिरोजाबाद: जिले में बुधवार को मेडिकल कॉलेज में तैनात स्टाफ नर्सों ने जमकर हंगामा किया. साथ ही मेडिकल कॉलेज के गेट पर धरना भी दिया और प्रिंसिपल के खिलाफ नारे भी लगाए. यह सभी स्टाफ नर्स नौकरी से निकाले जाने को लेकर आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि कोविड काल में उन्होंने जान जोखिम में डालकर नौकरी की थी. लेकिन, अब स्वास्थ्य विभाग ने हमें कहीं का नहीं छोड़ा है. स्टाफ नर्स का यह भी आरोप है कि जो अन्य स्टाफ बचा है, उसको भी सरकार निकालने की तैयारी कर रही है. हालांकि, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने उन्हें न हटाने का आश्वासन भी दिया है.

लगभग 4 साल पहले अस्तित्व में आए फिरोजाबाद के राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) में लगभग 150 स्टाफ नसों को आउटसोर्सिंग के जरिए नियुक्त किया गया था. तब से यह लोग लगातार काम करते आ रहे हैं. लेकिन, मंगलवार को इन लोगों को जब यह मालूम हुआ कि इनमें से 30 स्टाफ नर्स की सेवा समाप्त कर दी गई है और उनकी जगह पर नई नियुक्ति भी हो गई तो यह सभी लोग भड़क गए. आज इन्होंने मेडिकल कॉलेज के बाहर जमकर हंगामा और नारेबाजी की. उनका आरोप था कि अब वह लोग कहां जाएंगे. क्योंकि, लंबे समय तक उन्होंने इस अस्पताल में सेवा की है. कोविड और डेंगू जैसी महामारियों के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाई और सरकार ने उन्हें ऐसे निकाल दिया है जैसे दूध से मक्खी निकाल दी जाती है.

स्टाफ नर्स का यह भी आरोप था कि यह सब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की मिलीभगत से हो रहा है. स्टाफ नर्स का यह भी आरोप था कि अभी तो 30 लोगों को निकाला गया है. अन्य लोगों को भी निकालने की तैयारी की जा रही है और इस संबंध में कोई अधिकारी बात करने तक के लिए तैयार नहीं है. हंगामे की जानकारी मिलने पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बलवीर सिंह मौके पर पहुंचे. उन्होंने हंगामा करने वाली स्टाफ नर्सों को काफी समझाया. प्राचार्य का कहना था कि सरकार द्वारा 40 स्टाफ नर्स स्थायी रूप से नियुक्त की गईं. ऐसे में इस स्टाफ को हटाना हमारी मजबूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य किसी स्टाफ को अभी नहीं हटाया जा रहा. इसका लिखित लेटर भी उन्होंने स्टाफ नर्स को दिया है. हंगामा बढ़ते देख उन्होंने इन 30 नर्सों को न हटाने का भरोसा दिया है.

यह भी पढ़ें: सीवर सफाई के दौरान मजदूर की मृत्यु पर योगी सरकार परिजनों को देगी 30 लाख रुपये हर्जाना, आदेश जारी

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फिरोजाबाद: जिले में बुधवार को मेडिकल कॉलेज में तैनात स्टाफ नर्सों ने जमकर हंगामा किया. साथ ही मेडिकल कॉलेज के गेट पर धरना भी दिया और प्रिंसिपल के खिलाफ नारे भी लगाए. यह सभी स्टाफ नर्स नौकरी से निकाले जाने को लेकर आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि कोविड काल में उन्होंने जान जोखिम में डालकर नौकरी की थी. लेकिन, अब स्वास्थ्य विभाग ने हमें कहीं का नहीं छोड़ा है. स्टाफ नर्स का यह भी आरोप है कि जो अन्य स्टाफ बचा है, उसको भी सरकार निकालने की तैयारी कर रही है. हालांकि, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने उन्हें न हटाने का आश्वासन भी दिया है.

लगभग 4 साल पहले अस्तित्व में आए फिरोजाबाद के राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) में लगभग 150 स्टाफ नसों को आउटसोर्सिंग के जरिए नियुक्त किया गया था. तब से यह लोग लगातार काम करते आ रहे हैं. लेकिन, मंगलवार को इन लोगों को जब यह मालूम हुआ कि इनमें से 30 स्टाफ नर्स की सेवा समाप्त कर दी गई है और उनकी जगह पर नई नियुक्ति भी हो गई तो यह सभी लोग भड़क गए. आज इन्होंने मेडिकल कॉलेज के बाहर जमकर हंगामा और नारेबाजी की. उनका आरोप था कि अब वह लोग कहां जाएंगे. क्योंकि, लंबे समय तक उन्होंने इस अस्पताल में सेवा की है. कोविड और डेंगू जैसी महामारियों के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाई और सरकार ने उन्हें ऐसे निकाल दिया है जैसे दूध से मक्खी निकाल दी जाती है.

स्टाफ नर्स का यह भी आरोप था कि यह सब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की मिलीभगत से हो रहा है. स्टाफ नर्स का यह भी आरोप था कि अभी तो 30 लोगों को निकाला गया है. अन्य लोगों को भी निकालने की तैयारी की जा रही है और इस संबंध में कोई अधिकारी बात करने तक के लिए तैयार नहीं है. हंगामे की जानकारी मिलने पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बलवीर सिंह मौके पर पहुंचे. उन्होंने हंगामा करने वाली स्टाफ नर्सों को काफी समझाया. प्राचार्य का कहना था कि सरकार द्वारा 40 स्टाफ नर्स स्थायी रूप से नियुक्त की गईं. ऐसे में इस स्टाफ को हटाना हमारी मजबूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य किसी स्टाफ को अभी नहीं हटाया जा रहा. इसका लिखित लेटर भी उन्होंने स्टाफ नर्स को दिया है. हंगामा बढ़ते देख उन्होंने इन 30 नर्सों को न हटाने का भरोसा दिया है.

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