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फिरोजाबाद में हत्या के दोषी को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा - फिरोजाबाद की कोर्ट ने सुनाई सजा

फिरोजाबाद में हत्या के दोषी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.

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एंटी डकैती कोर्ट ने हत्यारोपी को दोषी करार देकर सुनायी उम्र कैद की सजा
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Published : Oct 15, 2022, 7:07 PM IST

फिरोजाबादः न्यायालय ने हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर एक आरोपी को उम्रकैद की सजा (court sentenced life imprisonment) सुनाई और 20 हजार का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की आधी रकम मृतक के आश्रित को देनी होगी. अर्थदंड अदा न करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना सिरसागंज क्षेत्र सारख निवासी रामजी लाल पुत्र रामदास की गांव के ही रोहन सिंह पुत्र रामसनेही तथा उसके भाई रणवीर ने लेनदेन के विवाद में 8 नवंबर 1993 को हत्या कर दी थी. मृतक के भाई विनोद कुमार ने दोनों भाइयों के खिलाफ थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना कर दोनों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.

मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश एंटी डकैती आजाद सिंह की अदालत में चला था.अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार शर्मा ने बताया कि मुकदमे के दौरान रणवीर की मृत्यु हो गई थी. मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए.

गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने रोहन सिंह को दोषी माना. न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. उस पर 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया. जुर्माना न देने पर उसे एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय ने अर्थदंड की 50 प्रतिशत राशि मृतक की विधिक उत्तराधिकारी को देने के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ेंः गुरमीत राम रहीम को मिली 40 दिन की पैरोल, बागपत के बरनावा आश्रम पहुंचा

फिरोजाबादः न्यायालय ने हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर एक आरोपी को उम्रकैद की सजा (court sentenced life imprisonment) सुनाई और 20 हजार का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की आधी रकम मृतक के आश्रित को देनी होगी. अर्थदंड अदा न करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना सिरसागंज क्षेत्र सारख निवासी रामजी लाल पुत्र रामदास की गांव के ही रोहन सिंह पुत्र रामसनेही तथा उसके भाई रणवीर ने लेनदेन के विवाद में 8 नवंबर 1993 को हत्या कर दी थी. मृतक के भाई विनोद कुमार ने दोनों भाइयों के खिलाफ थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना कर दोनों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.

मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश एंटी डकैती आजाद सिंह की अदालत में चला था.अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार शर्मा ने बताया कि मुकदमे के दौरान रणवीर की मृत्यु हो गई थी. मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए.

गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने रोहन सिंह को दोषी माना. न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. उस पर 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया. जुर्माना न देने पर उसे एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय ने अर्थदंड की 50 प्रतिशत राशि मृतक की विधिक उत्तराधिकारी को देने के आदेश दिए हैं.

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