फिरोजाबाद: कोविड काल में लॉकडाउन के कारण अन्नदाता काफी परेशान हैं. फिरोजाबाद में टमाटर की फसल पैदा करने वाले किसान आर्थिक मंदी की मार झेल रहे हैं. गर्मियों के सीजन में जो टमाटर 50 रुपये किलो की दर से बिकता था. वो इस समय महज पांच रुपये किलो की दर से ही बिक पा रहा है. लागत मूल्य और मेहनत का पैसा न मिलने से किसान काफी परेशान हैं.
इसे भी देखें-SPECIAL: चौतरफा घिरा 'अन्नदाता', जल्द नहीं बदले हालात को खड़ी होगी बड़ी समस्या
किसानों के सामने आर्थिक संकट
हाथवंत ब्लॉक के गांव बिल्टीगढ़ निवासी किसान लॉकडाउन की वजह से काफी परेशान हैं. उनके सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वो करें भी तो क्या करें?. कोविड की मार उनकी फसल पर जो पड़ी है. इस गांव के ज्यादातर किसान टमाटर की खेती करते हैं. किसानों को उम्मीद रहती थी कि फसल की अच्छी पैदावार होगी तो मूल्य भी अच्छा मिलेगा, जिससे उनकी रोजी-रोटी चल चलती रहेगी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.
बहरहाल, फसल तो अच्छी है, लेकिन उम्मीद से बहुत कम भाव मिल रहा है. दरअसल, लॉकडाउन की वजह से मंडियां भी कम खुल रही हैं. जब खुलती हैं तो किसान टमाटर मंडी पहुंचा देते हैं तो उन्हें इसकी पूरी लागत नहीं मिलती है. उल्टा लागत से अधिक ट्रांसपोर्ट का खर्चा आ जाता है. इस वजह से उनको इस बार टमाटर की फसल में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
इसे भी पढ़ें-लॉकडाउन में चौपट हुआ इत्र कारोबार, व्यापारी परेशान
फिरोजाबाद की सब्जी मंडी समिति में टमाटर पांच रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. मंडियों में टमाटर की आवक ज्यादा और ग्राहकों की कमी व खपत कम होने से टमाटर का मिट्टी के मोल बिक रहा है. किसान बताते हैं कि पिछले साल भी कोविड काल में टमाटर की बिक्री नहीं हो सकी थी. उम्मीद थी कि घाटा इस साल घाटा रिकवर हो जायेगा, लेकिन इस साल भी मिट्टी मोल टमाटर के बिकने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.