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आलू की फसल को लोकल स्तर पर इंडस्ट्रीज से जोड़ने की कवायद, सरकारी अनुदान पर लगेंगी फूड प्रोसेसिंग इकाइयां

यूपी सरकार किसानों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. सरकार कृषि को स्थानीय स्तर पर ही उद्योग से जोड़ने की कोशिश कर रही है. जिसके तहत एक जनपद, एक उत्पाद के तहत फसलों को जोड़ने के बाद अब फसल से संबंधित उद्योग लगाने के लिए अनुदान पर लोन भी उपलब्ध कराएगी.

आलू की फसल.
आलू की फसल.
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Published : Sep 7, 2022, 1:44 PM IST

फिरोजाबाद: किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिल सके. इसके लिए यूपी सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. सरकार कृषि को स्थानीय स्तर पर ही उद्योग से जोड़ने की कोशिश कर रही है. एक जनपद, एक उत्पाद के तहत फसलों को जोड़ने के बाद अब फसल से संबंधित उद्योग लगाने के लिए अनुदान पर लोन भी उपलब्ध कराएगी. गौरतलब है कि फिरोजाबाद जनपद में आलू की फसल को ओडीओपी के दायरे में रखा गया है.

जानकारी देते डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्रीज पंकज निर्वाण.

फिरोजाबाद में गेंहू, धान और बाजरा की परंपरागत फसल से आए दिन खेती में होने वाले नुकसान से परेशान होकर किसान आलू की फसल को उगाने लगे हैं, लेकिन बाजार में भाव न मिलने के कारण आलू की फसल भी घाटे का सौदा बन गई है. किसानों की इस गंभीर समस्या के मद्देनजर यूपी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है.

फिरोजाबाद जनपद के आलू को ओडीओपी स्कीम में चयनित किया गया है. इस स्कीम के तहत इस जिले में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना के लिए सरकार लोन मुहैया कराएगी. कोल्ड स्टोरेज के खराब आलू को प्रयोग में लाने के लिए इकाई स्थापित होगी. दरअसल वैसे तो फिरोजाबाद जनपद की पहचान चूड़ियों के नाम से होती है और इन चूड़ियों को सरकार ने ओडीओपी स्कीम में रखा है. सरकार ने जब कृषि उत्पाद को इंडस्ट्रीज से जोड़ने का फैसला लिया तो फिरोजाबाद के आलू को इस श्रेणी में रखा गया है. वैसे तो यहां गेंहू की फसल सबसे ज्यादा क्षेत्रफल में होती है. लगभग एक लाख हेक्टेयर में गेंहू की पैदावार होती है. दूसरे नंबर पर यहां आलू की फसल लगभग 60 हजार हेक्टेयर में पैदा होती है. यही वजह है कि सरकार ने इसे ओडीओपी स्कीम के तहत चुना है.

उपायुक्त इंडस्ट्रीज पंकज निर्वाण ने कहा है कि आलू से उत्पादित होने वाले खाद्य पदार्थो की इकाइयों को लगाने सरकार लोन भी मुहैया कराएगी. साथ ही ऐसी इकाई की स्थापना के प्रयास किए जाएंगे, जिससे कोल्ड स्टोरेज के खराब आलू को उपयोग में लाया जा सके.

इसे भी पढे़ं- हद है लापरवाही की, शौचालय के पास रखी बाढ़ राहत सामग्री

फिरोजाबाद: किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिल सके. इसके लिए यूपी सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. सरकार कृषि को स्थानीय स्तर पर ही उद्योग से जोड़ने की कोशिश कर रही है. एक जनपद, एक उत्पाद के तहत फसलों को जोड़ने के बाद अब फसल से संबंधित उद्योग लगाने के लिए अनुदान पर लोन भी उपलब्ध कराएगी. गौरतलब है कि फिरोजाबाद जनपद में आलू की फसल को ओडीओपी के दायरे में रखा गया है.

जानकारी देते डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्रीज पंकज निर्वाण.

फिरोजाबाद में गेंहू, धान और बाजरा की परंपरागत फसल से आए दिन खेती में होने वाले नुकसान से परेशान होकर किसान आलू की फसल को उगाने लगे हैं, लेकिन बाजार में भाव न मिलने के कारण आलू की फसल भी घाटे का सौदा बन गई है. किसानों की इस गंभीर समस्या के मद्देनजर यूपी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है.

फिरोजाबाद जनपद के आलू को ओडीओपी स्कीम में चयनित किया गया है. इस स्कीम के तहत इस जिले में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना के लिए सरकार लोन मुहैया कराएगी. कोल्ड स्टोरेज के खराब आलू को प्रयोग में लाने के लिए इकाई स्थापित होगी. दरअसल वैसे तो फिरोजाबाद जनपद की पहचान चूड़ियों के नाम से होती है और इन चूड़ियों को सरकार ने ओडीओपी स्कीम में रखा है. सरकार ने जब कृषि उत्पाद को इंडस्ट्रीज से जोड़ने का फैसला लिया तो फिरोजाबाद के आलू को इस श्रेणी में रखा गया है. वैसे तो यहां गेंहू की फसल सबसे ज्यादा क्षेत्रफल में होती है. लगभग एक लाख हेक्टेयर में गेंहू की पैदावार होती है. दूसरे नंबर पर यहां आलू की फसल लगभग 60 हजार हेक्टेयर में पैदा होती है. यही वजह है कि सरकार ने इसे ओडीओपी स्कीम के तहत चुना है.

उपायुक्त इंडस्ट्रीज पंकज निर्वाण ने कहा है कि आलू से उत्पादित होने वाले खाद्य पदार्थो की इकाइयों को लगाने सरकार लोन भी मुहैया कराएगी. साथ ही ऐसी इकाई की स्थापना के प्रयास किए जाएंगे, जिससे कोल्ड स्टोरेज के खराब आलू को उपयोग में लाया जा सके.

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