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फिरोजाबाद: पराली जलाने से रोकने के लिए तहसील स्तर पर गठित हुई कमेटियां - पराली जलाने को लेकर प्रशासन सख्त

फिरोजाबाद जिले में पराली जलाने वाले किसानों की निगरानी के लिए प्रशासन की तरफ से जिले के साथ-साथ तहसील स्तरीय कमेटियां गठित की गई हैं. ऐसे में अगर कोई किसान पराली जलाते पाया गया तो उस पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा. बता दें कि इन कमेटियों की अध्यक्षता एसडीएम करेंगे.

पराली जलाने से रोकने के लिए गठित कमेटी
पराली जलाने से रोकने के लिए गठित कमेटी
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Published : Nov 7, 2020, 2:52 PM IST

फिरोजाबाद: बढ़ते प्रदूषण और आसमान में छाने वाली धुंध की समस्या को लेकर अब जिला स्तर पर और अधिक सख्ती की जा रही है. पराली जलाने वाले किसानों की निगरानी के लिए जिला के साथ-साथ तहसील स्तर पर भी कमेटियों को गठित किया गया है, जो ऐसे किसानों पर नजर रखेंगी और अगर कोई किसान ऐसा करता हुआ मिलेगा तो उस पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा. इन कमेटियों की अध्यक्षता एसडीएम करेंगे.

वायु प्रदूषण के मद्देनजर बढ़ी सख्ती
जिले के कुछ हिस्से में धान की खेती होती है. लिहाजा यहां की भी समस्या अन्य जनपदों जैसी ही है. किसान फसल को तो गहाई कर घर ले जाते हैं, लेकिन पराली को खेत में ही छोड़ देते हैं और उसे आग के हवाले कर देते हैं. पराली से उठने वाला धुंआ आसमान में धुंध और बढ़ते वायु प्रदूषण का कारण बन जाती है. वैसे तो पूरे देश में इस पर सख्ती हो रही है. पराली जलाने वाले किसानों को दंड देकर वसूली की जा रही है, लेकिन फिरोजाबाद में प्रशासन और अधिक सख्त हो गया है.

इसी सख्ती के चलते जिला स्तर के साथ-साथ तहसील स्तर पर भी एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, जिससे ऐसी घटनाओं की सतत निगरानी की जा सके. उप निदेशक कृषि प्रसार हंसराज का कहना कि किसान अगर पराली को खेत में ही जलायेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. साथ ही उनसे अर्थदंड भी वसूला जाएगा.

उन्होंने बताया कि पराली को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर उसे जमींदोज करने के लिए विभाग के पास कुछ यंत्र भी हैं, जिन्हें किसानों को सब्सिडी पर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ किसान कम्बाईन मशीन से फसल को काटते हैं. उन्हें भूसा बनाने की मशीन को भी साथ लगाना चाहिए. ऐसा न करने पर कम्बाईन को जब्त कर लिया जाएगा.

फिरोजाबाद: बढ़ते प्रदूषण और आसमान में छाने वाली धुंध की समस्या को लेकर अब जिला स्तर पर और अधिक सख्ती की जा रही है. पराली जलाने वाले किसानों की निगरानी के लिए जिला के साथ-साथ तहसील स्तर पर भी कमेटियों को गठित किया गया है, जो ऐसे किसानों पर नजर रखेंगी और अगर कोई किसान ऐसा करता हुआ मिलेगा तो उस पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा. इन कमेटियों की अध्यक्षता एसडीएम करेंगे.

वायु प्रदूषण के मद्देनजर बढ़ी सख्ती
जिले के कुछ हिस्से में धान की खेती होती है. लिहाजा यहां की भी समस्या अन्य जनपदों जैसी ही है. किसान फसल को तो गहाई कर घर ले जाते हैं, लेकिन पराली को खेत में ही छोड़ देते हैं और उसे आग के हवाले कर देते हैं. पराली से उठने वाला धुंआ आसमान में धुंध और बढ़ते वायु प्रदूषण का कारण बन जाती है. वैसे तो पूरे देश में इस पर सख्ती हो रही है. पराली जलाने वाले किसानों को दंड देकर वसूली की जा रही है, लेकिन फिरोजाबाद में प्रशासन और अधिक सख्त हो गया है.

इसी सख्ती के चलते जिला स्तर के साथ-साथ तहसील स्तर पर भी एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, जिससे ऐसी घटनाओं की सतत निगरानी की जा सके. उप निदेशक कृषि प्रसार हंसराज का कहना कि किसान अगर पराली को खेत में ही जलायेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. साथ ही उनसे अर्थदंड भी वसूला जाएगा.

उन्होंने बताया कि पराली को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर उसे जमींदोज करने के लिए विभाग के पास कुछ यंत्र भी हैं, जिन्हें किसानों को सब्सिडी पर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ किसान कम्बाईन मशीन से फसल को काटते हैं. उन्हें भूसा बनाने की मशीन को भी साथ लगाना चाहिए. ऐसा न करने पर कम्बाईन को जब्त कर लिया जाएगा.

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