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फिरोजाबाद में 12 हजार राशनकार्ड निरस्त, जानिये क्या रही वजह

कोरोना काल में कोई गरीब भूखा न सोये इसके लिए यूपी सरकार ने गरीबों के राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी. इस दौरान ऐसे तमाम लोगों ने अपने राशन कार्ड बनवा कर राशन लेना शुरू कर दिया था, जो पात्रता की श्रेणी में नहीं आते थे. प्रशासन ने ऐसे लोगों पर एक्शन लिया है.

12 हजार राशनकार्ड निरस्त
12 हजार राशनकार्ड निरस्त
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Published : Feb 20, 2021, 5:15 PM IST

फिरोजाबादः कोरोना काल में कई ऐसे लोग भी थे, जो पात्र की श्रेणी में न होते हुए भी राशन लेते थे. डीएम ने इसकी जांच करवायी तो करीब 12 हजार से ज्यादा लाभार्थी पात्र नहीं पाये गये थे. जिसके बाद खाद्य आपूर्ति विभाग ने ऐसे सभी राशन कार्ड को निरस्त कर दिया.

गरीबों के लिए सरकार ने की थी व्यवस्था

कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से उद्योग धंधे बंद हो गये थे, लिहाजा गरीब तबके के जो लोग हैं, उनके सामने रोजी-रोटी का भी संकट पैदा हो गया था. आमदनी का जरिया खत्म हो गया था. कारखाने बंद हो गये थे. ऐसी तमाम समस्याओं के मद्देनजर सरकार ने गरीबों को कोरोना काल के दौरान निशुल्क राशन मुहैया कराने का फैसला लिया था. जिसके लिये न केवल उन लोगों को अनाज दिया गया था. पहले से कार्ड धारक और गरीब मजदूरों के नये राशन कार्ड भी बनाये गये थे.

40 हजार के आसपास रही संख्या

कोरोना का दौर थमते ही उद्योग धंधे चालू हुए तो सरकार ने भी ऐसे लोगों की जांच करायी. जिन्होंने कोविड की अवधि में नये राशन कार्ड बनवाये थे. फिरोजाबाद में डीएम के निर्देश पर आंगनबाड़ी और लेखपालों ने घर-घर जाकर ऐसे कार्ड धारकों की जांच की, तो इसमें ऐसे लोग भी सामने आये जिनके पास अपना घर और कार भी मौजूद है. इसके साथ ही उनके कई मंजिला मकान भी थे. कुछ सरकारी कर्मचारियों ने भी इसका लाभ लिया. जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि जांच में 12 हजार कार्ड अपात्र मिले थे. जिन्हें निरस्त कर दिया गया है.

फिरोजाबादः कोरोना काल में कई ऐसे लोग भी थे, जो पात्र की श्रेणी में न होते हुए भी राशन लेते थे. डीएम ने इसकी जांच करवायी तो करीब 12 हजार से ज्यादा लाभार्थी पात्र नहीं पाये गये थे. जिसके बाद खाद्य आपूर्ति विभाग ने ऐसे सभी राशन कार्ड को निरस्त कर दिया.

गरीबों के लिए सरकार ने की थी व्यवस्था

कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से उद्योग धंधे बंद हो गये थे, लिहाजा गरीब तबके के जो लोग हैं, उनके सामने रोजी-रोटी का भी संकट पैदा हो गया था. आमदनी का जरिया खत्म हो गया था. कारखाने बंद हो गये थे. ऐसी तमाम समस्याओं के मद्देनजर सरकार ने गरीबों को कोरोना काल के दौरान निशुल्क राशन मुहैया कराने का फैसला लिया था. जिसके लिये न केवल उन लोगों को अनाज दिया गया था. पहले से कार्ड धारक और गरीब मजदूरों के नये राशन कार्ड भी बनाये गये थे.

40 हजार के आसपास रही संख्या

कोरोना का दौर थमते ही उद्योग धंधे चालू हुए तो सरकार ने भी ऐसे लोगों की जांच करायी. जिन्होंने कोविड की अवधि में नये राशन कार्ड बनवाये थे. फिरोजाबाद में डीएम के निर्देश पर आंगनबाड़ी और लेखपालों ने घर-घर जाकर ऐसे कार्ड धारकों की जांच की, तो इसमें ऐसे लोग भी सामने आये जिनके पास अपना घर और कार भी मौजूद है. इसके साथ ही उनके कई मंजिला मकान भी थे. कुछ सरकारी कर्मचारियों ने भी इसका लाभ लिया. जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि जांच में 12 हजार कार्ड अपात्र मिले थे. जिन्हें निरस्त कर दिया गया है.

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