फतेहपुर: छोटे-बड़े हर शहर में महिला सुरक्षा हमेशा एक बड़ा मुद्दा रहा है. सरकारें इसके लिए हर संभव कदम उठाने का दावा करती हैं. लेकिन यूपी के फतेहपुर में सरकारी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए सरकार ने हर जनपद में 181 महिला हेल्पलाइन की शुरुआत की थी. इस हेल्प लाइन का मकसद महिलाओं के साथ हो रहे किसी भी अत्याचार रोकना और उन्हें न्याय दिलाना है.
लेकिन, सरकार की 181 महिला हेल्पलाइन सेवा फतेहपुर में दम तोड़ रही है. यहां कार्यरत चार महिला कर्मचारियों को पिछले एक वर्ष से वेतन नहीं मिला है. जिसके कारण वो और उनका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है. इसके साथ ही अब इन लोगों की नौकरी चले का भी खतरा पैदा हो गया है. जिसके बाद इन महिला कर्मचारियों ने जिलाधिकारी संजीव सिंह को ज्ञापन सौंपकर सरकार से वेतन देने की गुहार लगाई है. साथ ही उन्हें नौकरी से न निकालाने की अपील भी की.
जनपद में 181 महिला हेल्पलाइन के कार्यालय में सेवा प्रदाता एजेंसी जीवीके इमेरी ने कर्मचारियों की नियुक्ति की है. जिले में चार महिलाएं लगातार अपनी सेवाएं दे रही हैं. 181 महिला हेल्पलाइन में कार्य कर रही शिल्पा सिंह ने बताया कि हम लोग महिला हेल्पलाइन में काम कर रहे हैं. हमारा काम किस भी प्रकार से पीड़ित महिला की मदद करना है. लेकिन हम लोगों को एक साल से वेतन नहीं मिला है.
शिल्पा ने बताया कि सरकार की तरफ से एक रेस्क्यू वैन दी गई थी, उसे भी छह माह पहले वापस ले लिया गया. जिससे हम कहीं जाकर किसी की मदद नही कर पा रहे हैं. उधर, कंपनी का कहना है कि हमें सरकार से बजट नहीं मिला है. जिसके लिए हम वेतन नही दे पाएंगे और आगे नौकरी पर भी नही रख पाएंगे. महिलाओं ने कहा कि हम लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही तंग हो गई है. सरकार से अपील है कि हमें हमारा वेतन दें और नौकरी भी दें.
एक और महिला कर्मचारी प्रीती ने कहा कि, हम लोगों को 2019 से वेतन नहीं मिला है. हम लोगों की 24 घंटे की नौकरी है. हमें किसी भी समय कॉल आती है तो हम लोग तुरंत पहुंचते हैं, चाहे रात हो या दिन. ऐसे में हमारे सामने बड़ी आर्थिक तंगी आ गई है. बच्चों की फीस देने पर भी काफी समस्या हो रही है.