ETV Bharat / state

फतेहपुरः यमुना उफान पर, गांव छोड़ पलायन को मजबूर हुए ग्रामीण

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में यमुना नदी उफान पर हैं. यमुना नदी का जलस्तर 30 घण्टों में 745 सेमी. बढ़ गया है, जिससे तटवर्तीय ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. अब यमुना खतरे के निशान से मात्र एक मीटर नीचे हैं.

फतेहपुर में यमुना उफान पर, गांव छोड़ पलायन को मजबूर ग्रामीण.
author img

By

Published : Sep 20, 2019, 3:04 PM IST

फतेहपुरः यमुना नदी में लगातार हो रही वृद्धि से तटवर्तीय ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है. कई लोगों के घर बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. ग्रामीण गांव छोड़कर ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं. इस विषम परिस्थिति में ग्रामीणों को प्रशासन भी मदद नहीं कर रहा है, जिससे ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं.

फतेहपुर में यमुना नदी उफान पर.

बांदा-कानपुर मार्ग बंद
बांदा-कानपुर मार्ग बाढ़ की चपेट में है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन बाधित है. जिले में यमुना के तटीय क्षेत्र बिंदकी, खागा और सदर सहित 65 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ का पानी गांवों में घुस जाने से लोग पलायन कर ऊंचे स्थान पर आ रहे हैं. इन गांवों में खतरे को देखते हुए बिजली काट दी गई है.

150 परिवार खुले आसमान के नीचे
ललौली कस्बे के पलटू का पुरवा गांव में के लगभग सभी घर बाढ़ में डूब चुके हैं. गांव में नाव चल रही है. गांव से कुछ दूर बाहर ऊंचे स्थान पर मवेशी के साथ लगभग 150 परिवार खुले आसमान के नीचे हैं. प्रशासन के द्वारा कुछ लोगों को तिरपाल मुहैया कराया गया है, जिससे वह तम्बू बनाए हैं, लेकिन अधिकांश को यह भी नहीं मिला है.

गांव में चल रही नाव
इन लोगों को खुद के साथ मवेशियों की भी चिंता है. इन लोगों से जब प्रशासन के द्वारा दिए जा रहे मदद के बारे में बातचीत की गई तो सभी ने प्रशासन के प्रति गुस्सा दिखाया. लोगों ने कहा कि अधिकारी केवल निरीक्षण कर रहें हैं. कोई व्यवस्था नही किए हैं. गांवों से लोगों को निकालने के लिए जो नाव चल रही है वह भी ग्रामीणों ने व्यवस्था की है. प्रशासन के द्वारा कोई नाव नहीं है दी गई है और इसी नाव से अधिकारी भी बाढ़ क्षेत्र का भ्रमड़ कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः-समय खत्म तो अहमियत खत्म, कुछ ऐसी कहानी है इस घाट की

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. लोगों को गांवों से निकलने के लिए नाव की व्यवस्था कर दी गई है. जिन गांवों में बिजली काटी गई है, वहां मिट्टी का तेल वितरित किया जा रहा है. बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं. मेडिकल टीम के साथ अन्य लोग मदद के लिए तैनात हैं.
-संजीव सिंह, जिलाधिकारी

फतेहपुरः यमुना नदी में लगातार हो रही वृद्धि से तटवर्तीय ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है. कई लोगों के घर बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. ग्रामीण गांव छोड़कर ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं. इस विषम परिस्थिति में ग्रामीणों को प्रशासन भी मदद नहीं कर रहा है, जिससे ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं.

फतेहपुर में यमुना नदी उफान पर.

बांदा-कानपुर मार्ग बंद
बांदा-कानपुर मार्ग बाढ़ की चपेट में है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन बाधित है. जिले में यमुना के तटीय क्षेत्र बिंदकी, खागा और सदर सहित 65 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ का पानी गांवों में घुस जाने से लोग पलायन कर ऊंचे स्थान पर आ रहे हैं. इन गांवों में खतरे को देखते हुए बिजली काट दी गई है.

150 परिवार खुले आसमान के नीचे
ललौली कस्बे के पलटू का पुरवा गांव में के लगभग सभी घर बाढ़ में डूब चुके हैं. गांव में नाव चल रही है. गांव से कुछ दूर बाहर ऊंचे स्थान पर मवेशी के साथ लगभग 150 परिवार खुले आसमान के नीचे हैं. प्रशासन के द्वारा कुछ लोगों को तिरपाल मुहैया कराया गया है, जिससे वह तम्बू बनाए हैं, लेकिन अधिकांश को यह भी नहीं मिला है.

गांव में चल रही नाव
इन लोगों को खुद के साथ मवेशियों की भी चिंता है. इन लोगों से जब प्रशासन के द्वारा दिए जा रहे मदद के बारे में बातचीत की गई तो सभी ने प्रशासन के प्रति गुस्सा दिखाया. लोगों ने कहा कि अधिकारी केवल निरीक्षण कर रहें हैं. कोई व्यवस्था नही किए हैं. गांवों से लोगों को निकालने के लिए जो नाव चल रही है वह भी ग्रामीणों ने व्यवस्था की है. प्रशासन के द्वारा कोई नाव नहीं है दी गई है और इसी नाव से अधिकारी भी बाढ़ क्षेत्र का भ्रमड़ कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः-समय खत्म तो अहमियत खत्म, कुछ ऐसी कहानी है इस घाट की

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. लोगों को गांवों से निकलने के लिए नाव की व्यवस्था कर दी गई है. जिन गांवों में बिजली काटी गई है, वहां मिट्टी का तेल वितरित किया जा रहा है. बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं. मेडिकल टीम के साथ अन्य लोग मदद के लिए तैनात हैं.
-संजीव सिंह, जिलाधिकारी

Intro:फतेहपुर- यमुना नदी का जलस्तर 30 घण्टा में 745 सेमी और बढ़ गया है। खतरे का निशान अब केवल एक मीटर के करीब बचा है और जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। बाँदा कानपुर मार्ग ललौली कस्बा के पास के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इस मार्ग पर वाहनों का चलना बंद हो गया है। जिले में यमुना के तटीय क्षेत्र बिंदकी, खागा और सदर 65 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
बाढ़ का पानी गांव में घुस आने से लोग पलायन कर ऊँचे स्थान पर आ रहें हैं। इन गांवों में खतरे को देखते हुए बिजली काट दी गई है।


Body:बाढ़ से पलायन करने वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ललौली कब्से के पलटू के पुरवा गांव में पानी मे घर डूब चुके हैं। नाव के सहारे लोग घरों से बाहर निकल रहें हैं।जरूरत के कुछ सामान के साथ लोग ऊँचे स्थान पर मवेशी के साथ डेरा बनाए हुए हैं। इन लोगों पर यमुना जहां कहर बरस रही है वहीं प्रशासन के तरफ से उठाए गए कदम भी अभी केवल निरीक्षण तक सिमटा हुआ है। जिला प्रशासन ने ललौली इंटर कालेज में बाढ़ कैम्प बनाया है लेकिन अभी वहाँ लोग नही जा रहें हैं।

गांव से कुछ दूर बाहर ऊंचे स्थान पर मवेशी के साथ लगभग 150 परिवार खुले आसमान के नीचे हैं। प्रशासन के द्वारा कुछ लोगो मे प्लास्टिक दिया गया है जिससे वह तम्बू बनाए हैं लेकिन अधिकांश को यह भी नही मिला है।
इन लोगों को रहने के साथ साथ खुद और मवेशियों के निवाले की चिंता अधिक है। इन लोगों से जब प्रशासन के द्वारा दिए जा रहे मदद के बारे में बातचीत किया गया तो सभी ने प्रशासन के प्रति गुस्सा दिखाया। लोगो ने कहा कि अधिकारी केवल निरीक्षण कर रहें हैं कोई व्यवस्था नही किए हैं।
गांवो से लोगों निकालने के लिए जो नाव चल रही है वह भी ग्रामीणों ने व्यवस्था किया है प्रशासन के द्वारा नही । जबकि इसी नाव से अधिकारी भी बाढ़ क्षेत्र का भ्रमड़ कर रहें हैं।


Conclusion:जिलाधिकारी संजीव सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का लगातार मॉनिटरिंग किया जा रहा है। लोगों को गांवो से निकलने के लिए नाव की व्यवस्था कर दी गई है । जिन गांवों में बिजली काटी गई है वहाँ मिट्टी का तेल वितरित किया जा रहा है। बाढ़ चौकियां बना दी गई है जहाँ पर मेडिकल की टीम के साथ अन्य लोग मदद के लिए तैनात हैं।



यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में इन लोगो को और भी परेशान होना पड़ेगा ऐसे हालात में प्रशासन को सक्रियता से इन लोगो की मदद करनी होगी।


जिलाधिकारी की बाईट रैप से भेजी जा रही है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.