फतेहपुरः यमुना नदी में लगातार हो रही वृद्धि से तटवर्तीय ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है. कई लोगों के घर बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. ग्रामीण गांव छोड़कर ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं. इस विषम परिस्थिति में ग्रामीणों को प्रशासन भी मदद नहीं कर रहा है, जिससे ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं.
बांदा-कानपुर मार्ग बंद
बांदा-कानपुर मार्ग बाढ़ की चपेट में है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन बाधित है. जिले में यमुना के तटीय क्षेत्र बिंदकी, खागा और सदर सहित 65 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ का पानी गांवों में घुस जाने से लोग पलायन कर ऊंचे स्थान पर आ रहे हैं. इन गांवों में खतरे को देखते हुए बिजली काट दी गई है.
150 परिवार खुले आसमान के नीचे
ललौली कस्बे के पलटू का पुरवा गांव में के लगभग सभी घर बाढ़ में डूब चुके हैं. गांव में नाव चल रही है. गांव से कुछ दूर बाहर ऊंचे स्थान पर मवेशी के साथ लगभग 150 परिवार खुले आसमान के नीचे हैं. प्रशासन के द्वारा कुछ लोगों को तिरपाल मुहैया कराया गया है, जिससे वह तम्बू बनाए हैं, लेकिन अधिकांश को यह भी नहीं मिला है.
गांव में चल रही नाव
इन लोगों को खुद के साथ मवेशियों की भी चिंता है. इन लोगों से जब प्रशासन के द्वारा दिए जा रहे मदद के बारे में बातचीत की गई तो सभी ने प्रशासन के प्रति गुस्सा दिखाया. लोगों ने कहा कि अधिकारी केवल निरीक्षण कर रहें हैं. कोई व्यवस्था नही किए हैं. गांवों से लोगों को निकालने के लिए जो नाव चल रही है वह भी ग्रामीणों ने व्यवस्था की है. प्रशासन के द्वारा कोई नाव नहीं है दी गई है और इसी नाव से अधिकारी भी बाढ़ क्षेत्र का भ्रमड़ कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ेंः-समय खत्म तो अहमियत खत्म, कुछ ऐसी कहानी है इस घाट की
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. लोगों को गांवों से निकलने के लिए नाव की व्यवस्था कर दी गई है. जिन गांवों में बिजली काटी गई है, वहां मिट्टी का तेल वितरित किया जा रहा है. बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं. मेडिकल टीम के साथ अन्य लोग मदद के लिए तैनात हैं.
-संजीव सिंह, जिलाधिकारी