फतेहपुर: प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पबद्ध नजर आ रही है. समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के बच्चे को भी अच्छी शिक्षा सुविधा मिल सके. इसके लिए प्रदेश सरकार की तरफ से हर संभव कोशिश की जा रही है. पढ़ाई के दौरान गर्मी, प्रकाश और साफ पानी की समस्या से बच्चों को निजात दिलाने के लिए जिले के प्राइमरी विद्यालयों में सोलर पैनल इंस्टाल किए जा रहे हैं, जिसकी मदद से विद्यालय में पांच पंखे और आरओ प्लांट व बोरिंग पंप चल सकेंगे.
सोलर पैनल से हाईटेक हो रहे विद्यालय 100 विद्यालयों में होगा इंस्टाल सोलर पैनल स्कीम के लिए अभी प्रदेश के 10 जिलों का ही चयन हुआ है, जिसमें फतेहपुर भी शामिल है. इसी क्रम में जिले के 100 प्राथमिक विद्यालयों में सोलर प्लांट इंस्टाल किए गए हैं. यह पैनल लगाने के लिए नेडा का चयन किया गया है. नेडा की तरफ से विद्यालयों में ये पैनल इंस्टाल किए जा रहे हैं. क्योंकि ज्यादातर विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में हैं, जिससे अभी तक विद्यालयों में लाइट की बड़ी समस्या बनी हुई थी. यूपी के फतेहपुर जिले में प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को स्वच्छ पेयजल और प्रकाश की व्यवस्था के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं. होती थी समस्याएं कई जगहों में तो गांवों में लाइट आने और विद्यालय के शिक्षण कार्य का समय अलग होता था, जिससे बच्चों को गर्मी, अंधेरा और पेयजल की समस्याओं का सामना करना पड़ता था. इस पैनल के लग जाने से विद्यालय में लगे नलकूपों में मोटर डालकर पानी निकाला जा सकता है. इतना ही नहीं सभी विद्यालयों में शुद्ध पानी हेतु आरओ प्लांट भी लगाए गए हैं, जिससे बच्चों को स्वच्छ पानी मिल सके. यह आरओ प्लांट भी इसी सोलर पैनल से चलेगा. इसके खराब होने पर 5 वर्षों तक नेडा द्वारा रिपेयर करने की भी जिम्मेदारी है.कई जगहों में तो गांवों में लाइट आने और विद्यालय के शिक्षण कार्य का समय अलग होता था, जिससे बच्चों को गर्मी, अंधेरा और पेयजल की समस्याओं का सामना करना पड़ता था. कितना होगा सफल इस योजना से जहां एक तरफ बच्चों को सुविधाएं मिलेंगी, वहीं दूसरी तरफ इनके खराब और चोरी होने की स्थिति में कौन जिम्मेदार होगा. जिले के भिटौरा ब्लॉक अंतर्गत मकनपुर गांव में स्थित विद्यालय में लगाया गया यह सोलर प्लांट चलने से पहले ही चोरी हो गया. अब ऐसे में यह दोबारा कब लगेगा इसकी कोई जानकारी नहीं है. दूसरी बात यह कि नेडा की तरफ से ही विकास भवन में सोलर पैनल लगाया गया था, जो कि एक वर्ष में ही खराब हो गया था, जिसके बाद लंबा समय बीत जाने के बाद भी नेडा की तरफ से सुधारा नहीं गया, जिसपर जिलाधिकारी ने कड़ी फटकार लगाई थी. अब सवाल यही है कि यह प्रोजेक्ट कितना सफल हो पाएगा. यह तो देखने वाली बात होगी.इसमें 1.1 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया जाता है. इसमें बच्चों के लिए पांच पंखे और पानी के लिए 100 लीटर क्षमता का आरओ प्लांट लगाया जाता है. योजना की जानकारी देते हुए नेडा अधिकारी ओ.पी शुक्ला ने बताया कि जिले में 100 विद्यालयों का चयन हुआ था, जिसमें अवस्थापना एवं इंस्टालेशन का कार्य कराया जा रहा है. इसमें 1.1 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया जाता है. इसमें बच्चों के लिए पांच पंखे और पानी के लिए 100 लीटर क्षमता का आरओ प्लांट लगाया जाता है. साथ ही एक-एक हजार क्षमता की दो टंकिया रखी जाती हैं, जिनको भरने के लिए भी सोलर का उपयोग किया जाता है.जिले में 100 विद्यालयों का चयन हुआ था, जिसमें अवस्थापना एवं इंस्टालेशन का कार्य कराया जा रहा है. उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 2.60 लाख रुपये है. कहीं-कहीं विद्यालयों में हैंडपंप बोरिंग की समस्या आ रही है, जिसको ठीक कराने या रिबोर कराने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि यह योजना बच्चों के लिए दूरगामी परिणाम लेकर आएगी और अच्छी साबित होगी.