फतेहपुर: केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक के खिलाफ कानून पास किया जा चुका है. तीन तलाक देने पर गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज होता है. बावजूद इसके तीन तलाक की घटनाओं में कमी नहीं आई है. जनपद में गुरुवार को दहेज न मिलने पर महिला को प्रताड़ित कर तीन तलाक दिए जाने का मामला सामने आया है. एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी पत्नी को भरी पंचायत के सामने तलाक दे दिया. पीड़िता ने सदर कोतवाली में तहरीर दी है. पुलिस ने पत्नी की तहरीर की तहरीर पर पति सहित आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पीड़िता शाजिया बेगम ने बताया कि उसकी शादी 15 नवम्बर 2019 को इस्तेखार अहमद के साथ मुस्लिम रीति-रिवाज के साथ हुई थी. इसके बाद कुछ दिनों तक वैवाहिक जीवन खुशहाल रहा. लेकिन, कुछ समय बाद अचानक ससुरालीजन अतिरिक्त दहेज में रुपये की मांग कर उसे प्रताड़ित करने लगे. पति सहित ससुरालीजन बार-बार ताना देकर अपने साथ नहीं रखने की बात कहने लगे. इसको लेकर कई बार पंचायतें भी हुई.
पीड़िता ने कहा कि कुछ दिन पहले पति इस्तेखार अहमद ने उसके मारपीट कर बेटी के साथ घर से बाहर निकाल दिया. इस दौरान उसके ससुर इकरार अहमद, जेठ वकार, सास नसरीन बनो, ननद रोकय्या बानो, नंदोई शाहदीन और शकील व वकील ने कहा कि अपने पिता से 5 लाख रुपए लेकर आओ, नहीं तो तीन तलाक दिला देंगे. इसके बाद कई बार पंचायत लेकिन किसी तरह का कोई समाधान नहीं निकला. इसके बाद पति ने भरी पंचायत में सबके सामने उसे तीन तलाक दे दिया.
पीड़िता की मां शबनम बेगम ने बताया कि बेटी की शादी में चार पहिया गाड़ी दी थी और 30 लाख रुपये खर्चा किया था. फिर भी ससुराल वाले और रुपयों की मांग कर रहे थे. इसके लिए बेटी को मारते-पीटते भी थे. तभी उसके बेटी हो गई और ससुराल वाले बेटा चाह रहे थे. इसलिए मारपीट कर शाजिया को घर से निकाल दिया. जबकि हम लोग उन्हें और रुपये देने के लिए व्यवस्था करने में लगे थे. ससुरालीजन पांच लाख रुपये मांग रहे थे. पैसे ज्यादा होने के कारण हमने उनसे समय मांगा था. वरिष्ठ उपनिरीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज करते हुए मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
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