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बच्चों ने बदल दी 'ईच वन टीच वन' की तस्वीर, परिजनों को यूं कर रहे साक्षर

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राएं 'ईच वन टीच वन' के माध्यम से खुद तो पढ़ते ही हैं, अपने परिजन और ग्रामीणों को भी शिक्षित करने में जुटे हुए हैं. आइये देखते हैं...आखिर ये नौनिहाल किस तरह लोगों को शिक्षित करने में जुटे हुए हैं.

बच्चे कर रहे परिजनों को साक्षर.
बच्चे कर रहे परिजनों को साक्षर.
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Published : Feb 8, 2020, 3:10 PM IST

फतेहपुर: सर्व शिक्षा अभियान के तहत देश भर में 'सब पढ़े, सब बढ़े' के तर्ज पर प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा सरकार निःशुल्क दे रही है. सरकार की मंशा के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के मासूम अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. सरकार बच्चों को शिक्षित कर भविष्य उज्ज्वल बनाने के सपने देख रही है. वहीं फतेहपुर जिले का प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर इससे एक कदम आगे है. यहां भविष्य को उज्ज्वल करने के साथ-साथ वर्तमान को भी चमकाने का प्रयास किया जा रहा है.

बच्चे कर रहे परिजनों को साक्षर.

विद्यालय में मिशन 'ईच वन, टीच वन' के माध्यम से कक्षा पांच के छात्र अपने परिजन और पड़ोस के किसी अशिक्षित व्यक्ति को साक्षर करने में जुट गए हैं. छात्र स्कूल की पढ़ाई के बाद घर पर एक घण्टा दूसरे को साक्षर बनाने में देते हैं. छात्र स्कूल के बाद अपने स्वैच्छिक दायित्व का निर्वहन करते हैं या नहीं, इसकी निगरानी शिक्षिका नीलम भदौरिया गांव में भ्रमण कर करती हैं.

सरकारी स्कूल की बदली तस्वीरें
जिले के मलवा ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए राज्य उत्कृष्ट विद्यालय से पुरस्कृत किया जा चुका है. विद्यालय के शिक्षक स्वप्रेरणा से सरकारी स्कूल की तस्वीर बदल गए हैं. यह विद्यालय जिले के किसी नामी कॉन्वेंट स्कूल को टक्कर दे रहा है. ग्रामीण समाज शिक्षित, संस्कारी और जागरूक हो, इसके लिए प्रधानाचार्य नीलम भदौरिया ने स्वप्रेरणा से विद्यालय का कायाकल्प किया.

बच्चे गांव को कर रहे शिक्षित

इस मिशन से न केवल बच्चे शिक्षित हो रहे हैं, बल्कि गांव का समाज भी शिक्षित हो रहा है. विकास में अपनी भागीदारी दर्ज कराने में साक्षरता के कारण सहज नहीं हैं. वह भी समाज का प्रमुख हिस्सा बनें, इसके लिए मिशन 'ईच वन टीच वन' चलाया जा रहा है. इसमें पढ़ेंगे और पढ़ाएंगे की तर्ज पर कक्षा पांच के छात्र, जो प्राथमिक स्तर से शिक्षित हो चुके हैं वह अपने परिजन और पड़ोसियों को शिक्षित करने में जुटे हुए हैं.

छात्र और परिजन को किया जाएगा शिक्षित
प्रधानाचार्या नीलम ने बताया कि 'ईच वन टीच वन' के माध्यम से कक्षा पांच के छात्र-छात्राओं को हम लोगों ने प्रेरित किया. वे अपने घर में या आसपास पड़ोस में जो कोई भी पढ़ा-लिखा नहीं है उसे एक घण्टा समय देकर उन्हें पढ़ाएंगे. बच्चे कितना पढ़ा रहे हैं इसका मूल्याकंन विद्यालय में किया जाता है. मूल्याकंन के लिए विद्यालय में परिजनों की मीटिंग की जाती है. वहीं गांव में जाकर छात्रों के परिजनों से भी मुलाकात किया जाता है.

छात्र प्रेरित होकर अपने परिजन को शिक्षित कर रहे हैं. इससे जहां ग्रामीण साक्षर हो रहे हैं, वहीं छात्रों में भी कुछ करने की इच्छा और साहस उत्पन्न हो रही है. शिक्षिका ने बताया कि जो छात्र इसमें सक्रियता से जुड़े हैं और जो परिजन शिक्षित होने के लिए प्रयास कर रहे हैं, इनके उत्साहवर्धन के लिए विद्यालय के वार्षिकोत्सव में सम्मानित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- फतेहपुर: परिषदीय विद्यालयों में 14 फरवरी को होगी लर्निंग आउटकम परीक्षा

फतेहपुर: सर्व शिक्षा अभियान के तहत देश भर में 'सब पढ़े, सब बढ़े' के तर्ज पर प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा सरकार निःशुल्क दे रही है. सरकार की मंशा के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के मासूम अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. सरकार बच्चों को शिक्षित कर भविष्य उज्ज्वल बनाने के सपने देख रही है. वहीं फतेहपुर जिले का प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर इससे एक कदम आगे है. यहां भविष्य को उज्ज्वल करने के साथ-साथ वर्तमान को भी चमकाने का प्रयास किया जा रहा है.

बच्चे कर रहे परिजनों को साक्षर.

विद्यालय में मिशन 'ईच वन, टीच वन' के माध्यम से कक्षा पांच के छात्र अपने परिजन और पड़ोस के किसी अशिक्षित व्यक्ति को साक्षर करने में जुट गए हैं. छात्र स्कूल की पढ़ाई के बाद घर पर एक घण्टा दूसरे को साक्षर बनाने में देते हैं. छात्र स्कूल के बाद अपने स्वैच्छिक दायित्व का निर्वहन करते हैं या नहीं, इसकी निगरानी शिक्षिका नीलम भदौरिया गांव में भ्रमण कर करती हैं.

सरकारी स्कूल की बदली तस्वीरें
जिले के मलवा ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए राज्य उत्कृष्ट विद्यालय से पुरस्कृत किया जा चुका है. विद्यालय के शिक्षक स्वप्रेरणा से सरकारी स्कूल की तस्वीर बदल गए हैं. यह विद्यालय जिले के किसी नामी कॉन्वेंट स्कूल को टक्कर दे रहा है. ग्रामीण समाज शिक्षित, संस्कारी और जागरूक हो, इसके लिए प्रधानाचार्य नीलम भदौरिया ने स्वप्रेरणा से विद्यालय का कायाकल्प किया.

बच्चे गांव को कर रहे शिक्षित

इस मिशन से न केवल बच्चे शिक्षित हो रहे हैं, बल्कि गांव का समाज भी शिक्षित हो रहा है. विकास में अपनी भागीदारी दर्ज कराने में साक्षरता के कारण सहज नहीं हैं. वह भी समाज का प्रमुख हिस्सा बनें, इसके लिए मिशन 'ईच वन टीच वन' चलाया जा रहा है. इसमें पढ़ेंगे और पढ़ाएंगे की तर्ज पर कक्षा पांच के छात्र, जो प्राथमिक स्तर से शिक्षित हो चुके हैं वह अपने परिजन और पड़ोसियों को शिक्षित करने में जुटे हुए हैं.

छात्र और परिजन को किया जाएगा शिक्षित
प्रधानाचार्या नीलम ने बताया कि 'ईच वन टीच वन' के माध्यम से कक्षा पांच के छात्र-छात्राओं को हम लोगों ने प्रेरित किया. वे अपने घर में या आसपास पड़ोस में जो कोई भी पढ़ा-लिखा नहीं है उसे एक घण्टा समय देकर उन्हें पढ़ाएंगे. बच्चे कितना पढ़ा रहे हैं इसका मूल्याकंन विद्यालय में किया जाता है. मूल्याकंन के लिए विद्यालय में परिजनों की मीटिंग की जाती है. वहीं गांव में जाकर छात्रों के परिजनों से भी मुलाकात किया जाता है.

छात्र प्रेरित होकर अपने परिजन को शिक्षित कर रहे हैं. इससे जहां ग्रामीण साक्षर हो रहे हैं, वहीं छात्रों में भी कुछ करने की इच्छा और साहस उत्पन्न हो रही है. शिक्षिका ने बताया कि जो छात्र इसमें सक्रियता से जुड़े हैं और जो परिजन शिक्षित होने के लिए प्रयास कर रहे हैं, इनके उत्साहवर्धन के लिए विद्यालय के वार्षिकोत्सव में सम्मानित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- फतेहपुर: परिषदीय विद्यालयों में 14 फरवरी को होगी लर्निंग आउटकम परीक्षा

Intro: स्पेशल स्टोरी फतेहपुर- सर्व शिक्षा अभियान के तहत देश भर में सब पढ़े सब बड़े के तर्ज पर प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा सरकार निःशुल्क दे रही है। सरकार के मंशा के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के मासूम अच्छी शिक्षा पा रहें हैं। जहां सरकार बच्चों को शिक्षित कर भविष्य उज्ज्वल बनाने के सपने देख रही है वहीं फ़तेहपुर जिले का प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर इससे एक कदम आगे है यहां भविष्य उज्ज्वल करने के साथ साथ वर्तमान को भी चमकाने के प्रयास किया जा रहा है। विद्यालय में मिशन ईच वन टीच वन के माध्यम से कक्षा पांच के छात्र अपने परिजन या पड़ोस के किसी एक अशिक्षित व्यक्ति को साक्षर करने में जुट गए हैं। छात्र स्कूल की पढ़ाई के बाद घर पर एक घण्टा की दूसरे को साक्षर बनाने में देते हैं। छात्र स्कूल के बाद अपने स्वैच्छिक दायित्व का निर्वहन करते हैं या नही इसकी निगरानी शिक्षिका नीलम भदौरिया गांव में भ्रमण कर करती हैं।


Body:जिले के मलवा ब्लाक का प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए राज्य उत्कृष्ट विद्यालय से पुरस्कृत किया जा चुका है। विद्यालय के शिक्षक स्वप्रेरणा से सरकारी स्कूल की तस्वीर बदल दिए हैं। यह विद्यालय जिले के किसी नामी कान्वेंट स्कूल का टक्कर दे रहा है। ग्रामीण समाज शिक्षित , संस्कारी, और जागरूक हो इसके लिए प्रधानाचार्य नीलम भदौरिया ने स्वप्रेरणा से विद्यालय का कायाकल्प किया । इससे बच्चे तो शिक्षित होने लगे जिससे गांव का तो भविष्य तो उज्ज्वल किया जा सकता है लेकिन वर्तमान समय मे जो अशिक्षित है जिन्हें समाज के विकास में अपनी भागीदारी दर्ज कराने में साक्षरता के कारण सहज नही हैं वह भी समाज का प्रमुख हिस्सा बने इसके लिए मिशन ईच वन टीच वन चलाया जा रहा है। इसमें पढ़ेगें और पढ़ाएंगे की तर्ज पर कक्षा पांच के छात्र जो प्राथमिक स्तर से शिक्षित हो चुके के अपने परिजन या पड़ोस के किसी एक अशिक्षित व्यक्ति को साक्षर करने में जुट गए हैं।


Conclusion:प्रधानाचार्या नीलम ने बताया कि ईच वन टीच वन के माध्यम से कक्षा पांच के छात्र छात्राओं को हम लोगों के प्रेरित किया कि वे अपने घर मे या आसपास पड़ोस में जो कोई भी पढ़ा लिखा नही है उसे एक घण्टा समय देकर उन्हें पढ़ाएंगे। बच्चे कितना पढ़ा रहें हैं इसका मूल्याकंन विद्यालय में किया जाता है। मूल्याकंन के लिए विद्यालय में परिजनों की मीटिंग किया जाता है वहीं गांव में जाकर छात्रों के परिजनों से भी मुलाकात किया जाता है। छात्र प्रेरित होकर अपने परिजन को शिक्षित कर रहें हैं। इससे जहां ग्रामीण साक्षर हो रहें हैं वहीं छात्रों में भी कुछ करने की इच्छा और साहस उत्पन्न हो रही है जो इसने भविष्य के लिए बेहतर होगा। शिक्षिका ने बताया कि जो छात्र इसमें सक्रियता से जुड़े हैं और जो परिजन शिक्षित होने के लिए प्रयास कर रहें हैं इनके उत्साहवर्धन के लिए विद्यालय के वार्षिकोत्सव में सम्मानित किया जाएगा। बॉइट 1 छात्र दिव्यांश 2 परिजन 3 प्रधानाचार्या नीलम भदौरिया 4- छात्रा अंजली अभिषेक सिंह फतेहपुर 78060904510
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