फतेहपुर: आज के दौर में जब इंसानी रिश्ते तार-तार हो रहें. वहीं एक इंसान और जानवर के बीच जुड़ा भावनात्मक रिश्ता इतना गहरा हो गया कि एक की मौत पर दूसरे के भी प्राण निकल गए. लोगों ने जब इस खबर को सुना तो हर कोई यही कह रहा है कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है.
ऐसा ही एक हैरतअंगेज वाक्या जिले के खागा तहसील क्षेत्र के किशनपुर कस्बे से सामने आया है. जानकारी के अनुसार यहां रहने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक शिव सिंह ने एक बंदर पाल रखा था. बताया जाता है कि उनके कोई औलाद नहीं थी. इसलिए वह उस बंदर को अपने पुत्र के समान रखते थे. उसकी देखभाल करना, उसको समय से खाना देना आदि वह अपनी वृद्ध पत्नी के साथ करते थे.
इसी बीच पिछले कुछ समय से रिटायर्ड शिक्षक की वृद्धावस्था होने के चलते तबीयत खराब रहने लगी. इसके चलते बंदर की देखभाल वह कम कर पाते थे. इसके चलते परिवारीजनों ने बंदर को ले जाकर खागा के जंगलों में छोड़ दिया, लेकिन बंदर अपने मालिक को खोजते-खोजते तीन चार दिनों पहले फिर से किशनपुर उनके घर पहुंच गया था.
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बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम रिटायर्ड शिक्षक की तबीयत ज्यादा खराब हो गई और उनकी ह्र्दयगति रुकने से मौत हो गई. मौत के बाद परिजन शव के पास बैठकर रोने लगे. इसी बीच बंदर भी शव के बगल में आकर लेट गया. थोड़ी देर बाद बन्दर के शरीर में हरकत होनी बन्द हो गई तो लोगों ने बंदर का शरीर छूकर देखा तो उसके शरीर से प्राण निकल चुके थे.
बंदर की इस तरह हुई अचानक मौत से लोगों के बीच चर्चाओं का दौर शुरू हो गया और लोग बंदर का अपने मालिक के साथ इस तरह का प्रेम देख हतप्रभ हैं. बुधवार को रिटायर्ड शिक्षक की अर्थी के साथ ही बंदर की भी अर्थी को निकाल लोगों ने दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया.